Thursday, August 29, 2013

संकट आर्थिक - मौजूदा लीडरशिप पर सवाल- रतन टाटा

 खराब आर्थिक हालात पर चौतरफा हमले झेल रही यूपीए सरकार पर अब टाटा संस के पूर्व चेयरमैन और दिग्गज उद्योगपति रतन टाटा ने हमला बोला है। खस्ता आर्थिक हाल पर अपनी चुप्पी तोड़ते हुए रतन टाटा ने खुलकर देश की मौजूदा लीडरशिप पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि देश में लीडरशिप का संकट आर्थिक मुश्किलें बढ़ाता जा रहा है।
रतन टाटा ने कहा कि देश को ऐसे नेता की जरूरत है, जो फ्रंट पर आकर नेतृत्व कर सके। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री की टीम और राजनीतिक वर्ग को एक दिशा में काम करने की जरूरत है, न कि राष्ट्रीय हित को ताक पर रखकर अपने-अपने एजेंडे पर चलने की। उन्होंने कहा, 'ऐसे नेता भी हैं जिनका मैं सम्मान करता रहा हूं। लेकिन कुछ हुआ है कि वर्तमान नेतृत्व बिखर गया है। हमारे पास वैसा नेतृत्व नहीं है, जिसकी हम बात करते हैं और जो फ्रंट पर आकर नेतृत्व करे।'
अंग्रेजी चैनल सीएनएन-आईबीएन से बातचीत में टाटा ने कहा, 'सियासी नेतृत्व को एक साथ काम करने की जरूरत है। आज सरकार में हर मंत्री अलग-अलग दिशाओं में काम कर रहा है। राज्य भी अपने हिसाब से चल रहे हैं। केंद्र सरकार और राज्यों के बीच सामंजस्य का कमी है। खराब नेतृत्व की वजह से आर्थिक समस्याएं और बढ़ीं हैं।'

रतन टाटा ने नरेंद्र मोदी के बारे में कहा, 'मोदी ने गुजरात में अपना नेतृत्व साबित किया है और राज्य को आगे बढ़ाया। हालांकि, नैशनल लेवल पर वह गुजरात जैसा काम कर पाएंगे या नहीं यह कहना मुश्किल है।' मोदी की तारीफ करने का साथ ही दिग्गज उद्योगपति ने यह भी कहा कि वह प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की काफी इज्जत करते हैं।

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