Friday, December 27, 2013

28 दिसंबर को केजरीवाल सरकार का शपथ ग्रहण

28 दिसंबर को केजरीवाल सरकार के शपथ ग्रहण के बाद उसकी पहली परीक्षा 2 जनवरी को होगी जब विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव होगा। कांग्रेस इस पद के लिए 'बिना शर्त' समर्थन देने के लिए तैयार नहीं है। समर्थन मांगने पर ही इस बारे में सोचा जाएगा।
हालांकि राजनीतिक क्षेत्रों में यह माना जा रहा है कि शोएब इकबाल नए अध्यक्ष हो सकते हैं और वह इस बारे में अरविंद केजरीवाल से बात भी कर आए हैं। लेकिन कांग्रेस दूसरे ही मूड में है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली ने इस बारे में सिर्फ इतना ही कहा है कि विधायक दल की बैठक में फैसला होगा। विधायक दल की बैठक भी 28 दिसंबर को ही होने जा रही है और उसमें विधायक दल के नेता का चुनाव भी होगा।
माना जा रहा है कि हारुन युसूफ विधायक दल के नेता हो सकते हैं। लवली ने कहा कि उसी बैठक में औपचारिक रूप से विचार किया जाएगा। मगर, कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि केजरीवाल की सरकार को बाहर से बिना शर्त समर्थन दिया गया है, लेकिन विधानसभा अध्यक्ष चुनाव के लिए ऐसा कोई समर्थन नहीं दिया गया और न ही दोनों दलों में इस विषय पर कोई बातचीत या सहमति हुई है। इन सूत्रों का कहना है कि आम आदमी पार्टी को विधानसभा अध्यक्ष के पद पर चुनाव की स्थिति में तभी समर्थन दिया जाएगा, जब केजरीवाल समर्थन मांगेंगे। समर्थन न मांगने पर कांग्रेस विधानसभा अध्यक्ष चुनाव में आप को समर्थन नहीं देगी।
अगर ऐसा होता है तो विधानसभा में बड़ी ही दिलचस्प स्थिति पैदा हो जाएगी। हालांकि बीजेपी ने भी अभी अपने पत्ते नहीं खोले हैं, लेकिन बदले हुए हालात में बीजेपी को लाभ हो सकता है। बीजेपी विधायक दल के नेता डॉ. हर्षवर्धन ने कहा है कि शुक्रवार को विधायक दल की पहली बैठक बुलाई गई है और उम्मीद है कि उसमें इस विषय पर बात होगी, लेकिन पार्टी में अभी इस सवाल पर विचार नहीं हुआ। बीजेपी सूत्रों का कहना है कि कुछ विधायक चाहते हैं कि अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ा जाए और कुछ इसके विरोध में हैं। मगर, कांग्रेस के तेवर देखकर बीजेपी को चुनाव में उतरना पड़ सकता है। अगर अरविंद केजरीवाल कांग्रेस से समर्थन नहीं मांगते तो कांग्रेस बीजेपी को समर्थन तो नहीं देगी, लेकिन संभव है कि वह अध्यक्ष पर होने वाले चुनाव में वोट ही नहीं डाले। उस हालत में बीजेपी उम्मीदवार को जीत मिल सकती है। अगर आम आदमी पार्टी के 28 एमएलए के साथ शोएब इकबाल और मुंडका के निर्दलीय एमएलए भी मिल जाएं तो कुल मिलाकर संख्या 30 तक ही पहुंचती है जबकि बीजेपी के 32 एमएलए हैं। इस तरह विधानसभा अध्यक्ष का पद बीजेपी की झोली में जा सकता है। वैसे, बीजेपी के प्रो़ जगदीश मुखी अस्थायी अध्यक्ष बनेंगे और वही विधायकों को शपथ भी दिलाएंगे।

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