आम आदमी पार्टी सरकार ने दिल्ली वक्फ बोर्ड की सभी
शक्तियां छीन ली हैं। बोर्ड के अधिकार एवं कामकाज को सचिव (राजस्व) के सुपुर्द कर
दिया गया है। वहीं, बोर्ड की अध्यक्ष राणा परवीन सिद्दीकी ने सरकार के इस
फैसले के खिलाफ दिल्ली हाई कोर्ट में अपील दायर की है।
राजस्व सचिव ए. अंबारासू की ओर से 10 अक्टूबर को इस संबंध
में अधिसूचना जारी की गई है। इसमें कहा गया है कि वक्फ अधिनियम-1995 की धारा 99 (1) के तहत दी गई शक्तियों का इस्तेमाल
करते हुए दिल्ली सरकार ने दिल्ली वक्फ बोर्ड के अधिकार छह महीने के लिए अपने हाथों
में ले लिए हैं। वक्फ अधिनियम के मुताबिक बोर्ड की सभी शक्तियों का इस्तेमाल और
कर्तव्यों का निर्वहन सचिव (राजस्व) द्वारा किया जाएगा।
राणा परवीन सिद्दीकी ने कहा कि उन्होंने अधिसूचना को रद करने की मांग करते
हुए दिल्ली हाई कोर्ट में अपील दायर की है। अदालत 30 अक्टूबर को इस पर
सुनवाई करेगी। 15 अक्टूबर को अधिसूचना की कॉपी मिलने के बाद
से उन्होंने वक्फ बोर्ड कार्यालय जाना बंद कर दिया है।
20 जनवरी
को दिल्ली वक्फ बोर्ड के सदस्यों की बैठक में राणा को अध्यक्ष चुना गया था। दिल्ली
वक्फ बोर्ड में कुल सात सदस्य होते हैं। चुनाव के समय सिर्फ छह सदस्य थे, जिनमें से चार ने उनका समर्थन किया था।
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