Monday, March 3, 2014

विकास ठप हो गया और लोग शराबी बन गए।



छत्तीसगढ़ के प्रवास पर पहुंचे पुरी पीठ के शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती ने छत्तीसगढ़ में गरीबों को एक रुपये किलो चावल देने की योजना की आलोचना की। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ की सरकार एक रुपये किलो चावल देने की बात की, उसे निभाया भी, लेकिन उसका परिणाम यह हुआ है कि श्रम शक्ति महंगी हो गई, विकास ठप हो गया और लोग शराबी बन गए।
विधायक धनेंद्र साहू के गांव अभनपुर में शंकराचार्य ने चर्चा करते हुए कहा कि देश के राजनीतिक दल कई मुद्दों पर चुनाव लड़ते हैं। सरकार बनाने के बाद वे उन मुद्दों को भूल जाते हैं। इससे देश में राजनीति की गरिमा कम हुई है। इसलिए राजनीतिक दलों को किसी मुद्दे को चुनावी मुद्दा बनाने से पहले उसके हर पहलू पर सोचना चाहिए। खासतौर से कांग्रेस व बीजेपी को इस ओर ध्यान देना चाहिए।
उन्होंने कहा कि राजनीति ने देश का स्तर गिराया है। भारत की मेध, रक्षा शक्ति और वाणिज्य शक्ति इतनी प्रबल है कि पूरे विश्व को प्रभावित कर सकती है। लेकिन भारत के नेतृत्व में वह क्षमता नहीं है कि चारों शक्तियों का सदुपयोग कर सके या भारत के प्रति पूरे विश्व की सहानुभूति प्राप्त कर सके। शंकराचार्य ने कहा कि राम जन्मभूमि के नाम पर, सीमा सुरक्षा के नाम पर, आर्थिक विपन्नता दूर करने के नाम पर, नदी-समुद्र जोड़ने के मुद्दों पर सरकारें बनती हैं, पार्टियां बाद में उन मुद्दों को भूल जाती हैं।

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