आम आदमी पार्टी
(आप) की राजधानी में नए चुनाव कराने की मांग को लेकर पार्टी के सभी विधायक सहमत
नहीं हैं। रोहिणी से पार्टी के विधायक राजेश गर्ग ने पार्टी के प्रमुख अरविंद
केजरीवाल की मांग को लेकर असहमति जताई है। गर्ग ने दावा किया कि आप के 27 में से 25
विधायक दोबारा चुनाव लड़ने के पक्ष में नहीं हैं, लेकिन वे पार्टी हाईकमान के खिलाफ बोलने से डर रहे हैं।
गर्ग का कहना था, 'मैं केजरीवाल के खिलाफ नहीं हूं। वह 100 पर्सेंट ईमानदार हैं और सभी विधायक एकजुट हैं, लेकिन ज्यादातर एक और चुनाव नहीं लड़ना चाहते। बीजेपी और कांग्रेस के विधायक भी ऐसा ही चाहते हैं। कोई भी हाई कमान के दबाव की वजह से नहीं बोल रहा। हमने दिल्ली के लोगों की सेवा करने के लिए पार्टी बनाई थी, चुनाव के बाद चुनाव लड़ने के लिए नहीं। एक बार फिर चुनाव होने पर 1,000 करोड़ रुपये खर्च होंगे। अगर दूसरे चुनाव में भी स्पष्ट जनादेश नहीं मिला तो क्या होगा? हम क्या करेंगे?'
गर्ग का कहना था, 'मैं केजरीवाल के खिलाफ नहीं हूं। वह 100 पर्सेंट ईमानदार हैं और सभी विधायक एकजुट हैं, लेकिन ज्यादातर एक और चुनाव नहीं लड़ना चाहते। बीजेपी और कांग्रेस के विधायक भी ऐसा ही चाहते हैं। कोई भी हाई कमान के दबाव की वजह से नहीं बोल रहा। हमने दिल्ली के लोगों की सेवा करने के लिए पार्टी बनाई थी, चुनाव के बाद चुनाव लड़ने के लिए नहीं। एक बार फिर चुनाव होने पर 1,000 करोड़ रुपये खर्च होंगे। अगर दूसरे चुनाव में भी स्पष्ट जनादेश नहीं मिला तो क्या होगा? हम क्या करेंगे?'
गर्ग ने यह बात ऐसे समय में कही है कि जब उनकी पार्टी
चुनाव के पक्ष में सार्वजनिक राय बनाने के लिए घर-घर जाकर प्रचार शुरू करने की
तैयारी कर रही है। बुधवार से पार्टी के कार्यकर्ता राजधानी के लिए अपनी सरकार की
जरूरत को लेकर केजरीवाल के संदेश के साथ घरों में जाएंगे। केजरीवाल के मुख्यमंत्री
पद छोड़ने के बाद 17 फरवरी से दिल्ली में राष्ट्रपति
शासन है। गर्ग का कहना है कि बीजेपी को 'आप' के विधायकों को खरीदने की कोशिश करने के बजाय खुलेआम पार्टी का समर्थन
मांगना चाहिए।
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