लंबे समय से
सुरक्षा एजेंसियां परमाणु बम तक आतंकवादियों की पहुंच को लेकर चिंता जताती आई हैं
लेकिन अब लगता है कि न सिर्फ आतंकवादियों की इन हथियारों तक पहुंच हो गई है बल्कि
वह इनसे धमाके करने की भी योजना बनाने लगे हैं। सूत्रों के अनुसार इंडियन
मुजाहिदीन के भारतीय चीफ अहमद जरार सिद्दीबप्पा उर्फ यासीन भटकल ने हाल ही में
एनआईए को दिए अपने बयान में कहा है कि वह सूरत में परमाणु बम हमले की योजना बना
रहा था।
यासीन भटकल को 27 अगस्त को नेपाल के पोखरा में अरेस्ट किया गया था और उसके बाद से ही एनआईए, इंटेलिजेंस ब्यूरो और कई राज्यों की पुलिस द्वारा लगातार उससे पूछताछ की गई है। हमारे सहयोगी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया को इस पूछताछ रिपोर्ट की कॉपी मिली है।
भटकल ने जांचकर्ताओं को बताया कि उसने पाकिस्तान स्थित अपने बॉस रियाज भटकल से फोन पर पूछा था कि क्या वह (रियाज) एक छोटे परमाणु बम की व्यवस्था कर सकता है। इस पर रियाज ने कहा, 'पाकिस्तान में किसी भी चीज की व्यवस्था की जा सकती है।' यासीन ने जांच अधिकारियों को बताया कि, 'रियाज ने मुझे (यासीन) बताया कि परमाणु बमों से हमले किए जा सकते हैं। मैंने उससे सूरत पर हमले के लिए एक परमाणु बम की व्यवस्था करने को कहा।'
जांच रिपोर्ट के अनुसार यासीन ने कहा, 'रियाज ने कहा कि इसमें (परमाणु हमले में) मुस्लिम भी मारे जाएंगे। जिस पर मैंने कहा कि हम मस्जिदों में पोस्टर चिपका देंगे कि हर मुस्लिम अपने परिवार को लेकर चुपचाप शहर छोड़ दें।' लेकिन अगस्त में आईबी द्वारा यासीन की गिरफ्तारी के बाद इस योजना पर काम शुरू नहीं हो सका।सूरत हमेशा से ही यासीन के रेडार पर रहा है। उसने वर्ष 2008 में दिल्ली, जयपुर और अहमदाबाद में हुए सीरियल ब्लास्ट के दौरान आतिफ अमीन के साथ मिलकर 27 बम बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। खुफिया अधिकारियों के अनुसार यासीन खुद भी इंडियन मुजाहिदीन का बम बनाने का एक्सपर्ट रहा है और उसकी गिरफ्तारी के बाद से इंडियन मुजाहिदीन की बम बनाने की क्षमता प्रभावित हुई है।
यासीन ने साथ ही इंडियन मुजाहिदीन के सदस्यों और दूसरे आतंकवादियों को पाकिस्तान में दी जाने वाली आर्मी लेवल ट्रेनिंग की भी जानकारी दी है। जिससे पता चलता है कि आतंकवादियों को पाकिस्तान की मदद से उच्चस्तरीय ट्रेनिंग दी जाती है। इंडियन मुजाहिदीन के सदस्यों को पाकिस्तान में दी जाने वाली ट्रेनिंग की जानकारी देते हुए यासीन ने बताया , ट्रेनिंग में सुबह की पीटी, हथियारों को संभालना और विस्फोटकों/IED की ट्रेनिंग, पिस्टल्स रिवॉल्वर्स, एके-47 आदि की ट्रेनिंग होती हैं। भारतीय हथियारों जैसे LMG और SLR और स्निफर राइफल्स भी ट्रेनिंग में शामिल होते हैं।'यासीन ने बताया कि हमें विस्फोटकों को संभालने की भी ट्रेनिंग दी जाती है। उसने कहा, 'इनमें PE3A (काले रंग का विस्फोटक), C4, C3, TNT जैसे विस्फोटक शामिल है। साथ ही हमें अमोनियम नाइट्रेट, हाइड्रोडन परऑक्साइड, और जिलेटिन की छड़ियों से आईडी बनाना भी सिखाय गया। यह ट्रेनिंग 50 दिनों की थी।' सूत्रों के अनुसार सभी योजनाओं और सक्रिय ऑपरेशंस के लिए यासीन रियाज के संपर्क में रहा। रियाज ने वर्ष 2013 में यासीन के पास 17 लाख रुपये भेजे, जिसमें से 25 हजार रुपये यासीन के हर महीने के व्यक्तिगत खर्चे के लिए थे।
