Tuesday, November 18, 2014

पीड़ित कोई औरत नहीं बल्कि मर्द

दिल्ली सरकार के विमिन हेल्पलाइन नंबर-181 पर ऐसी भी कॉल्स आती हैं, जिनमें पीड़ित कोई औरत नहीं बल्कि मर्द होते हैं। फोन करने वाले ऐसे ज्यादातर मेल कॉलर चाहते हैं कि महिलाओं की तरह मेल हेल्पलाइन भी होनी चाहिए, क्योंकि अत्याचार केवल महिलाओं पर ही नहीं, पुरुषों पर भी हो रहे हैं। 
अगर कुछ मामलों में महिलाएं अपने पति से छुटकारा पाना चाहती हैं, तो ऐसे मामले भी हैं जिनमें पति अपनी बीवी से पीछा छुड़ाना चाहते हैं। मगर उनकी समझ में नहीं आता कि वे क्या करें और कहां जाएं? महिलाओं और अपनी पत्नियों से पीड़ित होने की पुरुषों की इस तरह की लगभग तीन कॉल हर रोज इस हेल्पलाइन नंबर पर आ रही हैं। 

प्रगति मैदान में चल रहे इंडिया इंटरनैशनल ट्रेड फेयर (आईआईटीएफ) में दिल्ली स्टेट पविलियन में इस हेल्पलाइन का भी एक काउंटर लगाया गया है। यहां आने वाली महिलाओं को बताया जा रहा है कि अगर वह किसी समस्या में हों, तो कैसे इस हेल्पलाइन की मदद ले सकती हैं। 16 दिसंबर, 2012 को दिल्ली गैंग रेप कांड के बाद उसी साल 31 दिसंबर को शुरू की गई इस हेल्पलाइन में 11 नवंबर तक करीब 6.5 लाख कॉल्स आ चुकी हैं। आने वाली कॉल्स में करीब 2100 कॉल्स पुरुषों ने भी की हैं। 
जिनमें पुरुषों ने विमिन हेल्पलाइन पर फोन करके आपबीती बताई। पता लगा है कि इनमें से कुछ ने फोन करके कहा कि मैम! मेरी पत्नी मुझे तरह-तरह से प्रताड़ित करती है, परेशान करती है। यहां तक कि कई बार उसने मेरे ऊपर हाथ भी उठा दिया है। उसने मेरा जीना हराम कर रखा है। तुम बताओ मैं क्या करूं? 
कई बार मेल कॉलर यह भी जानना चाहते हैं कि शादी के वक्त उन्होंने कोई दहेज नहीं लिया, मगर अब उसकी पत्नी और ससुराल वाले उसे अपने मां-बाप से अलग होने के लिए कहते हैं। अलग न होने पर वह दहेज मांगने के आरोप में फंसाने की धमकी देते हैं। कुछ कॉल्स ऐसी भी आई हैं जिसमें कॉलर ने फोन करके यह भी कहा है कि कोई लड़की उसे बार-बार फोन करके परेशान कर रही है, वह उससे कैसे छुटकारा पाए? 
ऐसे मामलों में विमिन हेल्पलाइन से उन्हें 100 नंबर पर कॉल करके हेल्प लेने के लिए ही कहा जाता है। हेल्पलाइन के शुरू होने से अब तक करीब 6.5 लाख कॉल्स आ चुकी हैं। इस पर फोन करने वाली ज्यादातर महिलाओं ने डोमेस्टिक वॉयलेंस की शिकायत की। इसके अलावा किसी अनजान शख्स द्वारा फोन कर परेशान करने, गाली देने की शिकायतें आईं।

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