Thursday, April 9, 2015

एनकाउंटर के मामले में चौंकाने वाली जानकारी सामने आई

आंध्र प्रदेश के चित्तूर में हुए चंदन तस्करों के एनकाउंटर के मामले में चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है। एक एनजीओ ने दावा किया है कि मारे गए लोगों में से 7 को एक दिन पहले बस से उतारा गया था। एक सर्वाइवर के बयान के आधार पर किए गए इस दावे की पुष्टि होती है, तो आंध्र प्रदेश पुलिस मुश्किल में फंस जाएगी। अब तक वह फेक एनकाउंटर के आरोपों को गलत बताते हुए कह रही है कि 100 तस्करों के ग्रुप ने हमला किया था, जिसके जवाब में एसटीएफ को गोली चलानी पड़ी थी।
आंध्र प्रदेश सिविल लिबर्टीज़ कमिटी के मेंबर क्रांति चैतन्य ने इस एनकाउंटर की न्यायिक जांच करवाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि उनके संगठन ने एनकाउंटर में जिंदा बचे एक शख्स से संपर्क कर लिया है, जो चित्तूर से तमिलनाडु लौटा है। चैतन्य ने कहा, 'सर्वाइवर को सुरक्षित जगह पर रखा गया है। हम उसे नैशनल ह्यूमन राइट्स कमिशन के सामने पेश करेंगे।'
मानवाधिकार आयोग ने पहले से ही मामले का संज्ञान लेते हुए आंध्र प्रदेश के चीफ सेक्रेटरी और पुलिस चीफ से रिपोर्ट मांगी है। मारे गए कुछ 'स्मगलर्स' के परिजनों का कहना है कि 'सर्वाइवर' आंध्र के चंदन तस्करों द्वारा हायर किए गए 8 लकड़हारों में से एक है। तमिलनाडु के तिरुवन्नामलाई जिले के अर्जुर पुरम गांव के बताए जा रहे इस सर्वाइवर का नाम सेकर बताया जा रहा है।
उसने बताया है कि उन लोगों के ग्रुप के 7 लोगों को पुलिस ने इंटर स्टेट बॉर्डर पर एक बस से उतारा था। मारे गए एक शख्स के परिजन ने बताया, 'वे लोग सोमवार को तिरवन्नामलाई से चित्तूर जाने के लिए बस पर सवार थे। पुलिस ने बस रुकवाई और 7 लोगों को अरेस्ट कर लिया गया। वह अलग सीट पर बैठा था, इसलिए बच गया।' इसके बाद सर्वाइवर मंगलवार सुबह अपने गांव पहुंचा। तब तक टीवी पर एनकाउंटर की खबर आ चुकी थी।
राजनीतिक दलों और कई संगठनों ने आंध्र पुलिस की थिअरी में कई कमियां ढूंढते हुए एनकाउंटर पर कई सवाल उठाए हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कई मृतकों के चेहरे और सिर पर गोलियों के निशान हैं, जिससे लगता है कि गोली करीब से मारी गई है। 

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