Tuesday, August 4, 2015

ऐडमिशन के लिए स्टूडेंट्स को उ 12वीं बोर्ड के मार्क्स की जरूरत नहीं

अगले साल या साल 2017 से आईआईटी के अलावा किसी भी केंद्रीय इंजिनियरिंग संस्थान में ऐडमिशन के लिए स्टूडेंट्स को उनके क्लास 12वीं बोर्ड के मार्क्स की जरूरत नहीं पड़ेगी। अगर मानव एवं संसाधन विकास मंत्रालय ने सेंट्रल सीट ऐलोकेशन बोर्ड (CSAB) के प्रस्ताव को स्वीकृति दे दी तो ऐसा हो सकता है। वहीं, अथॉरिटीज को ऐडमिशन के लिए ज्यादा समय चाहिए इसलिए अगले साल से कॉम्पिटिटिव एग्जाम थोड़ा पहले कराए जा सकते हैं।
बोर्ड्स की ओर से सीबीएसई के पास क्लास 12वीं के स्कोर्स सब्मिट करवाने में होने वाली देरी और इस साल के ऐडमिशन प्रोसेस के दौरान कुछ स्टूडेंट्स के स्कोर्स में गड़बड़ी को देखते हुए CSAB ने केवल JEE मेन के स्कोर्स के आधार पर ही ऐडमिशन देने का प्रस्ताव बनाया है। इसका मतलब NITs और अन्य सरकारी सहायता प्राप्त तकनीकी संस्थानों में ऐडमिशन के लिए क्लास 12वीं के स्कोर्स को दी जाने वाली 40% वेटेज खत्म हो सकती है।
जॉइंट सीट ऐलोकेशन अथॉरिटी का हिस्सा CSAB इस साल की ऐडमिशन रिपॉर्ट में यह प्रस्ताव रखेगा। NIT पटना से CSAB के कोऑर्डिनेटर एम. पी. सिंह (जो JoSAA 2015 का हिस्सा भी थे) का कहना है कि देश के 47 हायर सेकंडरी बोर्ड्स में से कई बोर्ड्स समय पर सीबीएसई को अपने स्कोर्स नहीं भेजते हैं। ऐसे में स्टूडेंट्स के हित को ध्यान में रखते हुए हम सिर्फ जेईई मेन के स्कोर्स के आधार पर ही ऐडमिशन करने का प्रस्ताव रखेंगे। गौरतलब है कि इस साल पहली बार किया गया जॉइंट सीट ऐलोकेशन प्रोसेस एक हफ्ते देरी से हुआ क्योंकि सीबीएसई को बोर्ड्स की ओर से समय पर क्लास 12वीं के स्कोर्स नहीं मिले थे। इस वजह से टॉप संस्थानों में ऐकडेमिक सेशन में भी देरी हुई।
JoSAA
के एक अन्य अफसर ने बताया कि इस बार कुछ ऐसे स्टूडेंट्स भी थे जिनके मार्क्स उनके 12वीं के असल मार्क्स से ज्यादा थे। ऐसे स्टूडेंट्स को उनके बढ़े हुए स्कोर के आधार पर जॉइंट सीट ऐलोकेशन प्रोसेस में सीट मिल गई। जहां CSAB बदलाव का प्रस्ताव रखने जा रहा है, वहीं, जॉइंट एंट्रेंस एग्जामिनेशन ऐपेक्स बोर्ड ने भी एक सब-कमिटी बनाई है जो जेईई मेन रैंक्स अलॉट करने के प्रोसेस की समीक्षा करेगी। जेईई के पूर्व चेयरमैन का कहना है कि हमें सभी राज्य बोर्ड्स को भी ध्यान में रखना है। कुछ राज्यों में 12वीं क्लास के एग्जाम अप्रैल अंत में होते हैं और हमें कैंडिडेट्स को कॉम्पिटिटिव टेस्ट्स से पहले आराम देने की भी जरूरत है।

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