तारीफ करना एक अच्छा और नेक काम है, अवश्य करनी चाहिये
तारीफ एक ऐसा शब्द है जो करने वाले और सुनने वाले दोनों को अच्छा लगता है क्योंकि इससे निकलने वाली पॉजिटिव एनर्जी किसी व्यक्ति को सर्वोत्तम कोशिश करने के लिए प्रेरित और उत्साहित करती है। वैसे तो तारीफ के जुमले महज कुछ शब्द होते हैं लेकिन इनके भीतर के मायने कई मामलों में बहुत विशेष होते हैं। वेस्ट में 24 जनवरी को मनाए जाने वाले कांप्लिमंट डे के बारे में भारतीय विशेषज्ञों का मानना है कि तारीफ सीधे आपकी आत्मगरिमा को बढ़ाती है और आपके अंदर खुशी भर देती है। इंटरनैशनल बुक डिजाइनर संजोग शरण के अनुसार हर व्यक्ति के अंदर यह तमन्ना होती है कि उसके अच्छे कामों की सराहना हो। कहावत है कि महिलाएं अपनी सुंदरता की सराहना सुनते नहीं लेकिन यह बात सिर्फ महिलाओं पर ही नहीं बल्कि सब पर लागू होती है क्योंकि प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से सभी अपनी सराहना पसंद करते हैं। थकतीं।इसी का मुजाहिरा बराक ओबामा ने भी हाल में दायित्व संभालने के बाद अपनी पत्नी मिशेल के सुंदर दिखने के बारे में लोगों से सार्वजनिक तौर पर सवाल पूछकर किया भी। संजोग ने कहा कि किसी भी आदमी की जब आप तारीफ कर रहे होते हैं या उसके बारे में कुछ अच्छी बात कर रहे होते हैं तो दरअसल आप उस व्यक्ति की एनर्जी को बढ़ाने का काम करते हैं। तारीफ से निश्चित तौर पर आदमी के भीतर पॉजिटिव एनर्जी बढ़ती है। संजोग ने ओबामा का ही उदाहरण देते हुए कहा कि वह आज इतने एनर्जेटिक क्यों लग रहे हैं। इसका एक कारण यह भी है कि न सिर्फ अमेरिका बल्कि दुनिया भर के लोग तमाम कारणों से उनकी तारीफ कर रहे हैं। इससे निश्चित तौर पर उन्हें पॉजिटिव एनर्जी मिल रही है। उन्होंने कहा कि हमें तारीफ करने के लिए किसी बडे़ मौके का इंतजार नहीं करना चाहिए। ऐसा नहीं है कि आप किसी व्यक्ति को भारतरत्न या पद्म पुरस्कार मिलने पर ही बधाई दें। यदि आपका फ्रेंड किसी बूढ़े व्यक्ति की मदद करता है या आपका कोई छोटा सा काम करता है तो आप इतनी छोटी सी बात के लिए भी उसकी तारीफ कर सकते हैं। इस छोटे से व्यवहार से आपके संबंधों की मधुरता काफी गुना बढ़ जाती है।
Monday, January 26, 2009
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment