Monday, June 29, 2015

बेटिंग में शामिल

आईसीसी ने रविवार को इस बात की पुष्टि की है कि उसे ललित मोदी का वह गोपनीय ई-मेल मिला था जिसमें तीन इंटरैनशनल खिलाड़ियों के बेटिंग में शामिल होने का आरोप लगाया गया था। आईसीसी ने इसे बीसीसीआई की ऐंटी-करप्शन यूनिट के साथ भी साझा किया था। साथ ही इसे आईसीसी की ऐंटी-करप्शन और सिक्यॉरिटी यूनिट (एसीएसयू) को भी उपलब्ध कराया गया था। 
आईपीएल के पूर्व प्रमुख रहे ललिल मोदी ने शनिवार को आरोप लगाया था कि भारतीय क्रिकेटर सुरेश रैना, रवींद्र जडेजा और वेस्ट इंडीज के ड्वेन ब्रावो ने एक बुकी से रिश्वत ली थी जोकि एक बिल्डर भी था। ये तीनों खिलाड़ी आईपीएल फ्रेंचाइजी चेन्नै सुपरकिंग्स के खिलाड़ी हैं। मोदी ने शनिवार को कई ट्वीट्स करते हुए आरोप लगाया था कि एचडीआईएल डॉट को के रियल एस्टेट टायकून बाबा दीवान ने खिलाड़ियों को पैसे के अलावा अपार्टमेंट्स दिए थे। 
मोदी ने कहा कि जब वह आईपीएल चीफ थे तो उन्होंने बाबा को आईपीएल टीम के लिए बोली लगाने से बैन कर दिया था। मोदी ने दावा किया कि बाबा दीवान गुरुनाथ मयप्पन और राज कुंद्रा का अच्छा दोस्त था। राज और मयप्पन पर 2013 में आईपीएल बेटिंग और मैच फिक्सिंग में शामिल होने की बात सामने आई थी। मोदी ने साथ ही एक लेटर भी पोस्ट किया और दावा किया कि उन्होंने यह लेटर जून 2013 में आईसीसी के सीईओ डेव रिचर्डसन को पूरी जानकारी के साथ भेजा था और इसके खिलाफ कार्रवाई करने की सिफारिश की थी। 
मोदी द्वारा जिन तीन खिलाड़ियों का नाम लिया गया है उनसे अब तक न तो आईसीसी और न ही बीसीसीआई ने इस मामले बातचीत या जांच नहीं की है। आईसीसी ने अपने बयान में कहा है, 'आईसीसी इस बात की पुष्टि करती है कि हाल ही में ट्विटर पर प्रकाशित मिस्टर मोदी का गोपनीय ई-मेल, जून 2013 में उसे मिला था, जिसे उसी समय ऐंटी-करप्शन और सिक्यॉरिटी यूनिट को दे दिया गया था। उस जानकारी पर एसीएसयू ने इसके मानक संचालन प्रक्रियाओं के अनुसार काम किया था, जिसमें इसे बीसीसीआई की ऐंटी-करप्शन यूनिट के साथ साझा किया जाना शामिल था।' आईसीसी ने कहा है कि वह इस मामले में और कोई टिप्पणी नहीं करेगी। 
इससे पहले रविवार को क्रिकेट असोसिएशन ऑफ बिहार (सीएबी) के सेक्रेटरी आदित्य वर्मा ने आईसीसी को पत्र लिखकर तीन इंटरनैशनल खिलाड़ियों के गैरकानूनी गतिविधियों में शामिल होने के आरोपों पर स्पष्टीकरण मांगा था। वर्मा ने रिचर्डसन को संबोधित करते हुए पत्र में आईसीसी की विश्वसनीयता और अखंडता को बचाने की अपील की थी।

Thursday, June 25, 2015

विज्ञान भवन में तीन महत्वपूर्ण परियोजनाओं को लॉन्च किया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज विज्ञान भवन में तीन महत्वपूर्ण परियोजनाओं को लॉन्च किया। इसमें100 स्मार्ट सिटी का विकास, 500 नगरों के लिए अटल शहरी पुनर्जीवन एवं परिवर्तन मिशन (एएमआरयूटी) और 2022 तक शहरी क्षेत्रों में सभी के लिए आवास योजना शामिल हैं। तीन परियोजनाओं के परिचालन दिशानिर्देश, नियमों, लागू करने के ढांचे को केंद्र द्वारा राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों, स्थानीय शहरी निकायों के साथ पिछले एक साल के दौरान की गई चर्चा के आधार पर तैयार की गई हैं।
इन तीन बड़े शहरी परियोजनाओं को तैयार करने में प्रधानमंत्री खुद भी जुड़े रहे हैं। इसके लिए करीब 4 लाख करोड़ रुपये का केंद्रीय अनुदान तय किया गया है। पीएम मोदी ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि स्मार्ट सिटी परियोजना किसी भी राज्य पर थोपी नहीं जाएगी। उस शहर के लोगों को खुद फैसला करना होगा। 

