देश के रिटेल किंग किशोर बियानी का मानना है कि सरकार को उन लोगों पर कम टैक्स लगाना चाहिए जो ज्यादा खर्च करें। उन्होंने कहा कि मेरा नजरिया वस्तुओं के उपभोग का है, सरकार का नजरिया इससे अलग हो सकता है। वह अपनी किताब 'नए दौर की ओर' के रिलीज के मौके पर 'पाठकों से मिलिए कार्यक्रम' में लोगों के सवालों का जवाब दे रहे थे। इस कार्यक्रम का आयोजन नवभारत टाइम्स और प्रभात प्रकाशन ने नैशनल म्यूजियम में किया था। बियानी ने कहा कि महिलाओं का नजरिया डिटेल जानने के बारे में ज्यादा संवदेनशील होता है। इसलिए वे ज्यादा अच्छी रिटेलर्स साबित होती हैं। बिग बाजार की मुंबई ब्रांच के स्टाफ में लगभग 80 फीसदी महिलाएं ही रखी गई हैं। किशोर बियानी ग्रेजुएट हैं। हालांकि, उन्होंने कुछ दूसरे कोर्स भी किए हैं। उन्होंने कहा कि मुझे इस बात का दुख है कि मैं सीए या ऐसा कोई प्रफेशनल कोर्स नहीं कर पाया, इससे मुझे बिजनेस में कहीं ज्यादा सपोर्ट मिलता। देश में विदेशी कंपनियों का हौआ खड़ा होने के बारे में उन्होंने कहा कि यह सिर्फ मीडिया में ही चर्चा का विषय बना हुआ है। देश के रिटेल सेक्टर को इससे घबराने की जरूरत नहीं है। बनारस के बाजारों का जिक्र करते हुए बियानी ने कहा कि भारत का रिटेल बाजार बहुत मजबूत और व्यापक है। रिटेल सेक्टर में क्रांति लाने वाले किशोर बियानी ने 'तुम जानो न हम' और 'चुरा लिया है तुमने' जैसी फिल्में भी बनाई थीं, लेकिन इस फील्ड में उन्हें अपेक्षित सफलता नहीं मिल पाई। हालांकि, इससे उनके उत्साह में कोई कमी नहीं आई और वे अपने प्रयासों में डटे रहे। इस समय पूरे देश में उनके ग्रुप की 1500 दुकानें हैं और 30 हजार करोड़ रुपये का बिजनेस है। वे हर दिन एक नई दुकान खोल रहे हैं और उनका लक्ष्य 2011 तक 5500 दुकानें खोलने का है। सफलता का सूत्र बताते हुए उन्होंने कहा कि लोग अपने सीमित दायरे में ही सोचते रहते हैं जबकि आगे बढ़कर नए फैसले लेने की आदत डालने की जरूरत होती है। अपने फ्यूचर ग्रुप और बिग बाजार की मार्केटिंग पॉलिसी की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि आज वस्तुओं की क्वॉलिटी से समझौता नहीं किया जा सकता। साथ ही दाम कम रखने पर ध्यान देना जरूरी होता है। नवभारत टाइम्स की ओर से बियानी को उनका रेखाचित्र भेंट किया गया। इस मौके पर प्रभात प्रकाशन के डायरेक्टर प्रभात कुमार, मार्केटिंग हेड डॉ. पीयूष कुमार और बड़ी संख्या में व्यवसायी, छात्र, महिलाएं और पाठक मौजूद थे।
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