Saturday, November 15, 2014

विदेशों में जमा काले धन की वापसी सरकार की प्राथमिकता

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि विदेशों में जमा काले धन की वापसी उनकी सरकार की प्राथमिकता है और इसे हासिल करने के लिए वैश्विक सहयोग की जरूरत है। जी 20 शिखर सम्मेलन से पहले उभरती अर्थव्यवस्था वाले पांच देशों के समूह 'ब्रिक्स' ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका के नेताओं से अनौपचारिक मुलाकात के दौरान काले धन के मुद्दे को उठाते हुए प्रधानमंत्री ने विदेशों में जमा काले धन की पाई-पाई वापस लाने के अपने वायदे के मद्देनजर इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर यह बात कही। 
मोदी ने ब्रिक्स नेताओं की बैठक में विदेशों में जमा काले धन के मुद्दे पर बेहतर समन्वय का आह्वान करते हुए कहा कि इसका संबंध सुरक्षा चुनौतियों से भी जुड़ा है। भारत काले धन की वापसी के लिए प्रयासरत है और प्रधानमंत्री मोदी ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि उनके लिए विदेशों में जमा काले धन की वापसी के लिए बेहतर तालमेल एक प्रमुख मुद्दा है। 

जी 20 शिखर सम्मेलन के मेजबान देश ऑस्ट्रेलिया ने शुक्रवार को टैक्स चोरी पर कानूनी कार्रवाई को लेकर बहुत ही कड़ा रुख अपनाने की अपनी प्रतिबद्धता जताई थी। भारत भी इस संबंध में कर चोरी करने वालों के पनाहगाह बने देशों टैक्स हैवेन के खिलाफ 20 प्रमुख देशों के समूह और उभरती अर्थव्यवस्थाओं की ओर से कड़ी कार्रवाई चाहता है। 
मोदी ने कहा, 'मेरे लिए प्रमुख मुद्दा काले धन के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय सहयोग के महत्व को रेखांकित करना है।' उम्मीद है कि काले धन की वापसी के लिए टैक्स चोरी के पनाहगाह बने देशों पर दबाव डालने और उनसे भारत की मदद के लिए अधिक जानकारियों का खुलासा करने के लिए भी प्रधानमंत्री की ओर से जी 20 शिखर सम्मेलन में अपील की जाएगी। 
मोदी के अलावा चीनी प्रधानमंत्री शी चिनपिंग, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति जैकब जुमा और ब्राजील की राष्ट्रपति डिल्मा रोसेफ उन अन्य नेताओं में शामिल थे, जिन्होंने इस अनौपचारिक बातचीत में हिस्सा लिया।

No comments: