Thursday, July 30, 2009
दो बार डेड घोषित कर दिया, वह दफनाए जाने से पहले जीवित निकला।
युवती को कथित तौर पर छेड़ने के बाद युवती ने उस पर हमला कर दिया
Monday, July 27, 2009
20 लाख रुपये तक के मकानों के 10 लाख रुपये तक के होम लोन पर ब्याज में एक पर्सेंट की सब्सिडी
Saturday, July 25, 2009
बोलो जी तुम क्या-क्या खरीदोगे?
Tuesday, July 21, 2009
कलाम के साथ दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर बदसलूकी की गई।
डॉ. कलाम की बेइज़्ज़ती का जवाब कैसे दिया जाना चाहिए
इस दौरान डॉ . कलाम के साथ भारत सरकार के एक प्रोटोकॉल अधिकारी कस्टम , सीआईएसएफ , इमीग्रेशन और डायल के अफसर एयरोब्रिज के नजदीक पहुंचे। वहां मौजूद कॉन्टीनेंटल एयरलाइंस के अफसरों ने डॉ . कलाम को सुरक्षा जांच के लिए लाइन में लगने को कहा। प्रोटोकॉल अफसरों ने जांच अधिकारियों को डॉ . कलाम के कद और पद के बारे में सूचित भी किया। बावजूद इसके अपने देश की सरजमीं पर ही उन्हें एयरलाइंस के जांच अधिकारियों ने सुरक्षा संबंधी जांच में छूट देने से इनकार कर दिया। अधिकारियों ने न केवल डॉ . कलाम का पर्स , मोबाइल स्कैन किया बल्कि उनके जूते तक उतरवा लिए। डॉ . कलाम ने अपनी सादगी का परिचय देते हुए अफसरों की मांग के मुताबिक न केवल जांच से सहयोग किया बल्कि बिना शिकायत विमान में सवार हो गए।
एयरपोर्ट सूत्रों के मुताबिक , कॉन्टीनेंटल एयरलाइंस ने इंडियन एयरलाइंस की सब्सिडरी कंपनी एएसएल को सुरक्षा जांच की जिम्मेदारी सौंपी हुई है। कलाम की जांच करने वाली टीम के सदस्य का कहना है कि पूर्व राष्ट्रपति को देखने के बाद वह असमंजस में पड़ गए लेकिन मौके पर मौजूद एयरलाइंस के विदेशी अधिकारी ने नो वन इज एग्जेम्टेड ( किसी को छूट नहीं ) कहते हुए जांच के आदेश दिए। इसी एयरलाइंस से जुडे़ एक अन्य अधिकारी ने घटना को शर्मनाक बताते हुए कहा , कई बार इसी कंपनी के कर्मचारी भारत में प्रशिक्षण के लिए आते हैं और कभी सुरक्षा जांच से नहीं गुजरते हैं , लेकिन यह एयरलाइंस अक्सर भारत के प्रतिष्ठित नागरिकों और राजनयिकों की सुरक्षा जांच के नाम पर बेइज्जत करती आई है। जबकि , कानून के मुताबिक राष्ट्रपति , प्रधानमंत्री , पूर्व राष्ट्रपति और पूर्व प्रधानमंत्रियों को एयरपोर्ट पर सुरक्षा जांच से छूट मिलती है। लेकिन इस अमेरिकी एयरलाइन कंपनी ने नियमों की धज्जियां उड़ा दीं।
राज्य सभा में गूंजा मामला , सरकार ने दिए जांच के आदेश
इस मामले की गूंज संसद में भी मंगलवार को सुनाई दी। बीजेपी ने राज्यसभा में इस मामले को जोरदार तरीके से उठाते हुए अमेरिकी एयरलाइन की उड़ानों पर रोक लगाने की मांग कर दी। वहीं , समाजवादी पार्टी ( एसपी ) के वरिष्ठ नेता जनेश्वर मिश्र ने कहा कि यह बेहद गंभीर मामला है। उन्होंने कहा कि यह मामला महज प्रक्रियागत या खानापूरी नहीं है। बल्कि इसके पीछे काले - गोरे , ऊंचे - नीचे इंसानों की सोच काम कर रही है। उन्होंने गांधी , मंडेला और राम मनोहर लोहिया जैसी हस्तियों का नाम इस सिलसिले में लेते हुए पूरे मामले को एक भारतीय का अपमान करार दिया। उन्होंने कहा कि यह साफ तौर पर रंगभेद का मामला है। बीजेपी के राज्यसभा नेता अरुण जेटली ने भी कहा कि यह महज जांच का मुद्दा नहीं है बल्कि मामले की गंभीरता कहीं आगे तक है। सदन की भावनाओं को भांपते हुए सरकार की ओर से नागरिक उड्डयन मंत्री ( सिविल एविएशन मिनिस्टर ) प्रफुल्ल पटेल ने कहा कि मैं सदन की भावनाओं का सम्मान करता हूं और इस मामले में जांच के आदेश दे दिए गए हैं।
