क्या आप जानते हैं कि कुछ सिजेरियन ऑपरेशन जो बच्चा पैदा करने में आ रही दिक्कत के नाम पर डॉक्टरों द्वारा करवाए जाते हैं, में से कई केवल पैसा वसूलने का धंधा मात्र हैं? विश्व स्वास्थ्य संगठन की हालिया रिपोर्ट पर गौर करें तो कई बार सिजेरियन ऑपरेशन जरूरत पड़ने पर नहीं ब्लकि पैसा कमाने के लिए किए जाते हैं। देश में पांच में से एक डिलीवरी सिजेरियन ऑपरेशन से होती है। ज्यादातर सिजेरियन ऑपरेशन अस्पतालों द्वारा पैसा कमाने के मकसद से फिजूल में कराए जाते हैं। इस प्रकार के ऑपरेशन यह जानते हुए भी होते हैं कि इनसे माता और शिशु की जान जाने सहित अन्य जोखिम बढ़ जाते हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) द्वारा माता व नवजात शिशुओं के स्वास्थ्य को लेकर किए गए वैश्विक सर्वेक्षण में भारत सहित नौ एशियाई देशों में 2007-08 में सिजेरियन ऑपरेशनों में 27 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई है। देश में 18 फीसदी डिलीवरी सिजेरियन ऑपरेशन से हरुई हैं। इसमें चिंताजनक बात यह है कि दिल्ली, मुंबई जैसे शहरों के निजी अस्पतालों में इस तरह के मामले पांच प्रतिशत से बढ़कर 65 फीसदी तक पहुंच गए हैं। डब्लूएचओ की सूची में चीन सबसे ऊपर है जहां 46 फीसदी डिलीवरी सिजेरियन ऑपरेशन से होती हैं। मध्यप्रदेश, गुजरात और दिल्ली की 24,000 डिलीवरी मिलाकर कुल 1,07,950 डिलीवरी के विश्लेषण के बाद डब्लूएचओ ने यह निष्कर्ष निकाला है। विभिन्न देशों में सिजेरियन ऑपरेशन 15 फीसदी की सिफारिश से कहीं अधिक हो गए हैं। इसका कारण आकस्मिक चिकित्सा जरूरत नहीं बल्कि पैसा कमाने की लालसा है।
Monday, January 18, 2010
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