Friday, August 22, 2014

मंत्री आजम खां की भैंसे एक बार फिर चर्चा में

सूबे के कद्दावर मंत्री आजम खां की भैंसे एक बार फिर चर्चा में हैं। लेकिन इस बार मामला भैंसों की चोरी का नहीं बल्कि उनकी शाही सवारी का है। पंजाब से आ रही आजम की इन भैंसों की सहारनपुर में जो आवभगत हुई उससे किसी को भी रश्क हो जाए। बुधवार को पूरी रात सूबे के एक बोर्ड के चेयरमैन का बेटा व समर्थक और एक थाने की पुलिस भैंसों की आवभगत में लगी रही। हूटर और लाल-नीली बत्ती लगी गाड़ियां भैंसों की गाड़ी को एस्कॉर्ट करते हुए सहारनपुर से मुजफ्फरनगर की सीमा तक छोड़कर आईं।
दरअसल मामला कुछ यूं है। आजम खां के करीबी सहारनपुर श्रम विभाग के एक बोर्ड के चेयरमैन सरफराज खां ने उनके लिए पंजाब से पांच भैंसें मंगाईं। इन भैंसों को सहारनपुर के रास्ते रामपुर जाना था। बुधवार की रात पांचों भैंस हरियाणा से होते हुए यूपी बॉर्डर पर पहुंचीं। भैंसों को रात में सहारनपुर में ही रोका जाना था। सहारनपुर की सीमा पर पहुंचते ही सरफराज खां ने अपने बेटे शहनवाज को भैंसों की देख रेख का जिम्मा सौंपा।
हूटर लगी गाड़ियों के एस्कॉर्ट के साथ भैंसें गागलहेड़ी थाने के पीछे स्थित पैठ पर लाया गया। शाहनवाज ने गागलहेड़ी पुलिस को जैसे ही बताया कि भैंसें आजम खां की हैं तो भैंसो की आवभगत करने के लिए होड़ लग गई। कोई भैंसों के लिए चारा लेने दौड़ा तो कोई गुड़ लेने भागा। किसी ने रोटी पकाई तो किसी ने भैंसों की गाड़ी का गोबर साफ कराया। मच्छर भैंसों को परेशान न कर सकें इसका भी खूब इंतजाम किया गया। रात भर भैंसों की आवभगत चलती रही और खड़े होकर देखने वाले उनसे रश्क करते हुए अपनी किस्मत को कोसते रहे। सुबह जब भैंसों को रामपुर के लिए रवाना किया जाने लगा तो हूटर लगी गाड़ियां उन्हें मुजफ्फरनगर की सीमा तक छोड़कर आईं।
इस बारे में एसएसपी सहारनपुर राजेश पांडेय ने बताया, 'ऐसा बताया गया है कि दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री सरफराज खां ने इन भैंसों को मंगाया था। उनके समर्थक व एस्कोर्ट के लोग भैंसों की देखरेख में थे। लेकिन गागलहेड़ी थाने का कोई कर्मी वहां नहीं गया। चूंकि पैठ थाने के पीछे ही स्थित है इसलिए लोग पुलिस द्वारा आवभगत किए जाने की बात कह रहे हैं।' एसएसपी ने बताया कि पुलिस की तरफ से हूटर लगी कोई गाड़ी भी नहीं भेजी गई थी।

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