2006 के मुंबई ट्रेन ब्लास्ट केस में मकोका कोर्ट द्वारा
दोषियों की सजा पर बुधवार को मकोका कोर्ट ने फैसला सुना दिया। इस मामले में 12
लोगों को दोषी ठहराया गया था, जिनमें से पांच
दोषियों को मौत की सजा सुनाई गई है।
मौत की सजा पाने वाले दोषी बम रखने वाले हैं। बाकी सात दोषियों को उम्र कैद
की सजा सुनाई गई है। सूत्रों ने बताया था कि इस मामले में आठ लोगों को मौत की सजा
और चार लोगों को उम्रकैद की सजा दिए जाने की मांग की गई थी।
जमीयत ए उलेमा के सक्रेट्री ने कहा कि वह इस मामले को हाईकोर्ट में ले
लाएंगे। उन्होंने कहा कि पुलिस ने असली गुनहगारों को पकड़ा ही नहीं गया, मासूमों
को फंसा दिया गया है। उन्होंने उम्मीद जताई कि हाई कोर्ट में इस मामले को बदला
जा सकता है। वैसे भी फांसी की सजा की पुष्टि के लिए हाईकोर्ट की मुहर जरूरी है।
बीती 11 सितंबर को हुई सुनवाई में 13 में से
12 आरोपियों को दोषी ठहराया गया था। एक आरोपी को छोड़ दिया
गया था। दोषी ठहराने के बाद सजा के एलान के लिए 14 सितंबर का
दिन तय हुआ था। सूत्रों के मुताबिक, धमाकों में मुख्य भूमिका
निभाने वाले आठ दोषियों के लिए फांसी की सजा की मांग की गई थी।
मालूम हो कि 11 जुलाई 2006 को हुए माटुंगा से मीरा
रोड के बीच एक के बाद एक सात धमाके हुए थे। इसमें 187 लोगों
की मौत हुई थी और 817 अन्य घायल हुए थे। मामले की जांच मुंबई
एटीएस को सौंपी गई है, जिसने सिमी पर साजिश रचने का आरोप
लगाया था।
एटीएस ने 13 लोगों को गिरफ्तार कर पूरी साजिश बेनकाब करने का दावा
किया है। पाकिस्तान की शह पर प्रतिंबंधित संगठन सिमी के लोगों ने धमाकों को अंजाम
दिया।
मुंबई एटीएस जिन दोषियों की फांसी की सजा की मांग कर सकती है, उनमें
लोकल ट्रेनों में बम रखने वाले पांचों दोषी शामिल हैं।
ये हैं - मुख्य साजिशकर्ता डॉ. तनवीर अंसारी, अासिफ खान, बशीर खान और मो. अली शेख।
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