छात्रों पर से एग्जाम और मार्क्स के दबाव को कम करने के लिए 10वीं में ग्रेडिंग सिस्टम लागू करने के बाद मानव संसाधन विकास मंत्रालय अब 12वीं क्लास में भी इसे लागू करने की संभावना तलाश रहा है। राज्यों के सेक्रेटरी के सम्मेलन से के दौरान मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल ने कहा, '12वीं क्लास में ग्रेडिंग प्रणाली को पेश करने का विचार आया है और इस संबंध में विचार-विमर्श चल रहा है। इसपर पहले विभिन्न स्तरों पर चर्चा की जाएगी और केब समिति की मंजूरी के बाद ही इसे अंतिम रूप दिया जा सकता है। बहरहाल, मानव संसाधन विकास मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार ग्रैजुएशन के लेवल पर छात्रों पर दाखिले को लेकर बढ़ते दबाव को कम करने के लिए एप्टीट्यूड टेस्ट की तर्ज पर नैशनल एंट्रेंस एग्जाम आयोजित करने पर भी विचार चल रहा। सूत्रों ने बताया कि इन विषयों पर खाका तैयार करने के लिए कार्यबल का गठन किया जा रहा है। कुछ यूनिवर्सिटियों में अंक के स्थान पर ग्रेड को तरजीह देने के मद्देनजर 12वीं में ग्रेडिंग सिस्टम की संभावना तलाशी जा रही है। सिब्बल ने कहा कि ग्रैजुएशन में फीजिक्स, केमेस्ट्री और मैथ्स के सिलेबस को व्यापक बनाए जाने की जरूरत है। इसमें आर्ट्स विषयों को भी शामिल किए जाने पर विचार किया जाना चाहिए। सूत्रों ने बताया कि अगर इसपर सहमति बनती है तो साइंस का स्टूडेंट कॉमर्स या आर्ट्स का छात्र कॉमर्स या साइंस का चयन कर सकेगा। सिब्बल ने कहा, 'हमें शिक्षा विशेष तौर पर गुणवत्तापूर्ण शिक्षण पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। शिक्षा को रटंत ज्ञान पर आधारित होने की बजाए बच्चों की रचनात्मकता पर आधारित बनाए जाने की जरूरत है।' उन्होंने कहा, 'बच्चों के स्कूल छोड़ने की दर को कम करना, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करना और बेहतर शिक्षकों को व्यवस्था में शामिल करने का दायित्व मुख्य रूप से राज्यों पर है। सभी राज्यों की अलग-अलग तरह की चुनौतियां हैं लेकिन इन चुनौतियों को केंद्र में रखकर राज्य निर्देशित शिक्षा योजना तैयार की जानी चाहिए और इसमें सभी राज्य एक दूसरे का सहयोग कर सकते हैं।' मानव संसाधन विकास मंत्री ने कहा कि 10 प्रतिशत और उससे अधिक आर्थिक विकास के लक्ष्य को तभी हासिल किया जा सकता है जब शिक्षा के क्षेत्र को विशेष तवज्जो दी जाए और सकल नामांकन दर को बढ़ा कर 30 प्रतिशत किया जाए।
Thursday, January 28, 2010
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