Monday, December 15, 2014

विज्ञापन से जुड़ा कागज महासचिव की मेज पर जमा

सरकार ने उन रिपोर्टों का खंडन किया है, जिसमें कहा गया था कि क्रिसमस के दिन 'सुशासन दिवस' मनाने के लिए सीबीएसई के स्कूलों को खोले रखने के लिए निर्देश दिए गए हैं। राज्यसभा में इस मुद्दे पर विपक्ष ने भारी विरोध जताया, जिस पर सरकार की ओर से सफाई दी गई कि ऐसा कोई निर्देश नहीं दिया गया है। सरकार ने कहा कि इस विषय पर केवल एक ऑनलाइन निबंध प्रतियोगिता आयोजित की गई है। 
विपक्ष द्वारा सोमवार को शून्यकाल में यह मुद्दा उठाए जाने पर सदन के नेता और वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा, 'खबर तथ्यात्मक रूप से गलत है।' उन्होंने कहा कि मानव संसाधन विकास मंत्री ने उन्हें सूचित किया है कि ऐसे कोई निर्देश नहीं जारी किए गए हैं। केवल एक ऑनलाइन निबंध प्रतियोगिता होगी। बात बस इतनी ही है। 

इससे पहले सीपीएम नेता सीताराम येचुरी ने यह मुद्दा उठाते हुए कहा कि स्कूलों से कहा गया है कि वे सुशासन दिवस मनाने के लिए 25 दिसंबर को अपना विद्यालय खोले रखें। उन्होंने कहा, 'इस बारे में सरकार की ओर से आदेश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि इससे पहले महात्मा गांधी के जन्मदिवस के दिन पर स्वच्छता दिवस मनाया गया था। 
दोपहर 12 बजे सदन की बैठक फिर शुरू होने पर सीपीएम नेता सीताराम येचुरी ने अपना आरोप दोहराया कि धर्मांतरण का मुद्दा एक बड़े पैकेज का हिस्सा है, जिसके जरिये देश के संवैधानिक स्वरूप पर प्रहार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि 25 दिसंबर को क्रिसमस के दिन 'सुशासन का अभियान' चलाने के लिए सरकारी विज्ञापन जारी किए गए हैं और उस दिन छुट्टी नहीं होगी। 
सभापति हामिद अंसारी द्वारा इस बात को प्रमाणित करने की अनुमति दिए जाने पर येचुरी ने विज्ञापन से जुड़ा कागज महासचिव की मेज पर जमा कर दिया। इसके बाद कांग्रेस के उपनेता आनंद शर्मा ने नियम 267 के तहत अपने नोटिस की बात दोहराई, जिस पर अंसारी ने कहा कि आपको सूचित किया जा चुका है कि आपका नोटिस स्वीकार नहीं किया गया है। 
विपक्षी सदस्यों द्वारा प्रश्नकाल नहीं चलने देने पर सभापति ने बैठक शुरू होने के दो मिनट बाद ही 10 मिनट के लिए स्थगित कर दी। बैठक फिर शुरू होने पर जेडीयू नेता शरद यादव ने कहा, 'देश जिस स्थिति से गुजर रहा है, उसमें प्रश्नकाल ज्यादा महत्वपूर्ण नहीं है। देश के मौजूदा हालात अराजकता पैदा कर सकते हैं। अगर इस विषय पर सदन में चर्चा नहीं हुई तो दुष्परिणाम सामने आएंगे।' 
यादव ने कहा, 'इस मुद्दे (धर्मांतरण) पर सरकार और विपक्ष के बीच आम सहमति बनना जरूरी है।' इस पर संसदीय कार्य राज्यमंत्री नकवी ने कहा, 'हम देश में शांति और सौहार्द के लिए प्रतिबद्ध हैं। हमारा संकल्प है कि कोई ताकत देश में शांति और सौहार्द को नहीं बिगाड़ पाएगी। अगर आसन चाहे तो हम किसी भी समय चर्चा के लिए तैयार हैं।' हालांकि कांग्रेस, जेडी(यू), सीपीएम, तृणमूल कांग्रेस समेत सभी विपक्षी दलों के सदस्य मंत्री के बयान पर असंतोष जताते हुए अपनी मांग पर अड़े रहे। हंगामा जारी रहने पर सभापति ने सदन की बैठक दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी।

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