बच्चों को क, ख ग, घ वगैरह को पुराने ढर्रे से हटा कर फिल्मी सितारों के नाम के साथ संबोधित करके समझाने की कोशिश
Saturday, July 18, 2009
देशभर में मशहूर हो चुके प्रोफेसर मटुकनाथ को पटना यूनिवर्सिटी ने बाहर का रास्ता दिखा दिया
टीचरों को भी ऊंची सैलरी दी जानी चाहिए
बच्चों को मातृभाषा में शिक्षा देने के समर्थकों को अमेरिकी विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन के रूप में बड़ा तरफदार मिल गया है। बकौल हिलेरी, अमेरिका में भी इस मुद्दे पर बहस जारी है। हिलेरी जेवियर कॉलिज के स्टूडेंट्स के साथ खास इंटरएक्टिव सेशन में हिस्सा ले रही थीं। उनके साथ टीच इंडिया कैंपेन के ब्रैंड ऐंबैसडर आमिर खान और सहयोगी चैनल टाइम्स नाउ के अरनब गोस्वामी भी थे। इस मौके पर हिलेरी आमिर की तारीफ करने से भी नहीं चूकीं। उन्होंने कहा, आमिर खान यहां हमारे साथ हैं, यह मेरे लिए खुशी की बात है। वह न केवल बॉलिवुड के आइकन हैं बल्कि शिक्षा के जबर्दस्त समर्थक भी हैं। हिलेरी ने कहा, मैं यहां यह देखने आई हूं कि अमेरिका और भारत किस तरह शिक्षा के साझा मुद्दे पर काम कर सकते हैं। शिक्षा सभी अंतरों को पाटकर नए अवसर मुहैया कराती है। शिक्षा हमेशा से मेरे दिल के बहुत नजदीक रही है। शिक्षा के माध्यम पर हिलेरी का कहना था, न्यू यॉर्क सिटी में प्रमुख स्कूल स्पैनिश, चाइनीज, रशियन भाषा के हैं। समाज का बड़ा हिस्सा कहता है कि बच्चों को उन्हीं की भाषा में पढ़ाया जाए। लेकिन दिक्कत यह है कि न्यू यॉर्क सिटी के स्कूलों में एक से अधिक भाषा जानने वाले टीचर ज्यादा नहीं हैं। आमिर का मानना था कि किसी भी बच्चे को उसी भाषा में पढ़ाया जाना चाहिए जिसमें वह और उसका परिवार सुकून महसूस कर सके। इससे वह अपनी संस्कृति से जुड़ा रहेगा। अमेरिका में शिक्षा की चुनौतियों पर हिलेरी की कहना था, अमेरिका में शिक्षा पर काफी पैसा खर्च होता है लेकिन हम उन बच्चों के लिए कुछ नहीं करते जो पीछे रह जाते हैं। वहां बहुत ज्यादा असमानता है। भारत में तकनीकी शिक्षा दुनिया में सबसे बेहतरीन है। शिक्षा में अवसर के मुद्दे पर हमें मिलकर काम करना होगा। तारे जमीन पर में शिक्षा के व्यापक स्वरूप पर जोर देने वाले आमिर का कहना था, शिक्षा को सबसे ज्यादा अहमियत दी जानी चाहिए। टीचरों को भी ऊंची सैलरी दी जानी चाहिए ताकि इस क्षेत्र में प्रतिभावान लोगों को खींचा जा सके। हिलेरी ने टीच इंडिया और टीच फॉर इंडिया अभियान की तारीफ करते हुए कहा, इससे ऐसा आंदोलन शुरू होगा जो भारत में शिक्षा क्षेत्र में मौजूद गैरबराबरी को खत्म करने के लिए एक पुल का काम करेगा।
Friday, July 17, 2009
एस. बी. सुब्बाराव ने एआईसीटीई के मेंबर सेक्रेटरी के. नारायण राव की ओर से रिश्वत मांगी
(DDA) वर्ष 2014-15 तक दिल्ली में 66 हजार से अधिक मकानों का निर्माण
