Thursday, January 8, 2015

शराब पीकर अक्सर पीड़िता के घर के पास बैठ जाया करते थे

जिस दिन 16 साल की लड़की को आरोपी कॉन्स्टेबलों ने किडनैप करके पुलिस स्टेशन में उसके साथ गैंगरेप किया था, पीड़िता की 60 साल की मां ने गांव के लोगों से मदद की गुहार लगाई थी। लड़की शौच करने के लिए खेत में गई थी, उसी समय आरोपी सिपाहियों (अवनीश यादव और वीरपाल यादव) ने उसे किडनैप कर लिया था। लड़की की मां उसका इंतजार कर रही थीं, तब तक उन्होंने तेजी से भागती एक कार देखी।
अंग्रेजी अखबार 'इंडियन एक्सप्रेस' की रिपोर्ट के मुताबिक लड़की की मां ने बताया,"शाम के 8 बज गए थे और मेरी बेटी वापस नहीं आई थी। मैं उसे खोजने निकली लेकिन वह नहीं मिली। मुझे लगा कि उसे ही किडनैप करके कार में ले जाया गया था। मैं गांव वालों और ग्राम प्रधान के पास गई लेकिन कोई मदद नहीं मिली। 4 घंटों तक मैं लोगों से मदद की गुहार लगाती रही। आधी रात को मेरी बेटी घर वापस आई। उसने मुझे बताया कि कॉन्स्टेबलों ने उसे किडनैप करके उसके साथ रेप किया और इसके बाद उसे गांव के पास छोड़ दिया।"
पीड़िता के चाचा ने बताया,"अगले दिन हम सभी बदायूं के एसपी(सिटी) लल्लन सिंह के पास गए। हमने अपनी शिकायत दी और इंतजार करने लगे लेकिन एफआईआर तब लिखी गई जब मीडिया के कुछ लोग पुलिस स्टेशन पहुंचे।" 2 जनवरी को मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने आरोपी कॉन्स्टेबलों के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश दिए। पीड़िता के मेडिकल चेकअप में भी यौन हमले की पुष्टि हुई।
उसके बाद पुलिस ने आरोपी वीरपाल के कमरे से पीड़िता के बाल, हेयर क्लिप और कुछ जूलरी बरामद किया। पीड़िता ने बताया कि उसका रेप मुसझाग पुलिस स्टेशन परिसर के उसी कमरे में हुआ था। आरोपी अविनाश को बरेली से सोमवार को गिरफ्तार कर लिया गया, जबकि वीरपाल फरार है। वीरपाल के 2 रिश्तेदार पुलिस स्टेशन में काम करते थे, उन्हें आरोपी से मिलीभगत के आरोप में सस्पेंड कर दिया गया है।
लड़की ने 7वीं क्लास तक पढ़ाई की थी, इसके बाद आर्थिक कारणों से स्कूल जाना बंद कर दिया था।वह अपने माता-पिता और छोटे बाई के साथ गांव में रहते थी। उनके 2 कमरों के मकान में शौचालय नहीं था। लड़की की मां ने कहा कि अक्सर वह अपनी बेटी के साथ खेतों में जाया करती थीं लेकिन बदकिस्मती से उस दिन वह अकेले चली गई।
गांव के लोगों ने और पीड़िता की मां ने बताया कि दोनों आरोपी सिपाही अक्सर लोगों को धमकाते थे। वे शराब पीकर अक्सर पीड़िता के घर के पास बैठ जाया करते थे। गांव के रहने वाले सुबोध पाठक ने बताया, "वे गांव को लोगों को पीटते थे, उनके सामान तक छीन लेते थे। अभी 1 महीने पहले ही वीरपाल ने एक सब्जी बेचने वाले को पीटा था। कोई उनकी शिकायत करने की हिम्मत नहीं कर पाता था।"
पास के दातागंज पुलिस स्टेशन ऑफिसर वी.एस. सिरोही ने बताया, "वीरपाल पहले दातागंज पुलिस स्टेशन में था। यहां उसने एक शिकायतकर्ता पर रेप की शिकायत वापस लेने के दबाव डाला था। मामला दलित परिवार की 3 साल की बच्ची के रेप का था।"

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