Sunday, April 26, 2009

22 अप्रैल को पर्चा भरने के बाद वरुण ने जब हर मजहब की रक्षा करने की बात कही तो अल्पसंख्यकों ने इसका जोरदार स्वागत किया।

वरुण गांधी के कथित भड़काऊ भाषण और जहर उगलते शब्दों ने पीलीभीत के अल्प संख्यकों को सकते में डाल दिया है। उनको विश्वास नहीं हो रहा है कि लंदन से पढ़े-लिखे, गांधी परिवार के इस नौजवान के मुंह से समाज को बांटने की बातें निकल सकती हैं। 22 अप्रैल को पर्चा भरने के बाद वरुण ने जब हर मजहब की रक्षा करने की बात कही तो अल्पसंख्यकों ने इसका जोरदार स्वागत किया। अल्पसंख्यकों के प्रतिनिधियों का कहना है कि वरुण से अब उनको कोई गिला-शिकवा नहीं है। वरुण ने जो कुछ कहा, वह नादानी में कहा। उनकी वरुण से यह गुजारिश है कि बेशक सांसद बनें, मगर इस तरह किसी के खिलाफ जहर उगलकर और नफरत बांटकर नहीं। बेहतर होगा कि वे पॉजिटिव राजनीति करके विकास की बातें करें, खुद को आगे बढ़ने और देश के नौजवानों को आगे बढ़ाने की बात करें तो यह उनके और देश के लिए बेहतर होगा। जमात-ए-इस्लामी हिंद के पीलीभीत क्षेत्र के प्रमुख मोहम्मद रज़ा खान ने एनबीटी से बातचीत में कहा कि जब यह घोषणा हुई कि वरुण गांधी यहां से लोकसभा चुनाव लड़ेंगे तो मुसलमान काफी खुश थे। उनको लगा कि एक पढ़ा-लिखा युवा पीलीभीत से सांसद बनेगा तो युवाओं को रोजगार और तरक्की की बात करेगा। मगर वरुण ने सारे सपने तोड़ दिए। वरुण गांधी की मां मेनका ने कभी इस तरह की बात नहीं कही। वह पिछले दो दशक से यहां से चुनी गई हैं। इसका कारण है कि उनका गांधी परिवार से संबंध और सिख होना। क्या मुसलमानों का वोट वरुण के खिलाफ जाएगा? रजा खान का मानना है कि ऐसी बात नहीं है। मुसलमानों ने वरुण को नादान बच्चा समझकर माफ कर दिया है। उन्हें लगता है कि वरुण ने या तो नादानी में, या किसी के दबाव में आकर ऐसे बयान दिए। अब वरुण पहले की तुलना में परिपक्व हो चुके हैं। ऐसे में अब मुसलमान चाहते हैं कि अगर वे यहां से सांसद चुने गए तो इंसानियत और सभी लोगों के उत्थान की बात करें न कि मरने या मारने की। पीलीभीत में एकमात्र क्रिश्चियन डिग्री कॉलेज अलोसियस कॉलेज के परिचालक फादर नॉरबेट मानते हैं कि वरुण के सीडी प्रकरण के बाद अल्पसंख्यकों में निराशा फैल गई थी। पीलीभीत में आज तक कोई दंगा नहीं हुआ। गरीबी, बेरोजगारी और शिक्षा यहां की प्रमुख समस्या है। बेहतर होगा कि वरुण इन समस्याओं पर ध्यान देते। यह पूछने पर कि क्या वह चाहेंगे कि वरुण यहां से जीते? फादर नॉरबेट कहते हैं, बिल्कुल। वरुण से अनजाने में गलती हुई है, पर अल्पसंख्यकों को उनकी काबिलियत पर जरा भी शक नहीं है। सामाजिक कार्यकर्ता सरदार हंस पाल सिंह के अनुसार वरुण का जो सीडी प्रकरण हुआ, वह काफी दुखदायी है। उम्मीद है कि यह युवा नेगेटिव बातें छोड़कर पाजिटिव बातों पर दिल लगाएगा।

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