शहरीकरण की आवश्यकता पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि करीब भारत की 40 फीसदी आबादी या तो शहरी केंद्रों में रहती है या आजीविका के लिए इन पर निर्भर रहती है। आज हम इसी संबंध में विचार-विमर्श करने के लिए जमा हुए हैं कि इनलोगों के जीवन-स्तर में कैसे सुधार लाना है। उन्होंने कहा कि हम अपने देश के गरीब लोगों को नसीब पर नहीं छोड़ सकते हैं। पीएम मोदी ने कहा कि हर शहरी गरीब को इस लायक बनाया जाएगा कि उनके पास अपना घर होगा। उन्होंने कहा कि हर कोई अपना घर लेने का सपना देखता है। और यह सपना सिर्फ एक छत और चारदीवारों तक ही सीमित नहीं रहता है। एक बार जब गरीब का खुद का घर हो जाता है तो फिर उसके इरादे बदलते हैं, सपने संजोते हैं। फिर और भी चीजों को अपनाने की दिशा में वे आगे बढ़ते हैं।
उन्होंने कहा कि शहरीकरण पर 25-30 साल पहले भी काम हो सकता था। शहरीकरण को एक अवसर के रूप में अगर काम किया गया होता तो आज स्थिति कुछ और होती। उन्होंने यह भी कहा कि पुराने अनुभवों के आधार पर निराश होकर बैठने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि हम सही रास्ते पर हैं और किसी तरह की कानूनी या आर्थिक समस्या पेश आई तो उसे हल कर लिया जाएगा।
देश में 40 साल पहले ठीक आज के ही दिन इमर्जेंसी लगाए जाने के बारे में उन्होंने कहा, 25-26 जून को भारत के इतिहास में भुलाया नहीं जा सकता है। 40 साल पहले पूरे देश को सत्ता की लालसा में जेल बना दिया गया था। 

Tuesday, June 23, 2015

स्वच्छता अभियान

साथियों,
वर्तमान एक महीना बहुत ही पवित्र है । चाहे हिंदु हो या मुसलमान , सभी के लिए ।
हिंदुओं के लिए यह माह मल-मास (अधिक मास) के रूप में और मुसलमानों के लिए पवित्र रमजान
आइए इस पवित्र माह को स्वच्छता अभियान से जोड़ दें और अपने आस पास गंदगी न रहने दें ।

स्वच्छता अभियान का हिस्सा बनें । 

Monday, June 22, 2015

फर्जी डिग्री और सर्टिफिकेट के कई मामले सामने आए

फर्जी डिग्री और सर्टिफिकेट के कई मामले हाल के दिनों में सामने आए हैं। एक मामले में एयर इंडिया के एक पायलट को 12वीं क्लास का जाली सर्टिफिकेट देने के आरोप में निलंबित किया गया। दिल्ली के पूर्व कानूम मंत्री जितेंद्री सिंह तोमर फर्जी डिग्री मामले में जेल में है। गोवा के मंत्री सुदीन धावलिकर की ग्रेजुएशन की डिग्री पर सवाल उठ रहे हैं। हाल ही में एयर इंडिया के एक पायलट को 12 क्लास का जाली सर्टिफिकेट देने के आरोप में निलंबित किया गया।
एंप्लॉयमेंट बैकग्राउंड चेक सर्विस प्रदान करने वाली एक फर्म हायर राइट की एक नई रिपोर्ट के अनुसार, 'जनवरी 2014 से अप्रैल 2015 तक भारत में कुल 2 लाख निरीक्षण किए गए जिनमें से 23 फीसदी में त्रुटियां पाईं गईं।
बेंगलुरु में वेरिफिकेशन कंपनी आईबीसी इंडिया के प्रमुख कामेश किरण ने बताया, 'भारत में हजारों फर्जी यूनिवर्सिटीज और संस्थान हैं।' आईबीसी इंडिया हर महीने आईटी, फार्मा एवं निर्माण कंपनियों के लिए करीब 7,000 चेक करती है। उनको शैक्षणिक योग्यताओं में 30 फीसदी त्रुटि मिलती है।
किरण ने बताया, 'पिछले 3 सालों में फर्जी सर्टिफिकेट की संख्या में काफी बढ़ोतरी हुई है। एक प्रमुख आईटी कंपनी में काम करने वाला व्यक्ति हर महीने करीब 2.75 लाख रुपये कमा रहा था। उनको 3 साल बाद कंपनी से निकाल दिया गया क्योंकि वह अपनी पत्नी के सर्टिफिकेट पर जॉब कर रहे थे। जब उनको हायर किया गया था उन्होंने कंपनी की आंतरिक जांच में बेवकूफ बनाया था। बाद में जब पत्नी से अनबन हो गई तो पत्नी ने भंडा फोड़ दिया जिसके बाद उनकी हकीकत सामने आई।
केपीएमजी इंडिया में फॉरेंसिक सर्विसेज प्रमुख एवं पार्टनर संदीप धुपिया का कहना है कि त्रुटियां पूर्व रोजगार एवं शिक्षा जैसे दो क्षेत्रों में ज्यादा होती हैं। वह एक महीने में करीब 50,000 चेक करते हैं। उन्होंने बताया, 'हम बीपीओ सेक्टर के लिए ज्यादा फर्जीवाड़ा देखते हैं।'
एक अग्रणी वेरिफिकेशन एजेंस फर्स्ट अडवांटेज को त्रुटियों के स्तर में 2014 के 10.5 फीसदी की तुलना में 2015 के पहले क्वॉर्टर में ही 11.4 फीसदी बढ़ोतरी मिली है। एजेंसी की रिपोर्ट में इस बात का उल्लेख किया गया है कि दिल्ली, रांची और कानपुर शिक्षा से जुड़े फर्जीवाड़ों के मामले में सबसे टॉप पर है जबकि बेंगलुरु, मुंबई और चेन्नै में रोजगार से संबंधी फर्जीवाड़ा सर्वाधिक होता है। फर्स्ट अडवांटेज के एमडी और एसवीपी नवीन चुग ने बताया, 'बहुत सी ऐसी कंपनियां हैं जो अस्थाई रूप से खुलती हैं और फर्जी सर्टिफिकेट देती हैं।'
शिक्षा और रोजगार से जुड़ी गलत जानकारी सिर्फ फ्रेशर ही नहीं देते हैं बल्कि सीईओ और सीएफओ भी हकीकत नहीं बताते हैं। मुंबई स्थित बैकग्राउंड स्क्रीनिंग और वेरिफिकेशन कंपनी वेरिफैक्ट्स की सरीता देवरुखकर ने बताया, 'सीईओ फर्जी सैलरी स्लिप और पद का प्रमाण देते हैं।

