हिंदू साधुओं के सबसे बड़े संगठन, अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद, ने आपराधिक
मामले में आरोपी 2 महामंडलेश्वरों
को नासिक कुंभ के पहले शाही स्नान में भाग लेने से प्रतिबंधित कर दिया है। नासिक
कुंभ का पहला शाही स्नान 29 अगस्त को
है।
परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरी ने हमें बताया कि उक्त प्रतिबंध साधु-संतों के बीच घुस आए आपराधिक प्रवृत्ति के लोगों को हटाने की मंशा से लगाया गया है। परिषद ने इसी क्रम में दो विवादित साधुओं को चिन्हित किया और उनके अखाड़ों से उन्हें प्रतिबंधित करने को कहा।
नरेंद्र ने बताया कि अपने ऊपर लगे आरोपों से बरी हो जाने के बाद ही दोनों साधुओं को धार्मिक आयोजनों में भाग लेने की अनुमति दी जाएगी।
नोएडा के कथित पब और डिस्कोथेक के मालिक से साधु बने सच्चिदानंद औऱ मुंबई की राधे मां को प्रतिबंधित कर दिया गया है, वहीं इलाहाबाद के त्रिकाल भवंता के ऊपर जांच चल रही है। आरोप है कि स्वामी सच्चिदानंद उर्फ सचिन दत्ता के खिलाफ पंजाब और हरियाणा में कई आपराधिक मामले दर्ज हैं। इन मामलों में धोखाधड़ी और औरों की जमीन हड़पने के मामले भी शामिल हैं। 2003 से नोएडा में रहने वाले दत्ता एक बार और डिस्कोथेक के भी मालिक थे।
पिछले शुक्रवार को गुरु पूर्णिमा के मौके पर उन्होंने सन्यास लिया। दत्ता का बालाजी कन्स्ट्रक्शन नाम से एक रीयल इस्टेट का बिजनस था। उनके पिता राजेंद्र कुमार दत्ता जो कि उत्तर प्रदेश पावर डिपार्टमेंट गाजियाबाद से एसडीओ के पद से रिटायर हुए थे, इस बिजनस में शामिल थे।
नरेंद्र गिरी ने कहा कि उन्हें बताया गया है कि बार और डिस्कोथेक सचिन दत्ता के पिता का था। सचिन केवल अपने पिता की मदद करते थे। गिरी ने कहा कि जांच कमिटी इस बात की भी जांच करेगी कि दत्ता के सन्यास लेने के पीछे क्या कारण था।
पिछले एक साल से दत्ता भूमिगत था। उसके अचानक महामंडलेश्वर बन जाने की खबर सुनकर उसके पड़ोसियों समेत कई लोगों को आश्चर्य हुआ। दत्ता के पड़ोसियों का कहना है कि वह आलीशान तरीके से जीता था, जो कि एक सन्यासी की जिंदगी से बिल्कुल अलग है।
गिरी ने बताया कि राधे मां को शाही स्नान के साथ-साथ अन्य धार्मिक आयोजनों में शरीक होने से इसलिए प्रतिबंधित किया गया है कि उनपर मुंबई के कांदिवली पुलिस स्टेशन में 6 अन्य व्यक्तियों के साथ धोखाधड़ी का मामला दर्ज होने के साथ-साथ दहेज उत्पीड़न का भी मामला दर्ज है।
गिरी ने बताया कि उन्होंने जूना अखाड़ा के प्रमुख हरि गिरि को पत्र लिखकर राधे मां को रोकने के लिए कहा है। उन्होंने बताया कि राधे मां पहले भी कई तरह के विवादों में शामिल रही हैं। उन्होंने कहा कि इस तरह के मामले जनता में गलत संदेश भेजते हैं।
गिरी ने यह भी कहा कि इन सब बातों के मद्देनजर सख्त कदम उठाने का समय आ गया है। त्रिकाल भवंता के बारे में बोलते हुए गिरी ने कहा कि इस तरह के महंतों और महामंडलेश्वरों की पहचान का काम जारी है। एक बार उक्त लोगों के खिलाफ रिपोर्ट मिल जाने के बाद ही फैसले पर विचार किया जाएगा।
परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरी ने हमें बताया कि उक्त प्रतिबंध साधु-संतों के बीच घुस आए आपराधिक प्रवृत्ति के लोगों को हटाने की मंशा से लगाया गया है। परिषद ने इसी क्रम में दो विवादित साधुओं को चिन्हित किया और उनके अखाड़ों से उन्हें प्रतिबंधित करने को कहा।
नरेंद्र ने बताया कि अपने ऊपर लगे आरोपों से बरी हो जाने के बाद ही दोनों साधुओं को धार्मिक आयोजनों में भाग लेने की अनुमति दी जाएगी।
नोएडा के कथित पब और डिस्कोथेक के मालिक से साधु बने सच्चिदानंद औऱ मुंबई की राधे मां को प्रतिबंधित कर दिया गया है, वहीं इलाहाबाद के त्रिकाल भवंता के ऊपर जांच चल रही है। आरोप है कि स्वामी सच्चिदानंद उर्फ सचिन दत्ता के खिलाफ पंजाब और हरियाणा में कई आपराधिक मामले दर्ज हैं। इन मामलों में धोखाधड़ी और औरों की जमीन हड़पने के मामले भी शामिल हैं। 2003 से नोएडा में रहने वाले दत्ता एक बार और डिस्कोथेक के भी मालिक थे।
पिछले शुक्रवार को गुरु पूर्णिमा के मौके पर उन्होंने सन्यास लिया। दत्ता का बालाजी कन्स्ट्रक्शन नाम से एक रीयल इस्टेट का बिजनस था। उनके पिता राजेंद्र कुमार दत्ता जो कि उत्तर प्रदेश पावर डिपार्टमेंट गाजियाबाद से एसडीओ के पद से रिटायर हुए थे, इस बिजनस में शामिल थे।
नरेंद्र गिरी ने कहा कि उन्हें बताया गया है कि बार और डिस्कोथेक सचिन दत्ता के पिता का था। सचिन केवल अपने पिता की मदद करते थे। गिरी ने कहा कि जांच कमिटी इस बात की भी जांच करेगी कि दत्ता के सन्यास लेने के पीछे क्या कारण था।
पिछले एक साल से दत्ता भूमिगत था। उसके अचानक महामंडलेश्वर बन जाने की खबर सुनकर उसके पड़ोसियों समेत कई लोगों को आश्चर्य हुआ। दत्ता के पड़ोसियों का कहना है कि वह आलीशान तरीके से जीता था, जो कि एक सन्यासी की जिंदगी से बिल्कुल अलग है।
गिरी ने बताया कि राधे मां को शाही स्नान के साथ-साथ अन्य धार्मिक आयोजनों में शरीक होने से इसलिए प्रतिबंधित किया गया है कि उनपर मुंबई के कांदिवली पुलिस स्टेशन में 6 अन्य व्यक्तियों के साथ धोखाधड़ी का मामला दर्ज होने के साथ-साथ दहेज उत्पीड़न का भी मामला दर्ज है।
गिरी ने बताया कि उन्होंने जूना अखाड़ा के प्रमुख हरि गिरि को पत्र लिखकर राधे मां को रोकने के लिए कहा है। उन्होंने बताया कि राधे मां पहले भी कई तरह के विवादों में शामिल रही हैं। उन्होंने कहा कि इस तरह के मामले जनता में गलत संदेश भेजते हैं।
गिरी ने यह भी कहा कि इन सब बातों के मद्देनजर सख्त कदम उठाने का समय आ गया है। त्रिकाल भवंता के बारे में बोलते हुए गिरी ने कहा कि इस तरह के महंतों और महामंडलेश्वरों की पहचान का काम जारी है। एक बार उक्त लोगों के खिलाफ रिपोर्ट मिल जाने के बाद ही फैसले पर विचार किया जाएगा।
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