आम आदमी पार्टी की
कई महिला कार्यकर्ताओं ने अब एकजुट होकर पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। उनका
आरोप है कि पार्टी के भीतर महिलाओं की अनदेखी हो रही है और जमीनी कार्यकर्ताओं को
नजरअंदाज कर पैराशूट कैंडिडेट उतारे जा रहे हैं। इन्होंने नई पार्टी बनाने की भी
तैयारी कर ली है और इनका एकमात्र अजेंडा महिला वोटरों को 'आप' के खिलाफ करना है।
सोशल ऐक्टिविस्ट और 'आप' की मेंबर नसीम बानो ने कहा कि जब कैंडिडेट बनने के लिए इंटरव्यू लिया गया तो 'आप' नेताओं ने पूछा कि आपकी हैसियत क्या है? जबकि पार्टी ने पहले खुद ही कहा था कि कोई भी कैंडिडेट बनने के लिए अप्लाई कर सकता है। नसीम ने कहा कि अगर हैसियत ही देखनी थी तो पहले ही बड़ी हैसियत का क्राइटेरिया रखा जाना चाहिए था। नसीम बानो अकेली नहीं हैं। नसीम के साथ किरन भी हैं जिन्होंने फरीदाबाद सीट से कैंडिडेट बनने के लिए इंटरव्यू दिया है। किरन का कहना है कि जब नसीम के साथ ऐसा हो सकता है तो किसी भी महिला के साथ ऐसा हो सकता है।
नसीम ने बताया कि इंटरव्यू पैनल में बैठे आशीष तलवार ने मुझसे साफ पूछा कि मैं चुनाव लड़ना चाहती हूं लेकिन मेरी हैसियत क्या है। मैंने ईस्ट दिल्ली से अप्लाई किया था। उन्होंने फिर मुझसे दूसरी जगह से अप्लाई करने को कहा, जहां मुस्लिम आबादी ज्यादा है। मैंने अलवर से अप्लाई किया और वहां जाकर काम किया वॉलंटियर तैयार किए और इंटरव्यू भी दिया। लेकिन मुझे लगा कि इनडायरेक्टरी 20 लाख रुपयों की मांग की जा रही है। जिसके बाद से मैंने उनसे किनारा कर दिया। नसीम के पति सुप्रीम कोर्ट में वकील हैं और नसीम खुद कई इंटरनैशनल संस्थाओं से जुड़ी हूं और सोशल वर्क कर रही हैं। उन्होंने कहा कि 'आप' हम जैसी महिलाओं का इस्तेमाल कर रही है। उन्होंने कहा कि अभी मेरे संपर्क में इस तरह पार्टी से निराश 25 से अधिक महिला कार्यकर्ता हैं और हम जल्द ही एकजुट होकर पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोलेंगी। 'आप' भी कांग्रेस बीजेपी से अलग नहीं है और महिलाओं को उनका हक नहीं दे रही है। हम महिलाओं को इसके खिलाफ एकजुट करेंगे। हमें महिलाओं के लिए बराबरी चाहिए।
सोशल ऐक्टिविस्ट और 'आप' की मेंबर नसीम बानो ने कहा कि जब कैंडिडेट बनने के लिए इंटरव्यू लिया गया तो 'आप' नेताओं ने पूछा कि आपकी हैसियत क्या है? जबकि पार्टी ने पहले खुद ही कहा था कि कोई भी कैंडिडेट बनने के लिए अप्लाई कर सकता है। नसीम ने कहा कि अगर हैसियत ही देखनी थी तो पहले ही बड़ी हैसियत का क्राइटेरिया रखा जाना चाहिए था। नसीम बानो अकेली नहीं हैं। नसीम के साथ किरन भी हैं जिन्होंने फरीदाबाद सीट से कैंडिडेट बनने के लिए इंटरव्यू दिया है। किरन का कहना है कि जब नसीम के साथ ऐसा हो सकता है तो किसी भी महिला के साथ ऐसा हो सकता है।
नसीम ने बताया कि इंटरव्यू पैनल में बैठे आशीष तलवार ने मुझसे साफ पूछा कि मैं चुनाव लड़ना चाहती हूं लेकिन मेरी हैसियत क्या है। मैंने ईस्ट दिल्ली से अप्लाई किया था। उन्होंने फिर मुझसे दूसरी जगह से अप्लाई करने को कहा, जहां मुस्लिम आबादी ज्यादा है। मैंने अलवर से अप्लाई किया और वहां जाकर काम किया वॉलंटियर तैयार किए और इंटरव्यू भी दिया। लेकिन मुझे लगा कि इनडायरेक्टरी 20 लाख रुपयों की मांग की जा रही है। जिसके बाद से मैंने उनसे किनारा कर दिया। नसीम के पति सुप्रीम कोर्ट में वकील हैं और नसीम खुद कई इंटरनैशनल संस्थाओं से जुड़ी हूं और सोशल वर्क कर रही हैं। उन्होंने कहा कि 'आप' हम जैसी महिलाओं का इस्तेमाल कर रही है। उन्होंने कहा कि अभी मेरे संपर्क में इस तरह पार्टी से निराश 25 से अधिक महिला कार्यकर्ता हैं और हम जल्द ही एकजुट होकर पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोलेंगी। 'आप' भी कांग्रेस बीजेपी से अलग नहीं है और महिलाओं को उनका हक नहीं दे रही है। हम महिलाओं को इसके खिलाफ एकजुट करेंगे। हमें महिलाओं के लिए बराबरी चाहिए।
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