ऑटिज़म एक ऐसी बीमारी है, जिसका पीड़ित बच्चे के लिए अलोपथी में
अब तक कोई प्रमाणित इलाज नहीं है। हालांकि, एक अध्ययन की मानें तो होम्योपथी के पास
ऑटिज़म और ऐसे ही बच्चों के डिवेलपमेंट से जुड़ी अन्य बीमारियों का इलाज संभव है।
मुंबई के एक होम्योपैथ ने भारत और यूरोप
के 500 बच्चों पर
पिछले सात सालों में किए गए अध्ययन में बच्चों के विकास से जुड़े विकारों का इलाज
होम्योपथी के जरिए करने की बात की है। इस अध्ययन को करने वाले मुंबई के होम्योपैथ, डॉ़ श्रीपद खेडेकर ने बताया कि
हमने मुंबई और यूरोप के 3 से 15 साल तक के लगभग 500 बच्चों को इस अध्ययन में लिया, जो विकास से जुड़े विकारों से जूझ
रहे थे। इनमें ऑटिज़म, बॉर्डरलाइन
अटेंशन डेफिसिट हाइपरऐक्टिविटी, टीबी स्क्लोरसिस जैसे विकास संबंधी डिसऑर्डर शामिल हैं। इस
अध्ययन के परिणाम बहुत ही अच्छे आए हैं और जल्द ही हम अपनी इस स्टडी को इंटरनैशनल
जर्नल में पब्लिश करने वाले हैं।
डॉ़ श्रीपद ने बताया कि हमने इन बच्चों
को बायॉथेरपी पर रखा और इनके विकास को प्रभावित करने के लिए होम्योपैथिक दवाओं का
इस्तेमाल किया। इन बच्चों का समय-समय पर फॉलोअप किया गया, साथ ही इनके पैरंट्स को भी
काउंसलिंग दी गई। इस अध्ययन में हमने पाया कि इससे जुड़े 500 बच्चों में से 80% बच्चे लगभग पूरी तरह से ऐसे
विकारों से उभर कर शारीरिक और मानसिक तौर पर एक सामान्य जिंदगी जीने लगे। इन
बच्चों का इलाज होम्योपैथिक दवाओं से किया गया और हमने पाया कि इन दवाओं का बच्चों
पर बेहतरीन असर हुआ।
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