Thursday, July 16, 2015

डीएम की कोठी, इंटर कॉलेज, सेंट्रल स्कूल, सीलिंग ऑफिस, कृषि फार्म समेत रेलवे प्लेटफॉर्म तक बेच डाला

उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में कुछ लोगों ने बंटी-बबली फिल्म में दिखाए कारनामे को असल में अंजाम दे डाला। इन्होंने डीएम की कोठी, इंटर कॉलेज, सेंट्रल स्कूल, सीलिंग ऑफिस, कृषि फार्म समेत रेलवे प्लेटफॉर्म तक बेच डाला। बेची गई इन सरकारी संपत्तियों की कीमत 6 अरब 75 करोड़ रुपए है।
मामले का खुलासा होने पर अब प्रशासन ने पूरे मामले की जांच के आदेश दिए हैं। फिलहाल इस मामले में 7 लोगों के खिलाफ तहरीर दी गई है, जिनमें से एक मंत्री का भतीजा भी शामिल है।
प्रदेश में भूमाफियाओं का कारोबार काफी अच्छा चल रहा है। इस बात का पता ऐसे चलता है कि कुछ लोगों ने तीन लोगों को डीएम की कोठी बेच दी। जिन्हें यह कोठी बेची गई थी, उन्होंने प्रमुख सचिव राजस्व से इस कोठी पर कब्जे की मांग की। इस दावे को जानकर पहले तो प्रशासनिक अधिकारी चौंक गए, डीएम की कोठी खरीदने वाले ने इस खरीदारी के सबूत दिए तो अधिकरियों के सामने इसका खुलासा हुआ। प्रमुख सचिव (राजस्व) ने तहसीलदार को इस मामले में जांच के आदेश दिए।
तहसीलदार की तहरीर के मुताबिक 26 फरवरी 2003 को चार लोगों ने एक डीड कराई। इन्होंने आधे दर्जन से ज्यादा सरकारी संपत्तियों के अलावा सड़कों-नालों का शेयर भी अपने पास दिखाया। इसी डीड के आधार पर मई 2003 में एक और डीड कराई, जिसमें तीन आरोपियों ने अपना पूरा और एक आरोपी ने अपना पांच फीसदी हिस्सा तीन अन्य लोगों को बेच दिया।
इन संपत्तियों की पड़ताल करने पर इनमें से ज्यादातर के सरकारी संपत्ति होने की बात सामने आई। उधर, सरकारी संपत्ति के खरीदार आरोपियों का कहना है कि अगर ये सरकारी संपत्तियां हैं तो इनके दस्तावेज उपलब्ध कराए जाएं। उन्होंने कहा कि मामला राजस्व परिषद में विचाराधीन है और उसे प्रभावित करने को ही यह कार्रवाई की गई है।

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