Friday, August 2, 2013

सिर्फ 41 मिनट में सस्पेंशन का ऑर्डर - रेत माफिया के खिलाफ कार्रवाई करने के कारण सस्पेंड

 गौतमबुद्ध नगर की एसडीएम दुर्गा शक्ति नागपाल को सस्पेंड करने पर जहां अखिलेश सरकार की किरकिरी हो रही है, वहीं समाजवादी पार्टी के नेता और यूपी एग्रो के चेयरमैन नरेंद्र भाटी ने दावा किया है कि उन्होंने ही दुर्गा को सस्पेंड करवाया था। भाटी ने दावा किया कि उन्होंने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से बात करके 41 मिनट में दुर्गा शक्ति को सस्पेंड करवा दिया था। हालांकि, मामला तूल पकड़ने के बाद भाटी ने सफाई दी है कि उनके बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया है।
भाटी ने एक जनसभा में कहा, 'मैंने माननीय मुख्यमंत्री जी से बात की। 10.30 बजे माननीय अखिलेश जी से बात की और 11 बजकर 11 मिनट पर एसडीएम का सस्पेंशन ऑर्डर यहां कलेक्टर के पास रिसीव हो गया। ये है लोकतंत्र की ताकत। मैं यही आप लोगों को बताने आया हूं कि जिस औरत ने इतनी बेहूदगी दिखाई वह उस डंडे को 40 मिनट नहीं झेल पाई। सिर्फ 41 मिनट में सस्पेंशन का ऑर्डर लखनऊ से पास होकर यहां तामील हो गया।'

बताया जाता है कि नरेंद्र भाटी ने ही विवादित मस्जिद का शिलान्यास किया था। हालांकि भाटी ने इससे इनकार किया और कहा कि उन्होंने सिर्फ लोगों को सहयोग के लिए 51 हजार रुपए दिए थे।
यह बात भी सामने आ रही है कि कादलपुर गांव में मस्जिद की जिस दीवार को गिरवाने को दुर्गा शक्ति के निलंबन का आधार बनाया गया है, उसे तो ग्रामीणों ने खुद ही गिराया था। डीएम के. रविकांत सिंह ने यह बात उत्तर प्रदेश शासन को भेजी रिपोर्ट में कही है। कादलपुर गांव में खसरा नंबर 336 पर ग्राम समाज की जमीन पर लोग प्रशासन की अनुमति बिना मस्जिद की दीवार बना रहे थे। एसडीएम दुर्गा मौके पर पहुंचीं और निर्माण रुकवा दिया। रिपोर्ट में कहा गया है कि एसडीएम ने समझाया तो ग्रामीणों ने खुद ही दीवार गिरा दी।
डीएम की रिपोर्ट और नरेंद्र भाटी के दावों के बाद इस आरोप में दम दिखाई देने लगा है कि दुर्गा को यूपी में रेत माफिया के खिलाफ कार्रवाई करने के कारण सस्पेंड किया गया। बताया जा रहा है कि समाजवादी पार्टी के कुछ नेताओं के हित रेत माफियाओं से जुड़े हैं।
डीएम की रिपोर्ट के सार्वजनिक होने के बाद भी सरकार अपने फैसले को सही साबित करने पर अड़ी है। मुख्यमंत्री अखिलेश ने कहा, 'उनके पास डीएम के अलावा एलआईयू की भी रिपोर्ट है और डीएम की रिपोर्ट जांच का विषय है।' अखिलेश ने कहा, 'सरकार के साथ-साथ अफसरों की भी जिम्मेदारी है कि वे सामाजिक वातावरण को खराब न होने दें। जो अफसरों अपने दायित्व को सही ढंग से नहीं निभाएंगे उन पर कार्रवाई होगी। सरकार ने अवैध खनन के खिलाफ होने वाली कार्रवाई में कभी हस्तक्षेप नहीं किया।'
मंशा अनुरूप रिपोर्ट न मिलने से अब डीएम सरकार के निशाने पर हैं। समाजवादी पार्टी के सांसद नरेश अग्रवाल ने डीएम पर भी कार्रवाई की बात कही है।

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