Wednesday, June 17, 2015

'बिना गाली के यहां प्यार और आशीर्वाद का लेन-देने होता है क्या

सनी देओल की फिल्म मोहल्ला अस्सी काफी दिनों से लटकी हुई थी, लेकिन अचानक यह विवादों में फंसती नजर आ रही है। दरअसल, चंद्रप्रकाश निर्देशित इस फिल्म को साल के आखिर तक रिलीज करने की योजना की चर्चा थी, पर मंगलवार को लीक हुए फिल्म के ट्रेलर को देखकर कहा जा सकता है कि इसका रिलीज होना काफी मुश्किल है।
फिल्म के ट्रेलर में गालियों की भरमार है और साधु से लेकर संन्यासी और भगवान से लेकर भागवान तक हर कोई ऐसी गालियां दे रहा है, जिससे आपका असहज हो जाना लाजिमी है। ट्रेलर भले ही ऑफिशल न हो, पर इसमें कोई दो राय नहीं कि फिल्म मोहल्ला अस्सी का ही है।
दरअसल, फिल्म में एक बहरूपिया है, जो घाटों पर घूमता है और यहां आने वाले पर्यटकों के साथ फोटो खिंचवाता है। वह एक फोटो का लोगों से 100 रुपये चार्ज करता है और जटाओं से निकलती गंगा के साथ फोटो खिंचवाने के 200 रुपये। फिल्म के ट्रेलर में इसी चरित्र को गाली देते दिखाया गया है। इसी पर विवाद भी शुरू हो गया है।
फिल्म में कुछ ऐसे संवाद भी हैं, जो आप को असहज कर देंगे। मसलन, एक सीन में सनी देओल कहते हैं, 'कौन संस्कृत पढ़ रहा है? सब साले चरस-गांजा और बनारस में रुकने का बहाना ढूंढ़ रहे हैं।'
'
अरे हर-हर महादेव के साथ गाली का नारा तो काशी का सार्वजनिक अभिनंदन है भैया' जैसे संवाद फिल्म के लिए बड़ी मुसीबत खड़ी कर सकते हैं। एक अन्य संवाद कुछ ऐसा है, 'बिना गाली के यहां प्यार और आशीर्वाद का लेन-देने होता है क्या?'
हिंदू धर्माचार्यों का कहना है कि यह भगवान शंकर की छवि दुनिया भर में दूषित करने की साजिश है। शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद का कहना है कि काशी में अगर किसी की जुबान से कुछ गलत निकल जाता है तो लोग महादेव का उच्चारण करते हैं। भगवान शंकर को गाली बकते दिखाने के पीछे हिंदू धर्म को अपमानित करने की अंतरराष्ट्रीय साजिश है।
कुछ जानकार मान रहे हैं कि यह एडिटेड ट्रेलर नहीं है, तो कुछ का कहना है कि फिल्म को हाइप देने के लिए ऐसा किया गया है। सचाई जो कुछ भी हो, भगवान शिव का गाली देना लोगों को कितना पसंद आएगा...यह तो वक्त ही बताएगा।
बता दें कि सनी देओल और साक्षी तंवर अभिनीत यह फिल्म प्रसिद्ध लेखकर काशीनाथ सिंह के हिंदी उपन्यास 'काशी का अस्सी' पर आधारित है। फिल्म की कहानी बनारस में धर्म,योग के साथ टूरिज्म के इर्द-गिर्द बुनी गई है। सनी देओल धर्मराज शास्त्री नाम के पंडे बने हैं। गंगाघाट पर वह पूजा करवाने आए तीर्थयात्रियों को गाली बकते दिखाई दे रहे हैं। सनी की पत्नी बनीं साक्षी तंवर गालियों का इस्तेमाल करती हैं।
खबर के साथ लगाया गया विडियो यूट्यूब पर है और सोशल मीडिया पर भी वायरल हो रहा है। इस किसी अभिषेक मिश्र ने यूट्यूब पर पोस्ट किया है। फिल्म के डायरेक्टर चंद्रप्रकाश द्विवेदी ने इस विडियो पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है, बल्कि उन्होंने बात निर्माता पर डाल दी

Tuesday, June 16, 2015

पांच साल से कोई रिलेशन नहीं था तो दो बच्चे कहां से आए

सोमनाथ भारती की पत्नी लिपिका ने पति पर चुनाव के दौरान एफिडेविट में उनसे संबंधित गलत जानकारी देने का आरोप लगाया है। उनका आरोप है कि एफिडेविट में उनके बैंक डिटेल्स और होम लोन से जुड़ी जानकारी सही नहीं है। लिपिका इससे पहले सोमनाथ पर घरेलू हिंसा की शिकायत दर्ज करा चुकी हैं।
लिपिका ने सोमनाथ भारती के उस बयान का खंडन किया, जिसमें उन्होंने कहा था कि दोनों के बीच 5 साल से कोई रिलेशन नहीं है। उन्होंने पूछा कि अगर उनके बीच पांच साल से कोई रिलेशन नहीं था तो दो बच्चे कहां से आए। उन्होंने अपने रिलेशन और पूरी घटना की जानकारी से संबंधित तीन ई-मेल की कॉपी के जरिए सबूत दिया। ई-मेल में लिपिका ने सोमनाथ भारती द्वारा दिए जा रहे दर्द और उनसे अलग रहने की बात लिखी है। लिपिका को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से उम्मीद है कि वह उनकी बात सुन लेंगे।
लिपिका ने कहा कि वह सोमनाथ भारती के 5 साल से कोई रिलेशन न होने की बात कहने से बहुत आहत हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें दुख हो रहा है कि उन्हें आज यह भी साबित करना पड़ रहा है कि दोनों के बीच क्या रिलेशन रहे हैं। उन्होंने कहा, 'सोमनाथ भारती अक्सर रात को छुप-छुप कर आते थे। साथ में उनका ड्राइवर भी आता था। वह बच्चे के साथ घूमते थे। बीच में उनसे हमारी बातचीत जरूर बंद थी। जब चुनाव का समय आया तब उन्होंने ई मेल के जरिए बात करने की कोशिश की। उनके दो मेल आए। वह कुछ डिटेल्स मांग रहे थे, लेकिन मेरी ओर से कोई जवाब नहीं दिया गया।'
लिपिका ने कहा, 'मैं इस मामले में ऐक्शन चाहती हूं और उनसे पूरी तरह से अलग रहने के लिए डिवॉर्स चाहती हूं। चाहे यह कोर्ट से फैसला हो जाए या फिर दोनों की सहमति से। मैं अपने बच्चों की पूरी कस्टडी चाहती हूं, ताकि मैं अपने बच्चों के साथ आराम से जिंदगी जी सकूं।' उन्होंने कहा कि वह अकेली अपने बच्चों का पालन कर रही हैं। 4 साल की बेटी के एडमिशन के लिए वह अकेले द्वारका के स्कूलों के चक्कर काटती हैं। लिपिका ने यह भी कहा कि उन्हें फोन उठाने में डर लग रहा है। उनके पास कई अनजान नंबरों से कॉल आते हैं।
दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष बरखा सिंह ने कहा कि आयोग इस मामले में लिपिका के साथ है। उन्होंने कहा कि सोमनाथ भारती कहना है कि उनके बीच रिलेशन नहीं रहे हैं, तो वह अपने बच्चों का डीएनए टेस्ट करा कर देख लें। बरखा सिंह ने कहा कि सोमनाथ भारती जानबूझ कर मामले को भटका रहे हैं। उन्होंने खुद मीडिया में यह बात कही थी कि वह पत्नी और बच्चों से प्यार करते हैं फिर अचानक यह बात कहां से आ गई कि पांच साल से रिलेशन ही नहीं है।
बरखा सिंह के घर पर चल रहे मीडिया कॉन्फ्रेंस के दौरान सोमनाथ भारती की मां मनोरमा रानी भी पहुंच गईं। उन्होंने कहा, 'मैं चाहती हूं कि मेरा बेटा और बहू साथ में रहें, मैं तो आश्रम में रह लूंगी।'

फर्जी इनकम टैक्स ऑफिसर बनकर करोड़ों की लूट

'इनकम टैक्स की तरफ से आए हैं हम लोग, ये CBI की रेड है। आलमारी की चाभी दीजिए।' मगर डर के मारे घर में मौजूद महिला कहती है, 'चाबी खो गई है।' इस पर उनका मुखिया अपने मातहतों को आदेश देता है, 'ताला तोड़ो। कोई बाहर नहीं निकलेगा, सबको बंद करो।' भले ही यह संवाद 'स्पेशल 26' फिल्म में अक्षय कुमार ने बोला था, मगर कुछ इसी फिल्मी अंदाज में मुंबई के कांदिवली में एक गैंग ने फर्जी इनकम टैक्स ऑफिसर बनकर करोड़ों की लूट को अंजाम दिया है।
चारकोप पुलिस ने इस स्पेशल 26 नामक गैंग के 8 लोगों को गिरफ्तार किया है, जिन्होंने फिल्म 'स्पेशल 26' की तर्ज पर एक ही घर में वारदात को अंजाम देते हुए कुल 1 करोड़ 65 लाख रुपये की लूट की है। इसमें 1 करोड़ 21 लाख की प्रॉपर्टी भी शामिल है जो पुलिस ने बरामद कर ली है। गिरफ्तार हुए आरोपियों के नाम कादर शेख, पंकज चव्हाण, यूनुस शेख, परेश गोस्वामी, जगदीश मेवाड़, भारत बिगाड़, पंकज चव्हाण और बालकृष्ण हैं, वहीं एक आरोपी अभी पुलिस की गिरफ्त से बाहर है। मामले की जांच कर रहे पुलिस अधिकारी प्रदीप रावराणे की मानें, तो स्पेशल 26 गैंग ने फिल्म की तर्ज पर करोड़ों की लूट को अंजाम देने के लिए गैंग में शामिल सभी 9 लोगों को भर्ती करने के बाद उन्हें लूटपाट के लिए बाकायदा ट्रेनिंग दी। मौके की रेकी करवाई और फिल्म में जैसे अक्षय कुमार फर्जी इनकम टैक्स ऑफिसर का आईडी कार्ड दिखाते हैं, इन लोगों ने भी वैसा ही आईडी कार्ड बनाया था। गिरोह का मुखिया जगदीश मेवाड़ पीड़ित का भतीजा है। आरोप है कि उसी ने लूटपाट की योजना बनाई थी। जगदीश शेयर बाजार में काम करता है। कुछ दिन पहले ही वह धारावी से चारकोप में रहने पहुंचा था। चारकोप पुलिस की मानें, तो 2 जून को कांदिवली की जयंती बाई सवैया के घर में 8 लोग इनकम टैक्स ऑफिसर बनकर घुसे थे। उन्होंने घर की तलाशी लेने के बहाने घर के लॉकर को खोलने की बात कही। जब जयंती ने अलमारी खोलने से मना कर दिया, तो आरोपियों ने धमकी देकर उसे अलमारी खोलने को कहा। अलमारी में दो बैगों में करोड़ों का कैश, लाखों के जेवरात, महंगी घड़ियां और अन्य सामान मौजूद था। उसके बाद ये आरोपी बैग के साथ महिला को भी हायर की हुई ज़ाइलो कार में बैठा कर ले गए और बीच रास्ते में महिला को उतार कर उसे इनकम टैक्स कार्यालय में आकर पैसे और जूलरी वापस ले जाने को कहकर वहां से भाग खड़े हुए।
पुलिस सूत्रों की मानें, तो उनके निशाने पर खुद जयंती बाई सवैया और एक नामी बिल्डर है। आखिर जब लूट की वारदात हुई तो शिकायत के वक्त पुलिस को 25 लाख की रकम क्यों बताई गई, जबकि लूट 1 करोड़ 65 लाख रुपये की हुई थी। पुलिस को शक है कि बिल्डर ने ही जयंती के घर पर इतनी बड़ी रकम रखी थी। ऐसे में शक उठता है कि आखिर बिल्डर ने जयंती के घर पर इतना पैसा क्यों रखा था? पुलिस अब बिल्डर से भी इस मामले में पूछताछ करेगी और ईडी को भी इस बात की सूचना देगी। आखिर इस स्पेशल 26 गैंग ने लूट पूर्वनियोजित योजना के तहत की या इसमें इस बिल्डर की भूमिका शामिल है! मामले की जांच पीआई प्रदीप रावराणे कर रहे हैं।

Monday, June 15, 2015

BSNL में फ्री रोमिंग

बीएसएनएल के दस करोड़ मोबाइल फोन ग्राहकों के लिए रोमिंग सर्विस आज से देश भर में फ्री होगी। बीएसएनएल देश की पहली मोबाइल सर्विस कंपनी है, जो यह सर्विस फ्री देने जा रही है। 

चीफ सेक्रटरी जीआर आलोरिया ने बेटे दीपक आलोरिया की शादी राजस्थान के एक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी की बेटी से की।

जयपुर में शुक्रवार को एक अनूठी शादी हुई। गुजरात केचीफ सेक्रटरी जीआर आलोरिया ने बेटे दीपक आलोरिया की शादी राजस्थान के एक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी की बेटी से की। अमीरी-गरीबी की खाई को पाटती इस मिसाल में दोनों राज्यों के कई अधिकारी भी शामिल हुए।
चीफ सेक्रटरी ने आरएसी के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी हनुमान प्रसाद से पुरानी दोस्ती निभाई और उनकी बेटी कविता को बहू स्वीकार किया। आलोरिया गुजरात कैडर के आईएएस आधिकारी हैं और कुछ दिनों पहले ही गुजरात के चीफ सेक्रटरी बने हैं।
आलोरिया ने हनुमान प्रसाद से पुरानी दोस्ती निभाई और उनकी बेटी कविता को बहू स्वीकार किया। जीआर आलोरिया और हनुमान प्रसाद जयपुर के गोनेर गांव के मूल निवासी हैं। शुक्रवार को हुई शादी में गुजरात के कई वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए और कन्या पक्ष की तरफ से आगवानी के लिए राजस्थान पुलिस के डीजी मनोज भट्ट सहित कई आईपीएस अधिकारी वहां मौजूद रहे।