करने जा रहा है। शहरी विकास राज्य मंत्री सौगत राय ने लोकसभा में जयाप्रदा, मधु गौड़, यास्खी भास्करराव, बापूराव पाटिल खतगांवकर और एकनाथ महादेव गायकवाड़ के सवालों के लिखित जवाब में यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि डीडीए ने सूचित किया है कि वर्ष 2009-10 से लेकर वर्ष 2014-15 के बीच शहर के विभिन्न भागों में एचआईजी, एमआईजी, एलआईजी और ईडब्ल्यूएस जैसी श्रेणियों के 66 हजार से अधिक मकानों के निर्माण की आवासीय परियोजनाओं की योजना बनाई जा रही है। राय ने बताया कि एचआईजी श्रेणी में 8373, एमआईजी श्रेणी में 2929, एलआईजी श्रेणी में 26666 तथा ईडब्ल्यूएस में 28508 मकान बनाए जाएंगे। इन मकानों का निर्माण मोलड़ बंद, जसोला, कोंडली, मुखर्जी नगर, मोतिया खान अशोक नगर, कल्याण विहार, नरेला, पीतमपुरा, वसंत कुंज, सुल्तानगढ़ी, त्रिलोकपुरी, रोहिणी और द्वारका आदि इलाकों में किया जाएगा। एनबीटी नजरिया: सिर्फ नए मकान बनाने से क्या फायदा यदि इनके ड्रॉ में पारदर्शिता न बरती जाए। डीडीए की 2008 की फ्लैटों की स्कीम को लेकर काफी हंगामा हुआ। इसमें गड़बड़ी के आरोप लगे और कई लोगों को गिरफ्तार भी किया गया। हालांकि, सरकार ने अब साफ किया है कि इसमें कोई धांधली नहीं हुई। लेकिन जबतक डीडीए के कामकाज में पारदर्शिता नहीं होगी, ऐसे सवाल उठते रहेंगे। इसलिए, बड़ी संख्या में फ्लैट बनाने के साथ-साथ यह भी सुनिश्चित हो कि यह सही लोगों को मिलें।
Tuesday, July 14, 2009
बजट को दिशाहीन और गरीबों का विरोधी
यानी रिकवरी शुरू हो चुकी है। कई सेक्टरों में इसके साफ संकेत मिल रहे हैं। इसके बावजूद कई बड़ी चुनौतियां बरकरार हैं। वित्तीय घाटा 6 फीसदी की ऊंचाई पर पहुंच गया है। कर्ज का मर्ज भी बढ़ रहा है। ग्रोथ रेट बढ़ाकर ही इन चुनौतियों से निपटा जा सकता है। इन चुनौतियां से निपटने के पुख्ता उपाय हमने 2009-10 के बजट में कर दिए हैं। मंगलवार को लोकसभा में बजट पर बहस का जवाब देते हुए प्रणव ने विपक्षी पार्टियों के उन नेताओं को आड़े हाथ लिया, जिन्होंने बजट को दिशाहीन और गरीबों का विरोधी बताया था। वित्त मंत्री ने कहा, 'मैंने बजट को लेकर विपक्षी नेताओं की प्रतिक्रिया संसद और टीवी में सुनी। मौजूदा समय में विश्व और भारत की अर्थव्यवस्था का जो हाल है, वह किसी से छिपा नहीं है। ऐसी परिस्थिति में इससे बेहतर बजट बनाया नहीं जा सकता। बजट में सभी को कुछ न कुछ देने की कोशिश की गई है। विपक्षी नेताओं को यह जानना और समझना होगा कि बजट बनाते समय वैश्विक और अपने देश की अर्थव्यवस्था की स्थिति को ध्यान में रखना जरूरी होता है।' प्रणव ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था के कई सेक्टरों में सुधार यानी रिकवरी के संकेत मिल रहे हैं। सीमेंट और स्टील सेक्टर में उत्पादन काफी बढ़ा है। एफएमजीसी सेक्टर की ग्रोथ रेट मई और जून दोनों महीनों में 12 फीसदी से ज्यादा रही है। यही हाल ऑटो सेक्टर का है। खरीदारी यहां भी बढ़ रही है। यह सुधार की शुरुआत है, अब हमें इसको आगे बढ़ाना है। इसके लिए जरूरी है कि ग्रोथ रेट बढ़े, लोगों की आमदनी बढ़े, ताकि खरीदारी