Monday, March 24, 2014

अच्छा लगा - लेकिन मांस की दुकानो मे गणेश आदि के चित्र बने हुये है ! पहले उनकी पूजा होती है- यह क्या है ?

हमरे शंकराचार्य जी ने "हर- हर मोदी" के नारे पर एतराज किया और   संघ व भाजपा उनकी बात" सिर् आंखो मे" की तरह मान गयी है वैसे यह कोई ज्यादा एतराज वाली बात नही थी ,चलिए, चुनाव के समय भाजपा व संघ को "पंगा" लेने के मूड मे भी नही रहेंगे उनका उद्देश्य तो इस समय सभी को जोड़ना है !
उत्तर भारत के कानपुर नगर से ग्णेश छाप तंबाखू बिकती है और उस पर गणेश का चित्र भी बना हुया है , यह कई साल से अपना व्यापार इसी चित्र से चला रहे है !
अनेक मांस की दुकानो मे गणेश आदि के चित्र बने हुये है ! पहले उनकी पूजा होती है , बाद उसी दुकान मे जानवरो की हत्या करके मांस भी बिकता है, यह हमने कई दुकानो मे देखा है !
शंकराचार्य जी क्या ऐतराज कर लेते है! समाज मे दहेज हत्या, कन्या भृढ़हत्या बड़े पैमाने मे होती है और हमारे शंकराचार्य जी " मौन व्रत " धारण करने मे ही अपनी भलाई समझने लगते है!
जबकि अपना समाज कन्या को देवी का दर्जा देता है उसका सम्मान भी नवरात्रि के दिनो मे किया भी जाता है ! जिस शंकराचार्य जी ने मोदी के नारे के विरुद्ध आवाज उठायी है वह कांग्रेस पार्टी की तरफ थोड़ा झुकाव रखते है, फिर भी हम उनकी तारीफ करेंगे की एक हल्की बुराई की तरफ़ उन्होने समाज का, संघ, भाजपा, मोदी जी का ध्यान आकर्षित किया !
अब यह भाजपा समर्थक इस तरहसे नारा भी बना सकते है " हर घर मोदी, घर घर मोदी " इस नरेकासंदेश से वह घर ghar जाये हर व्यक्ति को मोदी या भाजपा का संदेश देवे उसमे मुस्लिम समाज भी शामिल रहे दलित समाज भी, ईसाई समाज भी रहे, जो भाजपा से दूर रहने की मानसिकता रखता हो उसको भी भाजपा से मोदी जी से जोड़ने का संदेश देवे !
जिसने इस देश मे जन्म लिया है वह सभी अपने देश के जन्मजात सम्मानित नागरिक है उनसे क्यो भेदभाव रखा जाये? सभी को जोड़ने की बात रखी जाये ! वैचारिक मतभेद भले ही हो, मनभेद हर्गिज न हो !
सभी का साथ लीजिये सभी का विकास कीजिये, जो ज्यादा कमजोर हो उनके प्रति ज्यादा सहानुभूति की नीति भी अपनानी होगी ! इसलिये इस नारे को आत्मसात करने की कोशिश कीजिये " हर घर मोदी, घर- घर मोदी" !
वैसे व्यक्ति वाद के बजाये नीतिवाद भाजपा वाद ज्यादा ठीक रहता है लेकिन समाज मे लालू, ममता, मायावती मुलायम सोनिया जयललिता आदि नामपर भी वोट मिल जाते है, उसी की टक्कर मे मोदी वाद , मोदी नाम, मोदी नारे को जोड़कर के भी राजनीति चलाई जा सकती है !

हमने एक राजनैतिक पक्ष रखा है , इसकी आलोचना व समर्थन आदि की पूरी गुंजाइश है, हम सभी तरह के विचारो का स्वागत् करने के लिये उत्सुक रहेंगे,

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