Sunday, January 18, 2009

हमें इनपर गर्व है, ये है भावी देख के खेवनहार

२० बच्चों को राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार, हमें इनपर गर्व है, ये है भावी देख के खेवनहार

रील लाइफ के हीरो को देखकर प्रेरित होने वाले कुछ नन्हे-मुन्ने बच्चे आज रियल लाइफ में खुद दूसरों के लिए प्रेरणा बन गए हैं। अपनी जान की बाजी लगाकर दूसरों की जान बचाने और देश सेवा में योगदान देने वाले ऐसे 20 बच्चों को राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार-2008 के लिए चुना गया है। इनमें 12 लड़कियां और 8 लड़के हैं। प्रधानमंत्री इन बच्चों को 26 जनवरी 2009 के समारोह में पुरस्कृत करेंगे। राष्ट्रपति और विभिन्न राज्य सरकारें भी इनके सम्मान में आयोजन करेंगे। काउंसिल फॉर चाइल्ड वेलफेयर में शनिवार को आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में पुरस्कार के लिए चयनित बच्चों के नामों का ऐलान किया गया। इस मौके पर आमंत्रित बच्चे खुशी से फूले नहीं समा रहे थे। इनमें उत्तर प्रदेश के 13 साल के सौमिक मिश्रा को संजय चोपड़ा अवॉर्ड, मध्य प्रदेश की प्राची संतोष सेन को गीता चोपड़ा अवॉर्ड, 14 साल की राजस्थान की रहने वाली आशू कंवर, छत्तीसगढ़ की रहने वाली साढ़े 16 साल की सीमा कंवर और 15 साल की स्वर्गीय कविता कंवर को बापू गैधानी अवॉर्ड दिया जाएगा। अन्य चयनित बच्चों में कृतिका, हिना, सिल्वर खरबानी, अनिता कोरा, रीना कोरा, दीनू केजी, मंजुशा, वाई एदीसन, शहंशाह, विशाल यूर्याजी, मरुडू पंडी, भूमिका, गगन, मनीष और राहुल हैं। भारतीय बाल कल्याण परिषद द्वारा दिए जाने वाले इस अवॉर्ड के तहत पुरस्कृत बच्चों को उनकी स्कूलिंग के लिए आर्थिक मदद दी जाती है। राज्य सरकारें भी अपनी तरफ से सहायता देती हैं। साथ ही इंदिरा गांधी स्कॉलरशिप स्कीम के तहत बच्चों को इंजीनियरिंग, मेडिकल जैसे प्रफेशनल कोर्सेज़ और ग्रैजुएशन की पढ़ाई में भी मदद दी जाती है। ब्रेवरी अवॉर्ड पाने वाले बच्चों के लिए केंद्र सरकार की ओर से मेडिकल, इंजीनियरिंग और पॉलिटेक्निक की कुछ सीटें भी रिजर्व की गई हैं। ये अवॉर्ड 1957 में शुरू किए गए थे और तब से अब तक 756 बच्चों को पुरस्कृत किया गया है। इनमें 541 लड़के और 215 लड़कियां शामिल हैं।

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