Tuesday, January 13, 2009

मस्जिद होने के कारण इस्लामी कानून के मुताबिक वहां महिलाओं की उपस्थिति इस्लामिक कानूनों के लिहाज से नाजायज

बांग्लादेश के एक कस्बे में पिछले महीने मुस्लिम महिलाओं को एक खास सड़क पर जाने से रोक दिया गया। एक स्वयंभू मौलवी का कहना है कि सड़क पर मस्जिद होने के कारण इस्लामी कानून के मुताबिक वहां महिलाओं की उपस्थिति इस्लामिक कानूनों के लिहाज से नाजायज है। खास बात यह कि इस सड़क पर डाकघर के साथ ही तमाम लोगों के घर भी हैं। अपने को पीर कहने वाले रिटायर्ड सैनिक अब्दुस सत्तार हाथ में लाठी लिए चटगांव के फिरोजपुर कस्बे में पिछले महीने से उस सड़क की रखवाली में लगे हुए हैं। द डेली स्टार ने मंगलवार को बताया कि सत्तार के खिलाफ प्रशासन की ओर से अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। बारा मस्जिद की दीवार पर लिखा गया है, 'इस सड़क पर महिलाओं का आवागमन वर्जित है।' इस मस्जिद के बगल में उसी सड़क पर कस्बे का डाकघर व कई लोगों के अपने घर भी हैं। अस्पताल के लिए भी इसी सड़क से होकर जाना होता है। समाचार पत्र के अनुसार सड़क से गुजरने वाली यहां की महिलाओं व स्कूली लड़कियों को धमकाया जाता है और उन पर फब्तियां कसी जाती हैं।

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