Friday, December 27, 2013

विश्वास मत के दौरान पार्टी लाइन के खिलाफ क्रॉस वोटिंग की आशंका

आम आदमी पार्टी (आप) के नेता अरविंद केजरीवाल के शपथ ग्रहण की तैयारी अंतिम चरण में है। इस बीच, 'आप' को समर्थन देने का ऐलान कर चुकी कांग्रेस में सबकुछ ठीक नहीं है। पार्टी में जहां 'आप' को समर्थन को लेकर मतभेद है, वहीं विधायक दल के नेता को लेकर भी अंतर्कलह की बात सामने आ रही है। अभी तक हारून यूसुफ नेता विधायक दल के लिए दावेदार बताए जा रहे थे, लेकिन बताया जा रहा है कि 8 में से छह विधायक उनके खिलाफ हैं। विश्वास मत के दौरान पार्टी लाइन के खिलाफ क्रॉस वोटिंग की आशंका भी जताई जा रही है।
पार्टी में कई लोग 'आप' को समर्थन के बारे में नाराजगी खत्म करते नहीं दिख रहे हैं। कहा जा रहा है कि अरविंद केजरीवाल के विश्वास मत के दौरान कांग्रेस के दो-तीन विधायक खिलाफ वोट डाल सकते हैं या बहिष्कार कर सकते हैं या 'बीमार' हो सकते हैं। ऐसे में 28 विधायकों वाली 'आप' की सरकार मुश्किल में फंस सकती है, क्योंकि बीजेपी के पास 32 विधायक हैं। विनोद कुमार बिन्नी की नाराजगी और फिर सब कुछ सही हो जाने की खबरों के बाद 'आप' में भी कुछ लोग तमाम आशंकाओं से हिले हुए हैं।

हालांकि, कांग्रेस ने केजरीवाल को समर्थन को लेकर आश्वस्त किया है। कांग्रेस सांसद संदीप दीक्षित ने कहा है कि पार्टी के विधायक 'आप' के पक्ष में हैं और वे केजरीवाल सरकार को ही वोट देंगे। दिल्‍ली के कांग्रेस प्रभारी शकील अहमद ने भी केजरीवाल की सरकार को समर्थन देने की बात दोहराई है।इस बीच, अरविंद केजरीवाल ने गुरुवार को कहा कि सभी लोग शपथ ग्रहण समारोह में आमंत्रित हैं। शपथ ग्रहण के बाद अगले साल 3 जनवरी को केजरीवाल को बहुमत साबित करना होगा। फ्लोर मैनेजमेंट के सवाल पर अरविंद केजरीवाल कह चुके हैं कि वह अपने विधायकों के अलावा किसी के संपर्क में नहीं हैं। उन्होंने माना कि कल जेडी (यू) के विधायक शोएब इकबाल और मूंडका से निर्दलीय विधायक रामबीर शौकीन उनसे मिलने आए थे। माना जा रहा है कि बिना शर्त समर्थन देने का ऐलान कर चुके इकाबल को विधानसभा अध्यक्ष बनाया जा सकता है। इसके बावजूद 'आप' के खेमे में विश्वास मत में बाजी जीत जाने के बारे में पक्का भरोसा नहीं है।
कांग्रेस में खींचतान की बातों को बल इस बात से मिल रहा है कि पार्टी अभी तक अपने विधायक दल का नेता तय नहीं कर पाई है। चौधरी मतीन अहमद और हारुन यूसुफ के नाम नेता पद के लिए चर्चा में हैं। मतीन के नाम पर जोर इस तर्क के साथ है कि हारून मंत्री रह चुके हैं और अरविंदर लवली भी मंत्री रह चुके हैं। कांग्रेस के विधायकों का कहना है कि लवली को प्रदेश अध्यक्ष बना दिया गया और दूसरे पूर्व मंत्री हारून को यदि विधायक दल का नेता बनाया जाता है, तो क्या सबकुछ इन्हीं लोगों को मिलेगा। यह भी कहा जा रहा है कि केजरीवाल जिन मामलों की जांच कराने की बात कर रहें हैं, उनमें लवली और हारून के मंत्रालयों से जुड़े रहे मामले भी शामिल हैं।
केजरीवाल द्वारा जांच कराने की घोषणा की वजह से क्रॉस वोटिंग की चर्चाएं हैं। सूत्रों के अनुसार, इस माहौल में पार्टी के चार विधायकों ने कल दिल्ली के प्रभारी शकील अहमद से मुलाकात की। चौ. मतीन के अलावा प्रह्रलाद सिंह साहनी, हसन अहमद और देवेंद्र यादव ने शकील अहमद से कहा कि 'आप' को समर्थन दिया जाना चाहिए। बाकी चार विधायक क्यों नहीं थे? इस सवाल पर सूत्रों ने कहा कि कोई औपचारिक बैठक नहीं थी। समर्थन और क्रॉस वोटिंग के सवाल पर शकील अहमद के एक करीबी सूत्र ने कहा कि कोई गतिरोध नहीं है, सब साथ हैं और सभी का समर्थन है

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