जाने-माने पत्रकार और योग गुरु बाबा रामदेव के
सहयोगी वेद प्रताप वैदिक की पाकिस्तान में मोस्ट वॉन्डेट कट्टरपंथी नेता हाफिज सईद
से मुलाकात के बाद देश की राजनीति का पारा चढ़ गया है। कांग्रेस ने बम्बई धमाके के
आरोपी हाफिज सईद से मुलाकात को लेकर वैदिक और बाबा रामदेव पर हमला बोला। विपक्षी
पार्टी ने बीजेपी और सरकार से जवाब मांगा कि आखिर रामदेव के सहयोगी किस हैसियत से
हाफिज सईद से मिले थे। कांग्रेस ने वैदिक को गिरफ्तार करने तक की मांग कर डाली।
राज्यसभा में इस मुद्दे को उठाते हुए कांग्रेस के नेता आनंद शर्मा ने परोक्ष रूप से सरकार पर भी हमला बोला और कहा कि अधिकारियों की जानकारी या इस्लामाबाद में भारतीय दूतावास के सहयोग के बिना यह मुलाकात नहीं हो सकती है। उन्होंने विदेश मंत्रालय से इस मामले में सफाई देने की मांग की। कांग्रेस ने कार्रवाई की मांग करते हुए राज्यसभा में हंगामा किया, जिसके बाद सदन की कार्यवाही 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।
इस बीच, सरकार ने कहा है कि हाफिज सईद और वेद प्रताप वैदिक की मुलाकात से उसका कोई लेना-देना नहीं है। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा, 'हाफिज सईद आतंकवादी है। पत्रकार या कोई और उससे मिलता है, इससे भारत सरकार का कोई लेना-देना नहीं है।' जेटली ने राज्यसभा में स्पष्ट किया कि सरकार ने वेद प्रताप वैदिक को हाफिज सईद से मिलने के लिए नहीं भेजा। यह उनकी व्यक्तिगत मुलाकात है।
पूरे विवाद पर सफाई देते हुए वेद प्रताप वैदिक पहले ही कह चुके हैं कि उन्होंने बतौर पत्रकार यह मुलाकात की थी और इसमें कुछ भी गलत नहीं है। वैदिक ने कहा कि इस मुलाकात की तस्वीर उन्होंने खुद फेसबुक में पोस्ट की है। उन्होंने कहा कि अपने पाकिस्तान दौरे में उन्होंने नवाज शरीफ के साथ अन्य पाकिस्तानी नेताओं से मुलाकात की और बतौर पत्रकार उन्हें किसी से भी मिलने में कोई गुरेज नहीं है।
कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह द्वारा ट्विटर पर किए गए हमले के जवाब में वैदिक ने कहा, 'मैं प्रधानमंत्री का दूत बनकर नहीं गया था। एक पत्रकार के तौर पर मैं राष्ट्रपति, विद्रोही और बागी लोगों से मिलता रहता हूं। मैं इंदिरा गांधी, अपने परम मित्र नरसिम्हा राव और बड़े भाई समान अटल बिहारी वाजपेयी का दूत बनकर कभी किसी से नहीं मिला, फिर नरेंद्र मोदी के दूत के तौर पर क्यों मिलूंगा?'
कांग्रेस के नेताओं पर हमला करते हुए उन्होंने कहा, 'वे संसद में इस मुलाकात पर शोर मचा रहे हैं। यदि उन्हें जाना पड़ता तो पायजामा गीला हो जाता, स्ट्रेचर पर लिटाकर लाना पड़ता। सलमान खुर्शीद और मणिशंकर अय्यर भी पाकिस्तान जाने वाले शिष्टमंडल में मेरे साथ थे। मैंने अपनी जिंदगी खतरे में डालकर यह मुलाकात की।'
राज्यसभा में इस मुद्दे को उठाते हुए कांग्रेस के नेता आनंद शर्मा ने परोक्ष रूप से सरकार पर भी हमला बोला और कहा कि अधिकारियों की जानकारी या इस्लामाबाद में भारतीय दूतावास के सहयोग के बिना यह मुलाकात नहीं हो सकती है। उन्होंने विदेश मंत्रालय से इस मामले में सफाई देने की मांग की। कांग्रेस ने कार्रवाई की मांग करते हुए राज्यसभा में हंगामा किया, जिसके बाद सदन की कार्यवाही 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।
इस बीच, सरकार ने कहा है कि हाफिज सईद और वेद प्रताप वैदिक की मुलाकात से उसका कोई लेना-देना नहीं है। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा, 'हाफिज सईद आतंकवादी है। पत्रकार या कोई और उससे मिलता है, इससे भारत सरकार का कोई लेना-देना नहीं है।' जेटली ने राज्यसभा में स्पष्ट किया कि सरकार ने वेद प्रताप वैदिक को हाफिज सईद से मिलने के लिए नहीं भेजा। यह उनकी व्यक्तिगत मुलाकात है।
पूरे विवाद पर सफाई देते हुए वेद प्रताप वैदिक पहले ही कह चुके हैं कि उन्होंने बतौर पत्रकार यह मुलाकात की थी और इसमें कुछ भी गलत नहीं है। वैदिक ने कहा कि इस मुलाकात की तस्वीर उन्होंने खुद फेसबुक में पोस्ट की है। उन्होंने कहा कि अपने पाकिस्तान दौरे में उन्होंने नवाज शरीफ के साथ अन्य पाकिस्तानी नेताओं से मुलाकात की और बतौर पत्रकार उन्हें किसी से भी मिलने में कोई गुरेज नहीं है।
कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह द्वारा ट्विटर पर किए गए हमले के जवाब में वैदिक ने कहा, 'मैं प्रधानमंत्री का दूत बनकर नहीं गया था। एक पत्रकार के तौर पर मैं राष्ट्रपति, विद्रोही और बागी लोगों से मिलता रहता हूं। मैं इंदिरा गांधी, अपने परम मित्र नरसिम्हा राव और बड़े भाई समान अटल बिहारी वाजपेयी का दूत बनकर कभी किसी से नहीं मिला, फिर नरेंद्र मोदी के दूत के तौर पर क्यों मिलूंगा?'
कांग्रेस के नेताओं पर हमला करते हुए उन्होंने कहा, 'वे संसद में इस मुलाकात पर शोर मचा रहे हैं। यदि उन्हें जाना पड़ता तो पायजामा गीला हो जाता, स्ट्रेचर पर लिटाकर लाना पड़ता। सलमान खुर्शीद और मणिशंकर अय्यर भी पाकिस्तान जाने वाले शिष्टमंडल में मेरे साथ थे। मैंने अपनी जिंदगी खतरे में डालकर यह मुलाकात की।'
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