Friday, June 12, 2015

डिग्रियां फर्जी

आम आदमी पार्टी के पूर्व विधायक और बागी नेताराजेश गर्ग का आरोप है कि पार्टी के 12 से अधिक वर्तमान विधायकों की शैक्षिक योग्यता से जुड़ी डिग्रियां फर्जी हैं । उनका कहना है कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को ऐंटी करप्शन ब्यूरो से इनकी जांच करवानी चाहिए ताकि सारा मामला स्पष्ट हो सके।
गुरुवार सुबह हमारे सहयोगी अखबार सान्ध्य टाइम्स से बातचीत में उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी के जिन प्रत्याशियों ने 2013 और इस साल का विधानसभा चुनाव लड़ा है, उनके द्वारा चुनाव आयोग में दाखिल दस्तावेजों की ही जांच करवा ली जाए, तो कई विधायकों की हकीकत स्पष्ट हो जाएगी। इन दोनों चुनावों में विधायकों ने अलग-अलग शैक्षिक डिग्रियां जमा करवाई हैं। गर्ग ने दावा किया कि उन्होंने आप विधायक विशेष रवि की डिग्री की जांच करवा ली है, जो फर्जी हैं। इस बारे में वह शीघ्र दिल्ली पुलिस में शिकायत दर्ज करने जा रहे हैं।
बागी नेता ने यह भी आरोप लगाया कि कई आप विधायकों पर आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं, लेकिन चुनाव आयोग में उन्होंने इसकी जानकारी नहीं दी है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को इनकी भी जांच करवानी चाहिए ताकि लोगों को पार्टी के जनप्रतिनिधियों की हकीकत पता चल सके।

महिला आयोग में 25 पेज की शिकायत

सोमनाथ भारती और उनकी पत्नी लिपिका के बीच रिश्ते में खटास हनीमून के फौरन बाद ही आ गई थी। सोमनाथ ने एक मैट्रिमोनियल वेबसाइट में दिए गए अपने प्रोफाइल में जो जानकारियां दी थीं, उनसे लिपिका नाराज थीं। लिपिका का कहना है कि सोमनाथ ने प्रोफाइल में झूठी जानकारियां दी थीं। महिला आयोग में अपने 25 पेज की शिकायत में लिपिका ने पूरी कहानी लिखी है और यह भी बताया है कि शादी का खर्च भी उन्होंने खुद ही उठाया था।
लिपिका की शिकायत के मुताबिक, सोमनाथ भारती और लिपिका मैट्रिमोनियल के जरिए एक दूसरे से मिले थे। इस मुलाकात के बाद दोनों ने शादी करने का फैसला लिया। लिपिका ने महिला आयोग के सामने जो शिकायत दर्ज कराई है, उसमें यह आरोप लगाया है कि सोमनाथ ने मैट्रिमोनियल साइट पर अपने बारे में गलत जानकारी दी थी। लिपिका ने लिखा है कि सोमनाथ ने बताया कि वह एक इंटरनैशनल लॉ कंपनी के हेड हैं और एक आईटी कंपनी भी चलाते हैं लेकिन शादी के बाद यह सब झूठ निकला।
लिपिका की शिकायत के अनुसार, उन दोनों की सगाई 10 अक्टूबर 2010 और शादी 8 दिसंबर 2010 को हुई थी। लिपिका ने बताया कि शादी का सारा खर्च उन्होंने ही उठाया था। लिपिका एक एमएनसी में काम करती हैं। उन्होंने बताया है कि वे हनीमून से 21 दिसंबर 2010 को वापस आए, तभी से उन दोनों का झगड़ा शुरू हो गया था। हनीमून से आते ही सोमनाथ ने उनसे सभी जूलरी उनकी मां के पास रखने को कहा।

इस बीच लगातार उनके साथ मारपीट होती रही। लिपिका का कहना है कि दिसंबर 2011 में उन्होंने इसके खिलाफ द्वारका में क्राइम एगेंस्ट विमिन (सीएडब्ल्यू) में शिकायत की थी और उसके बाद से ही वह सुसराल नहीं जाना चाहती थी। यह सिलसिला चलता रहा। उन्होंने बताया कि सितंबर 2012 से लेकर मई 2013 के बीच दोनों के बीच कोई बातचीत नहीं हुई है। इसके बाद इंटरनेट के जरिए फिर से बातचीत शुरू हुई। बाद में वह द्वारका में अकेले रहने लगी और सोमनाथ बीच-बीच में यहां आते रहे। 27 मई को लिपिका ने पहली बार महिला आयोग को शिकायत भेजी थी।

