Sunday, January 18, 2009

12वीं पास स्टूडेंट्स भी सिविल सर्विसेज में

अगर सरकारी पैनल की सिफारिशों को हरी झंडी मिल गई तो 12वीं पास स्टूडेंट्स भी सिविल सर्विसेज में जा सकेंगे। वीरप्पा मोइली की अगुवाई वाले दूसरे अडमिनिस्ट्रेटिव रिफॉर्म्स कमिश्न (एआरसी) ने 12वीं पास स्टूडेंट्स को भी सिविल सर्विस में जाने का ऑप्शन देने के लिए तीन साल का स्पेशल कोर्स चलाने की सिफारिश की है। मोइली ने कहा कि स्कूल से पढ़ाई करके निकले स्टूडेंट्स को अगर सिविल सर्विस में करियर बनाने के लिए चुना जाएगा तो वे ज्यादा मजबूत संकल्प और नजरिए के साथ सेवाएं देंगे। एआरसी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि इस कोर्स के लिए स्टूडेंट्स का सिलेक्शन नैशनल डिफेंस अकैडमी ( एनडीए) की तर्ज पर ऑल इंडिया एंट्रंस के आधार पर किया जाएगा। इसमें सफल स्टूडेंट्स को नैशनल इंस्टिट्यूट ऑफ पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन (एनआईपीए) में तीन साल का कोर्स करना होगा। कमिश्न ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि सरकार को लोक प्रशासन-मैनिजमंट में डिग्री कोर्स कराने के लिए एनआईपीए जैसे कई और इंस्टिट्यूट खोलने चाहिए। लंबे समय में ये इंस्टि्टयूट सिविल सर्विस में जाने के इच्छुक छात्रों के प्रमुख स्रोत बनकर उभरेंगे। मोइली ने कहा कि तीन साल के कोर्स के दौरान छात्रों का इस पेशे के प्रति नजरिया और संकल्प स्पष्ट हो जाएगा। जो छात्र सिविल सेवा में करियर बनाने के अनिच्छुक होंगे उन्हें इससे बाहर निकलने की छूट होगी। मोइली ने बताया कि कोर्स के दौरान समय-समय पर टेस्ट भी लिया जाएगा। अंतिम टेस्ट पास करने वाले छात्रों को ग्रैजुएशन की डिग्री दी जाएगी। उन्होंने बताया कि जो स्टूडेंट सिविल सर्विस में करियर बनाने के इच्छुक होंगे उन्हें कोर्स खत्म होने के बाद सेवा का आवंटन किया जाएगा। मोइली ने बताया कि सेवा आवंटन पाने वाले छात्रों को राष्ट्रीय संस्थानों में दो साल का सर्विस कोर्स करना होगा। इसका सिलेबस संबंधित सेवा की जरूरतों के हिसाब से तैयार किया जाएगा। उन्होंने बताया कि कोर्स की समाप्ति के बाद एक और टेस्ट लिया जाएगा। उसके बाद हर सर्विस के लिए अंतिम मेरिट लिस्ट जारी की जाएगी, जिसके आधार पर ऑल इंडिया सर्विसेज के उम्मीदवारों को कैडर का आवंटन किया जाएगा।

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