आम आदमी पार्टी (आप) की महाराष्ट्र यूनिट ने
फैसला किया है कि वह राज्य में इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव में हिस्सा नहीं
लेगी। पार्टी को लगता है कि राज्य के ज्यादातर हिस्से में उसका संगठन खड़ा नहीं हो
पाया है।
सूत्र बता रहे हैं कि पार्टी ने लोकसभा चुनाव में जबर्दस्त हार का आंकलन कर यह फैसला किया है। लोकसभा चुनाव में महाराष्ट्र भर में पार्टी को सिर्फ 2.2 फीसदी वोट ही मिले। अब, जमीनी स्तर पर काम करने वाला पार्टी का कार्यकर्ता भी नहीं चाहता कि 'आप' विधानसभा चुनाव में उतरे।
आम आदमी पार्टी की महाराष्ट्र यूनिट का यह कदम उसकी हरियाणा यूनिट के फैसले के बाद उठाया गया है। हरियाणा में भी राज्य यूनिट विधानसभा चुनाव में न उतरने का फैसला ले चुकी है। हरियाणा में अक्टूबर में विधानसभा चुनाव होने हैं।
सूत्र बता रहे हैं कि पार्टी ने लोकसभा चुनाव में जबर्दस्त हार का आंकलन कर यह फैसला किया है। लोकसभा चुनाव में महाराष्ट्र भर में पार्टी को सिर्फ 2.2 फीसदी वोट ही मिले। अब, जमीनी स्तर पर काम करने वाला पार्टी का कार्यकर्ता भी नहीं चाहता कि 'आप' विधानसभा चुनाव में उतरे।
आम आदमी पार्टी की महाराष्ट्र यूनिट का यह कदम उसकी हरियाणा यूनिट के फैसले के बाद उठाया गया है। हरियाणा में भी राज्य यूनिट विधानसभा चुनाव में न उतरने का फैसला ले चुकी है। हरियाणा में अक्टूबर में विधानसभा चुनाव होने हैं।
25 जुलाई को आम आदमी पार्टी की तीन दिवसीय राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में
इन फैसलों पर औपचारिक मुहर लगेगी। 'आप' संयोजक अरविंद केजरीवाल 30 जून को ही कह चुके हैं कि
पार्टी को हरियाणा, महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से ध्यान
हटाकर दिल्ली पर ही केंद्रित होना चाहिए।
महाराष्ट्र यूनिट की आप संयोजक अंजलि दमानिया ने बताया कि हम अपने फैसले के बारे में राष्ट्रीय कार्यकारिणी को बता चुके हैं। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में न उतरने के हमारे फैसले पर राष्ट्रीय कार्यकारिणी में सभी एकमत हैं।
दमानिया ने कहा, 'पार्टी के हार्डकोर समर्थक भी यही मानते हैं कि हमें महाराष्ट्र में अधिक काम करने की जरूरत है। यह एक बहुत बड़ा राज्य है। हमें ग्रामीण इलाकों तक भी पहुंच बनानी होगी।'
महाराष्ट्र यूनिट की आप संयोजक अंजलि दमानिया ने बताया कि हम अपने फैसले के बारे में राष्ट्रीय कार्यकारिणी को बता चुके हैं। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में न उतरने के हमारे फैसले पर राष्ट्रीय कार्यकारिणी में सभी एकमत हैं।
दमानिया ने कहा, 'पार्टी के हार्डकोर समर्थक भी यही मानते हैं कि हमें महाराष्ट्र में अधिक काम करने की जरूरत है। यह एक बहुत बड़ा राज्य है। हमें ग्रामीण इलाकों तक भी पहुंच बनानी होगी।'
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