पाकिस्तानी
सैनिकों ने कठुआ और सांबा जिले में कई सीमा चौकियों
और 60 से ज्यादा
बस्तियों पर पूरी रात भारी गोलीबारी की
तथा मोर्टार बम भारतीय क्षेत्र में काफी अंदर तक गिरे। पाकिस्तान की ओर से संघर्षविराम उल्लंघन की ताजा घटना के चलते सीमाई गांवों के करीब 10,000 लोगों को
अपने घर छोड़ने पड़े हैं। नव वर्ष की पूर्व संध्या से होने वाले इस
संघर्ष विराम उल्लंघन में चार जवानों और एक महिला की
मौत हो चुकी है जबकि भारत की ओर से जवाबी कार्रवाई में पांच पाकिस्तानी रेंजर्स मारे गए।
कठुआ के उपायुक्त शाहिद इकबाल चौधरी ने बताया कि सोमवार की रात 11 बजे से कठुआ में 50 गांवों और कई सीमा चौकियों को निशाना बनाया गया और आज सुबह चार बजे फिर से गोलीबारी शुरू हो गई। उन्होंने कहा कि गोलीबारी इतनी तेज है कि मोर्टार के गोले भारतीय क्षेत्र में करीब चार किलोमीटर भीतर तक गिरे हैं। चौधरी ने बताया कि 82 एमएम के मोर्टार के गोले हीरानगर सेक्टर के शेरपुर, चकरा, लछीपुर और लोंदी इलाके में गिरे हैं। ये सभी इलाके भारतीय क्षेत्र में काफी अंदर हैं। डीसी ने बताया कि बीएसएफ के जवानों ने जवाबी कार्रवाई की जिसके बाद मंगलवार सुबह सात बजे तक गोलीबारी चली। अधिकारियों ने बताया कि सोमवार रात के बाद से गोलीबारी में किसी की जान नहीं गई या कोई आम नागरिक घायल नहीं हुआ। सांबा के एसएसपी अनिल मगोत्रा ने बताया कि सांबा में पाकिस्तान की ओर से कल रात साढ़े दस बजे तक हुई गोलीबारी में 10 से 12 गांवों और कई सीमा चौकियों को निशाना बनाया गया। सीमाई गांवों से करीब 10,000 लोगों को पलायन के लिए मजबूर होना पड़ा है। 7,500 लोगों ने कठुआ और सांबा जिले के सुरक्षित इलाकों में सरकार द्वारा स्थापित किए गए शिविरों में शरण ले रखी है।
पाकिस्तानी रेंजर्स ने सोमवार को सांबा और कठुआ जिले में अंतरराष्ट्रीय सीमा के करीब स्थित 70 से ज्यादा बस्तियों और करीब 40 सीमा चौकियों पर भारी गोले दागे थे जिससे सांबा जिले में खावरा सीमा चौकी पर बीएसएफ के कॉन्स्टेबल देविंदर सिंह की मौत हो गयी थी। पाकिस्तानी सैनिकों की गोलीबारी में तीन जनवरी को सेना के दो जवानों और एक महिला की मौत हो गई थी तथा 11 लोग घायल हो गए थे।
नववर्ष की पूर्व संध्या पर पाकिस्तानी गोलीबारी में बीएसएफ के एक जवान सहित दो लोगों की मौत हो गई थी और नौ घायल हो गए थे। दो महीने के बाद संघर्षविराम उल्लंघन फिर से शुरू हो गया है। बीते अगस्त और अक्टूबर में संघर्षविराम उल्लंघन की बड़ी घटनाओं में 13 लोगों की मौत हो गई थी और 32,000 से ज्यादा सीमाई बाशिंदे विस्थपित हुए थे।
कठुआ के उपायुक्त शाहिद इकबाल चौधरी ने बताया कि सोमवार की रात 11 बजे से कठुआ में 50 गांवों और कई सीमा चौकियों को निशाना बनाया गया और आज सुबह चार बजे फिर से गोलीबारी शुरू हो गई। उन्होंने कहा कि गोलीबारी इतनी तेज है कि मोर्टार के गोले भारतीय क्षेत्र में करीब चार किलोमीटर भीतर तक गिरे हैं। चौधरी ने बताया कि 82 एमएम के मोर्टार के गोले हीरानगर सेक्टर के शेरपुर, चकरा, लछीपुर और लोंदी इलाके में गिरे हैं। ये सभी इलाके भारतीय क्षेत्र में काफी अंदर हैं। डीसी ने बताया कि बीएसएफ के जवानों ने जवाबी कार्रवाई की जिसके बाद मंगलवार सुबह सात बजे तक गोलीबारी चली। अधिकारियों ने बताया कि सोमवार रात के बाद से गोलीबारी में किसी की जान नहीं गई या कोई आम नागरिक घायल नहीं हुआ। सांबा के एसएसपी अनिल मगोत्रा ने बताया कि सांबा में पाकिस्तान की ओर से कल रात साढ़े दस बजे तक हुई गोलीबारी में 10 से 12 गांवों और कई सीमा चौकियों को निशाना बनाया गया। सीमाई गांवों से करीब 10,000 लोगों को पलायन के लिए मजबूर होना पड़ा है। 7,500 लोगों ने कठुआ और सांबा जिले के सुरक्षित इलाकों में सरकार द्वारा स्थापित किए गए शिविरों में शरण ले रखी है।
पाकिस्तानी रेंजर्स ने सोमवार को सांबा और कठुआ जिले में अंतरराष्ट्रीय सीमा के करीब स्थित 70 से ज्यादा बस्तियों और करीब 40 सीमा चौकियों पर भारी गोले दागे थे जिससे सांबा जिले में खावरा सीमा चौकी पर बीएसएफ के कॉन्स्टेबल देविंदर सिंह की मौत हो गयी थी। पाकिस्तानी सैनिकों की गोलीबारी में तीन जनवरी को सेना के दो जवानों और एक महिला की मौत हो गई थी तथा 11 लोग घायल हो गए थे।
नववर्ष की पूर्व संध्या पर पाकिस्तानी गोलीबारी में बीएसएफ के एक जवान सहित दो लोगों की मौत हो गई थी और नौ घायल हो गए थे। दो महीने के बाद संघर्षविराम उल्लंघन फिर से शुरू हो गया है। बीते अगस्त और अक्टूबर में संघर्षविराम उल्लंघन की बड़ी घटनाओं में 13 लोगों की मौत हो गई थी और 32,000 से ज्यादा सीमाई बाशिंदे विस्थपित हुए थे।
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