कंधार अपहरण कांड में तत्कालीन गृह मंत्री लालकृष्ण आडवाणी की भूमिका पर सवाल उठाते हुए गृहमंत्री पी. चिदंबरम ने बुधवार को कहा कि ऐसी स्थिति में वे एनडीए सरकार की तरह आतंकवादियों को मुक्त करने का कदम कभी नहीं उठाते। संवाददाता सम्मेलन में कंधार प्रकरण के संबंध में पूछे जाने पर चिदंबरम ने कहा- मैं गृह मंत्री होता तो इसे स्वीकार नहीं करता। 4 सालों बाद मैं यह नहीं कहता कि मुझे पता नहीं कि विदेश मंत्री आतंकवादियों के साथ गए थे या नहीं। गौरतलब है कि आडवाणी ने कथित तौर पर दावा किया था कि 1999 के कंधार अपहरण कांड (इंडियन एयरलाइंस विमान अपहरण कांड) में विदेश मंत्री जसवंत सिंह यात्रियों को छुड़ाने के बदले में 3 आतंकवादियों को ले जाकर मुक्त करेंगे, इस निर्णय के बारे में उन्हें नहीं बताया गया था। आतंकवाद से लड़ने में यूपीए की विफलता पर बीजेपी के आरोपों के जवाब में बहस में कूदते हुए चिदंबरम ने कहा- प्रधानमंत्री को कहा होता कि विदेश मंत्री को आतंकवादियों को साथ ले जाने की अनुमति न दें। कंधार अपहरण कांड में जैश-ए-मुहम्मद संस्थापक मसूद अजहर सहित चरमपंथी संगठन के 3 आतंकवादियों को मुक्त करने पर बीजेपी को कांग्रेस की आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है।
Wednesday, April 15, 2009
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