नरेंद्र मोदी की परफॉर्मेंस का जायजा लेने वाले
पहले पोल के नतीजे आ गए हैं। सर्वे में शामिल आधे लोगों की उम्मीदों पर मोदी खरे
उतरे हैं, जबकि 30 फीसदी
का मानना है कि मोदी सरकार की परफॉर्मेंस उम्मीदों से कम रही है। बाकी 20 फीसदी लोगों को मानना है कि सरकार ने उम्मीद से बेहतर काम किया है। यह
सर्वे 'मोदी के साथ भारत बदलें' नामक
ऑनलाइन कम्युनिटी के 1 लाख 30 हजार
मेंबर्स के बीच किया गया। इसका मकसद मोदी सरकार के 60 दिन
पूरे करने के बाद लोगों की राय का पता लगाना था।
इस कम्युनिटी को पब्लिक पॉलिसी एक्सपर्ट आर. पी. गुप्ता ने लॉन्च किया है, जो बीजेपी के मेंबर भी हैं। लोकल सर्किल कम्युनिटी में इंडस्ट्री, प्रफेशनल्स, इनवेस्टर्स, किसान, सामाजिक कार्यकर्ता, ऐकडेमिशियन, ब्यूरोक्रेट्स और सीनियर सिटिजन जैसे अलग-अलग बैकग्राउंड के लोग हैं। बीजेपी का कम्युनिकेशन सेल भी इस कम्युनिटी से जुड़ा हुआ है। गुप्ता की मुरली मनोहर जोशी की अगुआई में बीजेपी का मैनिफेस्टो लिखने में अहम भूमिका थी।
इस कम्युनिटी को पब्लिक पॉलिसी एक्सपर्ट आर. पी. गुप्ता ने लॉन्च किया है, जो बीजेपी के मेंबर भी हैं। लोकल सर्किल कम्युनिटी में इंडस्ट्री, प्रफेशनल्स, इनवेस्टर्स, किसान, सामाजिक कार्यकर्ता, ऐकडेमिशियन, ब्यूरोक्रेट्स और सीनियर सिटिजन जैसे अलग-अलग बैकग्राउंड के लोग हैं। बीजेपी का कम्युनिकेशन सेल भी इस कम्युनिटी से जुड़ा हुआ है। गुप्ता की मुरली मनोहर जोशी की अगुआई में बीजेपी का मैनिफेस्टो लिखने में अहम भूमिका थी।
गुप्ता
ने ईटी को बताया,
'बीजेपी की अगुआई वाली एनडीए सरकार की परफॉर्मेंस के आकलन के लिए 'बेहतरीन' सही शब्द है। अगर चार राज्यों में अभी
चुनाव होते हैं (इस साल के आखिर में इन राज्यों में चुनाव होने हैं), तो बीजेपी को 80 फीसदी सीटों पर जीत हासिल होगी।'
सरकार को पब्लिक के मूड से रूबरू कराने की खातिर यह सर्वे नियमित
तौर पर हो सकता है।
यह सर्वे अमेरिका के प्रेजिडेंट्स अप्रूवल रेटिंग सिस्टम की तर्ज पर किया गया है। सर्वे में कुछ चौंकाने वाले नतीजे भी सामने आए। 42 फीसदी लोगों का मानना था कि करप्शन से लड़ना सरकार की सबसे बड़ी प्राथमिकता होनी चाहिए। महंगाई रोकने और कीमतों में बढ़ोतरी जैसे मसले तीसरे नंबर (24 फीसदी) पर थे जबकि जॉब में बढ़ोतरी और इकनॉमिक ग्रोथ दूसरा सबसे अहम मुद्दा रहा और 26 फीसदी लोगों ने इसके लिए वोटिंग की।
सर्वे में मोदी के चुनावी क्षेत्र वाराणसी, गंगा की सफाई और घाटों का आधुनिकीकरण जैसे मुद्दे प्राथमिकताओं से बिल्कुल गायब थे। ज्यादातर यानी 75 फीसदी लोगों के लिए सफाई और सिविक सेंस जैसे मुद्दे काफी अहम थे और वे इस पर सरकार से तत्काल कार्रवाई चाहते थे। बाकी 25 फीसदी लोगों ने इस धार्मिक शहर में नए मौकों और इंफ्रास्ट्रक्चर की मांग की।
मोदी के चुनाव क्षेत्र से जुड़ा सवाल वाराणसी के नागरिकों के सर्किल के सामने पेश किया गया और 31,000 मेंबर्स का कहना था कि सरकार को इसे प्राथमिकता देनी चाहिए। कन्ज़यूमर से जुड़ी समस्याओं को दुरुस्त करने में लोगों की सबसे अहम प्राथमिकता मेडिकल सर्विसेज को लेकर थी। 62 फीसदी लोगों ने इसके पक्ष में वोटिंग की। बाकी जिन सेक्टरों में कन्ज़यूमर शिकायतों के निपटारे की जरूरत महसूस की गई, उनमें रीयल एस्टेट (23 फीसदी), बैंकिंग (10 फीसदी) और टेलिकॉम (5 फीसदी) शामिल हैं।
यह सर्वे अमेरिका के प्रेजिडेंट्स अप्रूवल रेटिंग सिस्टम की तर्ज पर किया गया है। सर्वे में कुछ चौंकाने वाले नतीजे भी सामने आए। 42 फीसदी लोगों का मानना था कि करप्शन से लड़ना सरकार की सबसे बड़ी प्राथमिकता होनी चाहिए। महंगाई रोकने और कीमतों में बढ़ोतरी जैसे मसले तीसरे नंबर (24 फीसदी) पर थे जबकि जॉब में बढ़ोतरी और इकनॉमिक ग्रोथ दूसरा सबसे अहम मुद्दा रहा और 26 फीसदी लोगों ने इसके लिए वोटिंग की।
सर्वे में मोदी के चुनावी क्षेत्र वाराणसी, गंगा की सफाई और घाटों का आधुनिकीकरण जैसे मुद्दे प्राथमिकताओं से बिल्कुल गायब थे। ज्यादातर यानी 75 फीसदी लोगों के लिए सफाई और सिविक सेंस जैसे मुद्दे काफी अहम थे और वे इस पर सरकार से तत्काल कार्रवाई चाहते थे। बाकी 25 फीसदी लोगों ने इस धार्मिक शहर में नए मौकों और इंफ्रास्ट्रक्चर की मांग की।
मोदी के चुनाव क्षेत्र से जुड़ा सवाल वाराणसी के नागरिकों के सर्किल के सामने पेश किया गया और 31,000 मेंबर्स का कहना था कि सरकार को इसे प्राथमिकता देनी चाहिए। कन्ज़यूमर से जुड़ी समस्याओं को दुरुस्त करने में लोगों की सबसे अहम प्राथमिकता मेडिकल सर्विसेज को लेकर थी। 62 फीसदी लोगों ने इसके पक्ष में वोटिंग की। बाकी जिन सेक्टरों में कन्ज़यूमर शिकायतों के निपटारे की जरूरत महसूस की गई, उनमें रीयल एस्टेट (23 फीसदी), बैंकिंग (10 फीसदी) और टेलिकॉम (5 फीसदी) शामिल हैं।
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