एक उच्चस्तरीय खुफिया अधिकारी ने बताया, 'पिछले कई सालों से हमारा सामना अलग-अलग तरह की IED's से हो रहा है और इसकी वजह यह है कि आंतकवादियों को आईएसआई की मदद से पाकिस्तान में आधुनिक ट्रेनिंग दी जा रही है। और अगर आतंकवादियों की पहुंच परमाणु बम तक हो गई है तो यह हमारे लिए (भारत) बहुत ही खतरनाक है।'
यासीन भटकल को 27 अगस्त को नेपाल के पोखरा में अरेस्ट किया गया था और उसके बाद से ही एनआईए, इंटेलिजेंस ब्यूरो और कई राज्यों की पुलिस द्वारा लगातार उससे पूछताछ की गई है। हमारे सहयोगी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया को इस पूछताछ रिपोर्ट की कॉपी मिली है।
भटकल ने जांचकर्ताओं को बताया कि उसने पाकिस्तान स्थित अपने बॉस रियाज भटकल से फोन पर पूछा था कि क्या वह (रियाज) एक छोटे परमाणु बम की व्यवस्था कर सकता है। इस पर रियाज ने कहा, 'पाकिस्तान में किसी भी चीज की व्यवस्था की जा सकती है।' यासीन ने जांच अधिकारियों को बताया कि, 'रियाज ने मुझे (यासीन) बताया कि परमाणु बमों से हमले किए जा सकते हैं। मैंने उससे सूरत पर हमले के लिए एक परमाणु बम की व्यवस्था करने को कहा।'
जांच रिपोर्ट के अनुसार यासीन ने कहा, 'रियाज ने कहा कि इसमें (परमाणु हमले में) मुस्लिम भी मारे जाएंगे। जिस पर मैंने कहा कि हम मस्जिदों में पोस्टर चिपका देंगे कि हर मुस्लिम अपने परिवार को लेकर चुपचाप शहर छोड़ दें।' लेकिन अगस्त में आईबी द्वारा यासीन की गिरफ्तारी के बाद इस योजना पर काम शुरू नहीं हो सका।सूरत हमेशा से ही यासीन के रेडार पर रहा है। उसने वर्ष 2008 में दिल्ली, जयपुर और अहमदाबाद में हुए सीरियल ब्लास्ट के दौरान आतिफ अमीन के साथ मिलकर 27 बम बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। खुफिया अधिकारियों के अनुसार यासीन खुद भी इंडियन मुजाहिदीन का बम बनाने का एक्सपर्ट रहा है और उसकी गिरफ्तारी के बाद से इंडियन मुजाहिदीन की बम बनाने की क्षमता प्रभावित हुई है।
यासीन ने साथ ही इंडियन मुजाहिदीन के सदस्यों और दूसरे आतंकवादियों को पाकिस्तान में दी जाने वाली आर्मी लेवल ट्रेनिंग की भी जानकारी दी है। जिससे पता चलता है कि आतंकवादियों को पाकिस्तान की मदद से उच्चस्तरीय ट्रेनिंग दी जाती है। इंडियन मुजाहिदीन के सदस्यों को पाकिस्तान में दी जाने वाली ट्रेनिंग की जानकारी देते हुए यासीन ने बताया , ट्रेनिंग में सुबह की पीटी, हथियारों को संभालना और विस्फोटकों/IED की ट्रेनिंग, पिस्टल्स रिवॉल्वर्स, एके-47 आदि की ट्रेनिंग होती हैं। भारतीय हथियारों जैसे LMG और SLR और स्निफर राइफल्स भी ट्रेनिंग में शामिल होते हैं।'यासीन ने बताया कि हमें विस्फोटकों को संभालने की भी ट्रेनिंग दी जाती है। उसने कहा, 'इनमें PE3A (काले रंग का विस्फोटक), C4, C3, TNT जैसे विस्फोटक शामिल है। साथ ही हमें अमोनियम नाइट्रेट, हाइड्रोडन परऑक्साइड, और जिलेटिन की छड़ियों से आईडी बनाना भी सिखाय गया। यह ट्रेनिंग 50 दिनों की थी।' सूत्रों के अनुसार सभी योजनाओं और सक्रिय ऑपरेशंस के लिए यासीन रियाज के संपर्क में रहा। रियाज ने वर्ष 2013 में यासीन के पास 17 लाख रुपये भेजे, जिसमें से 25 हजार रुपये यासीन के हर महीने के व्यक्तिगत खर्चे के लिए थे।
एक उच्चस्तरीय खुफिया अधिकारी ने बताया, 'पिछले कई सालों से हमारा सामना अलग-अलग तरह की IED's से हो रहा है और इसकी वजह यह है कि आंतकवादियों को आईएसआई की मदद से पाकिस्तान में आधुनिक ट्रेनिंग दी जा रही है। और अगर आतंकवादियों की पहुंच परमाणु बम तक हो गई है तो यह हमारे लिए (भारत) बहुत ही खतरनाक है।'
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