करने की शक्ति में इजाफा हो। ऐसा होने पर ही बाजार में डिमांड बढ़ेगी और बाजार में रौनक वापस आएगी। दादा ने कहा कि बेशक मॉनसून आने में थोड़ी देरी हो गई है। मगर देर से सही अगर यह दुरुस्त आया, तो हमें हाई ग्रोथ रेट हासिल करने में ज्यादा परेशानी नहीं होगी। बेशक मैं ज्यादा आशावादी नहीं हूं, मगर मुझे उम्मीद है कि बरसात सामान्य आएगी और अर्थव्यवस्था में तेजी की हरियाली देखने को मिलेगी। बढ़ते वित्तीय घाटे का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि बेशक यह अनुमान से ज्यादा हो गया है। इसके बावजूद हमने 3 लाख करोड़ रुपये कर्ज लेने की बात बजट में की है। इसका एक ही मकसद है कि रोजगार बढ़ाने, गरीबों को पर्याप्त अनाज देने और विकास योजनाओं के क्रियान्वयन की गति में और तेजी लाई जा सके। क्या किसी वित्त मंत्री ने पहले ऐसा किया था। मैंने रिस्क लिया है, मगर सारे समीकरणों का सही तरीके से गणित करके। मुझे उम्मीद है कि हमारा गणित सही बैठेगा। दादा ने कहा कि 27 साल पहले जब हमने अपना पहला आम बजट पेश किया था तो बजट लक्ष्यों और वादों को लेकर विपक्षी नेताओं ने ताने कसे थे। मगर बाद में जब वे लक्ष्य हासिल हो गए और वादे पूरा हो गए तो विपक्षी नेताओं को मुंह पर ताला लगाना पड़ा। इस बार भी बजट को लेकर कई तरह की बातें की गई हैं। समय बताएगा कि हमारा बजट कितना सही है।
Saturday, July 11, 2009
राजनीति में वह अभी भी केंद्रबिंदु बने हुए हैं।
उन्हीं आंकड़ों को आधार बनाकर वह खुद को पाक-साफ साबित करने की जुगत में लगे हैं। कहते हैं आंकड़ों को घुमा-फिराकर भ्रम पैदा किया जा रहा है।
''गांवों में विद्युतीकरण से जनसंख्या वृद्धि पर नियंत्रण में मदद
आजाद ने आगे कहा, ''ऐसा मत सोचिए कि मैं इसे हल्के में कह रहा हूं। मैं गंभीरता के साथ कह रहा हूं। टीवी का एक बड़ा प्रभाव है। इस समस्या से निपटने का यह एक बड़ा माध्यम है।'' आजाद ने कहा कि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) सरकार गांवों में विद्युतीकरण के लिए बड़े पैमाने पर काम कर रही है। उन्होंने कहा, 'गांवों में बिजली होगी तो टीवी के जरिए जनसंख्या वृद्धि 80 प्रतिशत तक कम की जा सकती है।' हालांकि आजाद को अपनी इस योजना से काफी उम्मीदें हैं लेकिन फिलहाल यह देखना है कि इस अनोखी योजना और इसके इसके उद्देश्यों पर विपक्षी दलों की क्या प्रतिक्रिया होती है।
Thursday, July 9, 2009
जी-8 समिट में कई दिलचस्प बातें हुईं।
सबसे महफूज है गद्दाफी का तंबू! दुनिया के सबसे बडे़ औद्योगिक देशों के संगठन जी-8 और उभरती अर्थव्यवस्था वाले देशों जी-5 के शिखर सम्मेलन की मेजबानी कर रहे इटली के ला किला शहर में लीबियाई नेता मुअम्मर गद्दाफी का तंबू चर्चा में है। असल में गद्दाफी कोप्पिटो में एक आलीशान तंबू में रात बिताएंगे। इस शहर में बीते अप्रैल में आए विनाशकारी भूकंप को देखते हुए बाकी राष्ट्राध्यक्षों को भी शायद तंबू में सोने से गुरेज न होता, पर वे सभी होटलों में ठहरे हैं। ये होटल पुलिस ट्रेनिंग सेंटर के एक कॉम्प्लेक्स की होटलों में तब्दील कर दी गई इमारतें हैं। इतालवी अधिकारियों ने भी कबूल किया है कि भूकंप के