Tuesday, June 9, 2015

काला धन पर नया कानून

काला धन छिपाने के लिए आप भाग तो सकते हैं लेकिन टैक्स अथॉरिटीज से बच नहीं सकते हैं। जो कंपनियां या व्यक्ति कानून से बचने के लिए भारतीय 'निवासी' होने की अपनी स्थिति को छिपाना चाहेंगे काला धन पर नया कानून उनके प्रयास को विफल कर देगा।
अगर किसी व्यक्ति के पास अघोषित विदेशी संपत्ति है और यह संपत्ति उस समय ली गई थी जब वह भारतीय निवासी था तो उसके निवास बदल लेने के बाद भी टैक्स अथॉरिटीज ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई कर सकेंगी। एक सरकारी अधिकारी ने बताया, 'अगर विदेशी संपत्ति भारतीय निवासी रहते हुए अधिग्रहित की गई और घोषणा नहीं की तो बाद में निवास बदलने के बाद भी उनके खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है।'
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अप्रैल को प्रभाव में आए काला धन (अघोषित विदेशी आय एवं संपत्ति) एवं टैक्स बिल अधिरोपण, 2015 के तहत सभी 'निवासी' भारतीय को अपनी विदेशी संपत्ति का टैक्स अथॉरिटीज को खुलासा करना होगा। ऐसी खबरें आई हैं कि विदेश में संपत्ति रखने वाले लोग कानून की पहुंच से बचने के लिए दुबई और सिंगापुर में निवास बदल कर रह रहे हैं। टैक्स एक्सपर्ट्स ने बताया कि कानून से कैसे निपटा जाए इस बारे में गौर कर रहे हैं।
एक व्यक्ति को भारत का निवासी समझा जाता है अगर वह किसी खास वित्त वर्ष के दौरान 182 दिनों या उससे ज्यादा दिनों तक भारत में रहता है या किसी खास वित्त वर्ष में 60 दिनों तक देश में रहता है और इससे पहले के चार वित्त वर्ष में भारत में 365 या इससे ज्यादा दिनों तक भारत में रहा हो।
एक कंपनी को उस स्थिति में निवासी माना जाता है जब यह स्थानीय वेंचर होती है या इसे देश से ही नियंत्रित और प्रबंधित किया जाता है। एक टैक्स अधिकारी ने बताया कि काले धन के नए कानून में निवास में बदलाव को भी कवर किया गया है और इसीलिए एक कंप्लायंस विंडों का प्रस्ताव रखा गया है। अधिकारी ने बताया, 'जब कोई व्यक्ति अपने निवास को कानून के समक्ष बदल दे और उसके बाद उसकी संपत्ति के बारे में पता चलता है और यह संपत्ति उस समय उसकी आय का हिस्सा रही हो जब वह भारतीय निवासी था और टैक्स अथॉरिटीज के समक्ष इसका खुलासा नहीं किया।' लॉ फर्म खैतान ऐंड कंपनी के पार्टनर इस बात से सहमत दिखे कि इस तरह के बदलाव से कोई फायदा नहीं होगा। उन्होंने कहा, 'विदेश में अपनी निवास बदल लेने भर से कोई फायदा नहीं होगा क्योंकि अपराध उस समय से संबंधित है जब संबंधित व्यक्ति भारत का निवासी था।'
इस कानून में कंप्लायंस विंडो का प्रावधान है। यह कानून काला धन पर अंकुश लगाने की नरेंद्र मोदी सरकार की पहल का एक हिस्सा है। जिनलोगों के पास विदेश में संपत्ति है, वे मुकदमे से बचने के लिए 30 फीसदी टैक्स और 30 फीसदी पेनल्टी भर सकते हैं। विंडो के बंद होने के बाद टैक्स अथॉरिटीज अन्य देशों से प्राप्त सूचना के आधार पर नए कानून के तहत कार्रवाई कर सकेंगी। भारतीय द्वारा खरीदी गई संपत्तियों पर कई टैक्स हैवन्स (वे देश जहां लोग टैक्स से बचने के लिए पैसा जमा करते हैं) से जानकारी मिलनी शुरू हो गई है। अघोषित विदेशी आय पर मुकदमा चलाने के अलावा 30 फीसदी टैक्स और 90 फीसदी पेनल्टी ली जाएगी।

