कांग्रेस और आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद के बीच जारी जुबानी जंग लगातार गहराती जा रही है। कांग्रेस नेता और विदेश मंत्री प्रणव मुखर्जी ने चुनावी सभा में कहा कि किसी भी अगली सरकार में लालू का मंत्री बनना मुश्किल है। हालांकि प्रणव मुखर्जी के बयान का जवाब देने में लालू ने भी देर नहीं की। उन्होंने कहा कि ये तो वक्त ही बताएगा कि सरकार में कौन शामिल होगा। समस्तीपुर में मंगलवार को एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए मुखर्जी ने कहा,'लालू जी की सरकार बनाने की बात तो दूर की है, उनका तो अब किसी सरकार में शामिल होना भी मुश्किल है क्योंकि वह अभी किसी के साथ नहीं हैं। समस्तीपुर की इस चुनावी सभा को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी संबोधित करने वाली थीं लेकिन उनके नहीं आने पर मुखर्जी को यहां आना पड़ा।
मुखर्जी का यह बयान लालू द्वारा सुबह दिए गए बयान, केंद्र में यूपीए की ही सरकार बनेगी लेकिन मनमोहन सिंह उसका नेतृत्व करेंगे यह निश्चित नहीं है, के कुछ ही देर बाद आया है। मनमोहन सिंह को यूपीए का प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित करने वाली कांग्रेस ने लालू के इस बयान पर पलटवार करने के लिए ही प्रणव मुखर्जी को बिहार भेजा था। सीटों के बंटवारे का जिक्र करते हुए प्रणव मुखर्जी ने कहा, 'हमने ज्यादा सीटें नहीं मांगी थीं मगर वो भी उन्होंने नहीं दिया। उन्होंने इस बारे में चर्चा भी नहीं की। पांच साल तक वो सरकार में रहे। हम सभी उनकी इज्जत करते थे, मगर उन्होंने कांग्रेस के साथ जो बर्ताव किया वो किसी कांग्रेसी को मंजूर नहीं होगा।'
मुखर्जी का यह बयान लालू द्वारा सुबह दिए गए बयान, केंद्र में यूपीए की ही सरकार बनेगी लेकिन मनमोहन सिंह उसका नेतृत्व करेंगे यह निश्चित नहीं है, के कुछ ही देर बाद आया है। मनमोहन सिंह को यूपीए का प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित करने वाली कांग्रेस ने लालू के इस बयान पर पलटवार करने के लिए ही प्रणव मुखर्जी को बिहार भेजा था। सीटों के बंटवारे का जिक्र करते हुए प्रणव मुखर्जी ने कहा, 'हमने ज्यादा सीटें नहीं मांगी थीं मगर वो भी उन्होंने नहीं दिया। उन्होंने इस बारे में चर्चा भी नहीं की। पांच साल तक वो सरकार में रहे। हम सभी उनकी इज्जत करते थे, मगर उन्होंने कांग्रेस के साथ जो बर्ताव किया वो किसी कांग्रेसी को मंजूर नहीं होगा।'
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