महंगाई के मुद्दे पर चारों ओर से घिरे कृषि मंत्री शरद पवार का कहना है कि रबी फसल की अच्छी संभावना तथा दाल और चीनी के आयात के कारण इनकी उपलब्धता बढ़ रही है और इसके चलते आने वाले दिनों में मंहगाई पर पार काबू पाया जा सकेगा। जरूरत के सामानों की आसमान छूती कीमतों पर विपक्ष से लगातार हमले का सामना कर रहे पवार ने एक इंटरव्यू में कहा, 'दाल के दाम धीरे धीरे कम हो रहे हैं और चीनी भी सस्ती हो रही है।' उन्होंने कहा कि इस बार गेहूं की अच्छी फसल रहने की संभावना जताई गई है और चावल के उत्पादन और उसके बफर स्टॉक के भी बेहतर होने की संभावना है। कृषि मंत्री ने बताया कि 20 जनवरी तक 193 लाख टन धान की खरीद की गई जो पिछले साल खरीदे गए 198 लाख टन से कुछ ही कम है। दाल के दामों के बारे में पवार ने कहा, 'दाल के दामों की रुख नीचे की ओर है। कीमतें बहुत ज्यादा तो नहीं लेकिन प्रति किलोग्राम 2 से 3 रूपये कम हो रही हैं। हमें उम्मीद है कि यह सिलसिला कायम रहेगा। उन्होंने कहा कि रबी की फसल में दाल की फसल का क्षेत्र बढ़ा है और दिन प्रतिदिन स्थिति सुधरेगी।' चीनी के बारे में मंत्री ने कहा कि वायदा बाजार में चीनी के दाम अंतरराष्ट्रीय बाजार में कमजोर देखे गए हैं और इससे कम दामों में चीनी मिलने में मदद मिलेगी। उन्होंने बताया कि पिछले कुछ दिनों में दाम 4000 रूपये प्रति क्विंटल से 3600 रूपये प्रति क्विंटल तक गिरे हैं। उन्होंने कहा, 'उम्मीद करता हूं कि यह खुदरा बाजार में भी दिखेगा। पवार ने कहा कि एमएमटीसी और एसटीसी दाल का आयात कर रही हैं और सरकार को प्रतिकिलो 50 रूपये का नुकसान हो रहा है जो अब तक 400 करोड़ का हो चुका है. निजी क्षेत्र भी बड़े पैमाने पर आयात कर रहे हैं।'
Sunday, January 31, 2010
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