झटकों के मद्देनजर तंबू में सोना सेफ है। गद्दाफी ने वादा किया है कि वह लौटते समय अपना तंबू भूकंप पीड़ित शहर के नागरिकों को दे जाएंगे। पीएम को गिफ्ट में मिली टी-शर्ट ब्राजीली फुटबॉल टीम के अध्यक्ष लुईस इनासियो लूला डा सिल्वा ने यहां भारत के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह समेत जी-5 नेताओं को अपनी राष्ट्रीय फुटबॉल टीम की पीली टी-शर्ट तोहफे में दी। इस पर खिलाड़ियों के ऑटोग्राफ हैं। इन टी-शर्ट पर 1 से 5 तक के नंबर छपे हैं। जी-8 शिखर वार्ता के मौके पर इकट्ठा हुए जी-5 नेताओं को यह तोहफा जॉइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान दिया गया। मनमोहन सिंह को जर्सी देते हुए सिल्वा ने उम्मीद जताई कि ब्राजील की तरह भारतीय फुटबॉल टीम भी कामयाबी की बुलंदियों को छुएगी। मनमोहन की 2006 में ब्राजील यात्रा के दौरान भारत ने अपने फुटबॉलरों की कोचिंग में ब्राजील से मदद मांगी थी। इसके बाद कुछ दिनों के लिए एक मशहूर ब्राजीली कोच भी भारत आया था। ओबामा ने की बर्लुस्कोनी की अनदेखी जी-8 समिट की मेजबानी कर रहे इटली के पीएम सिल्वियो बर्लुस्कोनी ने सोचा भी नहीं होगा कि स्वागत करने के लिए आगे बढ़ाए गए उनके हाथ की इतनी अनदेखी हो जाएगी। यह मामला समिट के पहले दिन फोटो शूट के वक्त का है। बर्लुस्कोनी ने सीढ़ी की तरफ बढ़ रहे अमेरिकी राष्ट्रपति बाराक ओबामा का अभिनंदन करने के लिए अपना हाथ आगे बढ़ाया पर ओबामा इसकी अनदेखी करते हुए आगे बढ़ते गए। मजबूरन, बर्लुस्कोनी को अपना हाथ वापस लेना पड़ा। हालांकि जब ओबामा को इस भूल का अहसास हुआ तो उन्होंने बर्लुस्कोनी को मुस्कराकर जवाब दिया। पत्नियां निकलीं दौरे पर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की पत्नी गुरशरण कौर ने गुरुवार को जी-8 व जी-5 नेताओं की पत्नियों के साथ मिलकर ला किला शहर के सिटी सेंटर का दौरा किया। बीते 6 अप्रैल को आए विनाशकारी भूकंप में यह जगह तबाह हो गई थी। इस भूकंप में 300 लोगों ने जान गंवाई जब कि 50,000 के करीब लोग बेघर हुए थे। ला किला में बुधवार को भी रिक्टर पैमाने पर भूकंप के 2.1 और 2.5 तीव्रता के झटके महसूस किए गए। इससे पहले बुधवार को कौर और चार अन्य विश्व नेताओं की पत्नियों ने पोप बेनिडिक्ट 16वें से मुलाकात की थी।
गर्व किसका?
Saturday, July 4, 2009
सीबीएसई के 10वीं और 12वीं कक्षा के कोर्सों में भी स्किल डिवेलपमेंट कोर्स ला रहे हैं।
Thursday, July 2, 2009
दो व्यस्कों द्वारा आपसी सहमति से बनाए जाने वाले अप्राकृतिक संबंधों को अपराध नहीं माना
चुटकी : सहमत समलिंगी करें खुलकर यौनाचार
दिल्ली स्थित नाज फाउंडेशन ने 2001 में हाई कोर्ट में अर्जी दाखिल कर इस धारा में संशोधन की मांग की थी। अर्जी में कहा गया था कि दो वयस्कों ( होमो अथवा हेट्रो ) के बीच अगर आपसी सहमति से अप्राकृतिक संबंध बनाए जाते हैं , यानी दो लोग अगर होमो सेक्सुअलिटी में संलिप्त हैं तो उनके खिलाफ धारा -377 का केस नहीं बनना चाहिए। : दुनिया भर में गे परेड
हाई कोर्ट ने इस दलील को सही माना और कहा कि दो व्यस्कों पर किसी तरह की पाबंदी लगाना उनके मौलिक अधिकारों का हनन है।