दिल्ली में बीते दिनों हुई एक स्टडी लोगों को हैरान
करने के लिए काफी है। खुद को सबसे ईमानदार नेता व सीएम बताने वाले आम आदमी पार्टी
के अरविंद केजरीवाल के राज में लोगों ने बीते एक साल में तकरीबन 240 करोड़
रुपये बतौर घूस विभिन्न कामों के लिए दिए हैं। इसके साथ ही स्टडी में एक बात और
सामने आई है कि राजधानी के लोगों को लगता है कि अन्य सरकारी विभागों की तुलना में
पुलिस में ज्यादा भ्रष्टाचार है।
सीएमस इंडिया व ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल द्वारा
संयुक्त रूप से करवाए गए सर्वे में कहा गया है कि बीते एक साल में एक दिल्लीवासी
ने औसतन 2,486 रुपये रिश्वत के तौर पर दिए जिसका कुल 239.26 करोड़ रुपये होता है और ये केवल 15 सरकारी विभागों
में दिए गए रिश्वत की रकम है।
स्टडी के अनुसार, पुलिस के बाद दूसरे व
तीसरे नंबर पर क्रमशः दिल्ली सरकार का परिवहन विभाग (ड्राइविंग लाइसेंस) व नगर
निगम का वह विभाग है जो तहबाजारी परमिट जारी करते हैं। स्टडी में खुलासा हुआ है कि
दिल्ली के लगभग 30 फीसद रहवासियों ने सरकारी विभागों में काम
करवाने के लिए बीते साल ये रिश्वत दिए थे।
सीएमस इंडिया के डायरेक्टर जनरल पीएन वसंती ने बताया, 'हमारी
हालिया रिपोर्ट 15 विभागों पर केंद्रित थी, जो केंद्र, राज्य सरकार व तीन नगर निगमों के अधीन
आते हैं। इसके लिए सैंपल के तौर पर 1,501 रहवासियों के अनुभव
लिए गए। यह स्टडी जुलाई के अंतिम सप्ताह व अगस्त के पहले सप्ताह के बीच करवाया
गया।'
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