Wednesday, August 7, 2013

पिछली सरकार में उनके साथ क्या होता था, वह जानते हैं

 यूपी सरकार निलंबित एसडीएम दुर्गा शक्ति नागपाल पर लिए गए अपने फैसले से टस से मस होने को तैयार नहीं है। अब तो सरकार खुद पर लग रहे आरोपों की परवाह न करते हुए और भी आक्रामक होती दिखाई दे रही है। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री ने इसी कड़ी में मंगलवार को दुर्गा पर हमला बोला। सीएम अखिलेश यादव की मौजूदगी में स्वास्थ्य मंत्री अहमद हसन ने कहा, 'दुर्गा नागपाल क्या है, किस परिवार की है, उसका खुलासा करेंगे तो आप भी सोचेंगे कि किसकी तरफदारी कर रहे हैं।'
स्वास्थ्य मंत्री ने एसडीएम को नासमझ अफसर बताते हुए कहा कि वह मस्जिद की दीवार गिराने पर माफी मांग लेती तो बात इतनी नहीं बढ़ती। स्वास्थ्य मंत्री मुख्यमंत्री के पांच, कालीदास मार्ग स्थित आवास पर कई योजनाओं के लोकार्पण के मौके पर बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि इस समय चारों ओर दुर्गा का फोबिया छाया हुआ है। एक नासमझ एसडीएम जिसने ड्यूटी को अंजाम नहीं दिया और कहने लगी कि मैंने मस्जिद नहीं गिराई। उसने झूठ बोलकर आईएएस पद की गरिमा को ही खत्म कर दिया।
दुर्गा को लेकर हसन ने मीडिया पर भी निशाना साधा और बोले कि मीडिया इस मामले में गड़बड़ कर रहा है। बोले- 'मीडिया दिखा रहा है कि दुर्गा नागपाल इंटरनेट पर आगे निकल गई है, उसने तो अमिताभ बच्चन को भी पीछे छोड़ दिया है। लगता है दुर्गा के बारे में लोग नहीं जानते।' स्वास्थ्य मंत्री ने दुर्गा का साथ देने के लिए आईएएस असोसिएशन को भी चेतावनी दी और कहा, 'आईएएस अफसर सियासत करने की बजाए दायरे में रहकर काम करें।

बकौल हसन, असोसिएशन को अपनी गरिमा बचाकर रखनी चाहिए। आईएएस अफसरों का सौभाग्य है कि उन्हें इतना शालीन मुख्यमंत्री मिला है, नहीं तो पिछली सरकार में उनके साथ क्या होता था, वह जानते हैं।'
अहमद हसन ने केंद्र सरकार पर भी हमला बोला और कहा कि केंद्र सरकार केवल सियासत कर रही है। विकास के लिए पैसा न देने में केंद्र का कोई जवाब नहीं है। 108 ऐम्बुलेंस चलाने के लिए उन्होंने पैसा देना बंद कर दिया। अब सीएम ने 87 करोड़ दिए हैं, जिससे सरकार खुद अपने दम पर चलाएगी। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की इतनी फिरकापरस्ती ठीक नहीं है। जनता ने राज्य और केंद्र में फिरकापरस्ती के खिलाफ ही सरकार बनाई थी और केंद्र सरकार इसे समझ नहीं रही। केंद्र सरकार दुर्गा के मामले पर बयान देने की बजाए खुद टीम भेजकर जांच करा ले।
अहमद हसन ने साफ किया कि एलआईयू या डीएम की रिपोर्ट के अलावा उनके पास जनता की भी रिपोर्ट आती है। कई बार हालात से मिले सुबूत ज्यादा पावरफुल होते हैं। उन्होंने कहा कि सरकमटैन्शियल ऐविडेंस से तो सुप्रीम कोर्ट से भी फांसी हो जाती है, इसलिए किसी एक रिपोर्ट पर मत जाइए।
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने दुर्गा के सवाल पर कहा कि सरकार इस मामले की जांच करा रही है। जांच कमिटी बन रही है। हालांकि उन्होंने यह बताने से मना कर दिया कि जांच कौन कर रहा है? मामले के किन बिंदुओं की जांच हो रही है। उन्होंने सवाल किया कि अगर कोई अफसर लापरवाही बरते तो क्या सरकार इतना भी न करे? उन्होंने बताया कि सरकार अपना काम कर रही है। जो लोग काम नहीं करेंगे, उनके खिलाफ कार्रवाई जरूर होगी।
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने बताया कि किसी ने एसएमएस करके उन्हें बताया है कि उनकी लोकप्रियता कम हो रही है। यह सर्वे करके बताया गया है कि 2333 लोगों में से 95 फीसदी लोगों ने हमारे खिलाफ वोट दिया है। सिर्फ 1.2 फीसदी लोग ही हमारे साथ हैं। उन्होंने पत्रकारों से सवाल किया कि क्या आप बता सकते हैं कि यह सच्चाई है?
सीएम ने कहा कि सरकार विकास के काम कर रही है, पिछली सरकार की तरह हाथी और खजूर नहीं लगवा रही

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