अशोक वेमुरी ने 2013 में इंफोसिस को छोड़कर आईगेट को जॉइन करने का फैसला किया
था। तब कहा गया था कि इंफोसिस का सीईओ बनने में देरी के चलते उन्होंने नौकरी छोड़ी
थी। आईगेट को जॉइन करने के 2 साल के अंदर उनकी देखरेख में आईटी सर्विसेज इंडस्ट्री की
सबसे बड़ी डील्स में से एक हुई है। इससे वेमुरी की जेब में 1.97 करोड़ डॉलर यानी 120 करोड़ रुपये आएंगे। उनके पास
कंपनी के 4 लाख शेयर थे, जिनकी कीमत इतनी है।
वेमुरी ने जब कैलिफॉर्निया बेस्ड आईगेट को जॉइन किया था, तब उनकी सैलरी 13 लाख डॉलर थी। इसमें 10 लाख डॉलर के एडिशनल बोनस का वादा भी किया गया था।
वेमुरी ने जब कैलिफॉर्निया बेस्ड आईगेट को जॉइन किया था, तब उनकी सैलरी 13 लाख डॉलर थी। इसमें 10 लाख डॉलर के एडिशनल बोनस का वादा भी किया गया था।
वेमुरी ने सोमवार को फोन से दिए इंटरव्यू में बताया, 'मैं जहां भी काम किया है, वैल्यू एडिशन की कोशिश की है, चाहे यह एंप्लॉयीज या कंपनी के बिजनस मॉडल के लेवल पर हो। मैं इस बात से खुश
हूं कि पिछले 16-20 महीनों में मैंने आईगेट के शेयरहोल्डर्स की वैल्यू बढ़ाई है। इस दौरान कंपनी
का मार्केट कैप तीन गुना बढ़ा है।'
वेमुरी से अगर इंफोसिस के सीईओ विशाल सिक्का की सैलरी की तुलना करें तो उन्हें स्टॉक ऑप्शंस के साथ साल में 70 लाख डॉलर की सैलरी मिलती है। वहीं, कॉग्निजेंट के फ्रांसिस्को डिसूजा को सालाना 1.1 करोड़ डॉलर का पैकेज मिलता है।
वेमुरी ने बताया, 'जब मैंने आईगेट को जॉइन किया था, तब कंपनी की मार्केट वैल्यू 1 अरब डॉलर थी। आज यह 4 अरब डॉलर है।' आईगेट के बिकने के बाद वेमुरी को अच्छे जॉब ऑफर भी मिल सकते हैं। इनवेस्टमेंट बैंक इक्विरस कैपिटल के अजित देशमुख ने बताया, 'वेमुरी को इसलिए याद रखा जाएगा कि आने के दो साल के अंदर उन्होंने आईगेट को बढ़िया वैल्यूएशन पर बेचने में मदद की। अगर वह कंपनी को छोड़ना चाहेंगे तो मुझे पूरा भरोसा है कि दूसरी मिड कैप आईटी कंपनियों से उन्हें अच्छे ऑफर मिलेंगे।'
वेमुरी से अगर इंफोसिस के सीईओ विशाल सिक्का की सैलरी की तुलना करें तो उन्हें स्टॉक ऑप्शंस के साथ साल में 70 लाख डॉलर की सैलरी मिलती है। वहीं, कॉग्निजेंट के फ्रांसिस्को डिसूजा को सालाना 1.1 करोड़ डॉलर का पैकेज मिलता है।
वेमुरी ने बताया, 'जब मैंने आईगेट को जॉइन किया था, तब कंपनी की मार्केट वैल्यू 1 अरब डॉलर थी। आज यह 4 अरब डॉलर है।' आईगेट के बिकने के बाद वेमुरी को अच्छे जॉब ऑफर भी मिल सकते हैं। इनवेस्टमेंट बैंक इक्विरस कैपिटल के अजित देशमुख ने बताया, 'वेमुरी को इसलिए याद रखा जाएगा कि आने के दो साल के अंदर उन्होंने आईगेट को बढ़िया वैल्यूएशन पर बेचने में मदद की। अगर वह कंपनी को छोड़ना चाहेंगे तो मुझे पूरा भरोसा है कि दूसरी मिड कैप आईटी कंपनियों से उन्हें अच्छे ऑफर मिलेंगे।'
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