Saturday, December 20, 2014

ई-सिगरेट, नए तरह का नशा

यूं तो ई-सिगरेट का इस्तेमाल सिगरेट छोड़ने वाले लोग एक माध्यम के तौर पर करते हैं, लेकिन भारत में बिना किसी नियम-कानून के चलते, दिन दोगुनी और रात चौगुनी गति से बढ़ रहा यह बाजार अब पूरी तरह से बेलगाम हो गया है। आलम यह है कि अभी तक सिगरेट छुड़ाने के लिए इलाज के एक माध्यम के रूप में बाजार में मिलने वाली यह ई-सिगरेट, नए तरह का नशा बनकर उभर रही है।
डॉक्टरों के अनुसार बाजार में मिलने वाली ई-सिगरेट्स में कई ब्रैंड ऐसे हैं, जिनमें सामान्य सिगरेट से भी कहीं ज्यादा मात्रा में निकोटीन है और यह सिगरेट की तरह ही खतरनाक है। 

इस साल अक्टूबर में मॉस्को में हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के तंबाकू नियंत्रण सेमिनार में ई-सिगरेट को सामान्य सिगरेट के जैसे ही खतरनाक और नुकसानदायक माना। वहीं सितंबर में दिल्ली में दक्षिण-एशियाई देशों की बैठक में भी इसे नुकसानदायक करार दिया गया है। यही कारण है कि भारत में ई-सिगरेट पर कड़े नियम बनाने की मांग बढ़ गई है। 
भारत में सार्वजनिक स्थान पर सिगरेट पीने पर प्रतिबंध है, लेकिन ई-सिगरेट पीने पर कोई नियम-कानून नहीं है। यही कारण है कि पिछले कुछ सालों में ऑनलाइन ई-सिगरेट मंगाने का ट्रेंड बहुत ज्यादा बढ़ा है। मुंबई की हील्स फाउंडेशन के डॉ. प्रकाश गुप्ता का कहना है कि ई-सिगरेट में निकोटीन के ऐसे उत्पाद हैं, जिन्हें बिना किसी रोक-टोक के आसानी से इंटरनेट से मंगाया जा रहा है।
भारत में तंबाकू पर बने कानून के तहत 18 साल से कम उम्र के बच्चों को तंबाकू प्रॉडक्ट नहीं दिए जाते, जबकि इंटरनेट के माध्यम से ई-सिगरेट किसी भी उम्र के लोग मंगा रहे हैं। 
गौरतलब है कि ई-सिगरेट बनाने वाली कंपनियां इसे सामान्य सिगरेट से कम हानिकारक के तौर पर प्रचारित कर रही हैं, लेकिन डॉक्टरों की राय इससे जुदा है। टाटा अस्पताल के हेड ऐंड नेक सर्जन, डॉ. पंकज चतुर्वेदी का कहना है कि किसी भी रिसर्च के माध्यम से यह साबित नहीं हुआ है कि ई-सिगरेट, सिगरेट के 'डी-अडिक्शन' के लिए किसी भी तरह से कारगर साबित हुई है बल्कि, यह उतनी ही नुकसानदायक है जितनी सामान्य सिगरेट। कई ब्रैंड के ई-सिगरेट में 36 मिलीग्राम तक निकोटीन की मात्रा होती है, जो उसे सामान्य सिगरेट से भी ज्यादा खतरनाक बनाती है।
 ई-सिगरेट बैटरी से चलने वाले ऐसा उपकरण है, जो निकोटीन को सीधे फेफड़ों तक पहुंचाता है। ई-सिगरेट, देखने में बिलकुल सामान्य सिगरेट या सिगार जैसी प्लास्टिक या मेटल से बनी होती है। बाजार में ई-सिगरेट के 7764 से भी ज्यादा फ्लेवर उपलब्ध हैं। 

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