तोमर के ग्रैजुएशन की डिग्री भी जाली

फर्जी डिग्री के मामले दिल्ली सरकार के कानून मंत्री और त्रिनगर के विधायक जितेंद्र सिंह तोमर को गिरफ्तार कर लिया गया है। पुलिस टीम ने तोमर को मंगलवाल सुबह उनके घर से गिरफ्तार किया और इसके बाद उन्हें पूछताछ के लिए हौज खास पुलिस थाना ले जाया गया। तोमर के खिलाफ धोखाधड़ी, आपराधिक षड्यंत्र समेत आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत सोमवार की रात केस दर्ज किया गया था।
आम आदमी पार्टी (आप) ने तोमर की गिरफ्तारी को बदले की कार्रवाई करार दिया है। पार्टी नेता संजय सिंह ने कहा कि मोदी सरकार पार्टी के नेताओं को जेल से डराने की कोशिश कर रही है। दूसरी ओर, दिल्ली पुलिस के कमिश्नर बीएस बस्सी ने कानून मंत्री तोमर की गिरफ्तारी पर कोई टिप्पणी करने से इनकार किया है। उनका कहना है कि अभी उन्हें पूरे मामले की जानकारी नहीं है।
दिल्ली पुलिस के सूत्रों का कहना है कि इस मामले में कानूनी प्रक्रिया पूरी कर ली गई थी। आरोप है कि कानून मंत्री के खिलाफ सबूत होने के बावजूद वह पूछताछ में सहयोग नहीं कर रहे थे। माना जा रहा है कि जितेंद्र तोमर को अदालत में पेश करके रिमांड लेने की कोशिश की जाएगी। तोमर पर आईपीसी की धारा 420, 467, 468, 471, 120 बी के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। ये जालसाजी, धोखाधड़ी और आपराधिक षड्यंत्र से जुड़ीं धाराएं हैं।
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आप' नेता संजय सिंह ने इस पर कहा है, 'जितेंद्र तोमर का पूरा मामला कोर्ट में हैं। मोदी सरकार हमें मुकदमे और थाने से डरा रही है, जिसे हम कुछ समझते नहीं हैं। वह थाने में हमें एक बार नहीं हजार बार भेजें। हमारी लड़ाई भ्रष्टाचार के खिलाफ जारी रहेगी।' उन्होंने कहा कि बिना किसी नोटिस के जितेंद्र तोमर को गिरफ्तार किया गया है, जबकि मामला अदालत में विचाराधीन है।
उन्होंने केंद्र सरकार पर बदले की कार्रवाई करने का आरोप लगाते हुए कहा कि केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री स्मृति ईरानी और राम शंकर कठेरिया पर भी फर्जी डिग्री के आरोप हैं, क्या दिल्ली पुलिस में हिम्मत है कि उन्हें थाने ले जाएगी। गौरतलब है कि स्मृति ईरानी पर शपथ पत्र में अपनी शिक्षा के बारे में गलत जानकारी देने का आरोप है और यह मामला भी अदालत में पहुंच चुका है।
जितेंद्र तोमर पर आरोप है कि उनकी ग्रैजुएशन और एलएलबी की डिग्री फर्जी है। बिहार की तिलका मांझी यूनिवर्सिटी, भागलपुर ने दिल्‍ली हाई कोर्ट को बताया कि जितेंद्र सिंह तोमर का अंतरिम प्रमाणपत्र जाली है और इसका संस्थान के रिकॉर्ड में इसका अस्तित्व नहीं है। दिल्ली पुलिस की एक टीम भी यूनिवर्सीटी में जाकर जांच करके लौट चुकी है। तोमर ने इसी यूनिवर्सिटी से लॉ की पढ़ाई करने का दावा किया था और उनका कहना है कि उनकी डिग्री 100 फीसदी सही है।
यूनिवर्सिटी ने अदालत के सामने अपनी जांच रिपोर्ट रखकर कहा कि अंतरिम प्रमाण पत्र में दिया गया सीरियल नंबर रिकॉर्ड में तोमर की जगह किसी अन्य व्यक्ति का नाम दिखाता है। इस याचिका पर पक्षकार बनाने की मांग करने वाले दिल्ली बार काउंसिल के सदस्यों ने अदालत को जानकारी दी कि उन्हें अवध विश्वविद्यालय से जानकारी मिली है कि तोमर के ग्रैजुएशन की डिग्री भी जाली है।

'मनोधैर्य योजना' में रिश्वत

महाराष्ट्र सरकार की 'मनोधैर्य योजना' में रिश्वत का मामला सामने आया है। पुणे के सामाजिक कल्याण इंस्पेक्टर को रेप पीड़िता से 4000 रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। 
रेप पीड़िता की बहन ने पहले तो वित्तीय मदद के लिए समाज कल्याण विभाग के चक्कर लगाए, फिर 1.2 लाख की राशि जारी हुई, जिसके एवज में इंस्पेक्टर श्रीकांत सावंत ने 5000 रिश्वत की मांगी। मोलभाव के बाद श्रीकांत 4000 रिश्वत लेकर मुआवजा राशि जारी करने पर तैयार हुआ।
ऐंटी करप्शन ब्यूरो के एक वरिष्ठ अधिकारी ने सोमवार को बताया कि हमने रिश्वत मांगने वाले की पूरी आवाज रेकॉर्ड की है, जिसमें तारीख, दिन व रिश्वत देने के लिए चिन्हित हुई जगह का भी जिक्र है। अधिकारी ने बताया कि मामले में साफ तौर पर यह साबित हो चुका है कि रिश्वत मांगी गई थी; इसी आधार पर श्रीकांत को गिरफ्तार कर लिया गया है।
एक सीनियर अफसर ने बताया कि जांच जारी है, जब तक मामले में कुछ साबित नहीं हो जाता, आरोपी को सस्पेंड कर देना चाहिए। उन्होंने बताया कि सरकार को ऐसे मामलों में मुआवजा राशि ऑनलाइन पहुंचानी चाहिए, जिससे भ्रष्टाचार की संभावना शून्य रहे।
उन्होंने बताया कि ऐसे मामलों में पीड़ित के रिश्तेदार राशि के लिए सामाजिक कल्याण विभाग दफ्तर के चक्कर लगाते हैं, जो वाकई दुर्भाग्यपूर्ण है। महाराष्ट्र सरकार ने 2 अक्टूबर 2013 के दिन मनोधैर्य योजना की नींव रखी थी। इस योजना के तहत 2-3 लाख तक की राशि पीड़ितों को देने का प्रावधान किया गया था।

Thursday, June 4, 2015

राजधानी को पूर्ण राज्य का दर्जा नहीं

आने वाले दिनों में अरविंद केजरीवाल और केंद्र सरकार के बीच टकराव का और बढ़ना तय है । केंद्र सरकार ने दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा देने से इनकार कर दिया है। होम मिनिस्ट्री के एक टॉप अधिकारी ने बताया कि दुनिया के किसी भी मुल्क की राजधानी को अब तक ऐसा स्टेटस नहीं मिला है।
दिल्ली विधानसभा के लिए 2013 में हुए चुनावों से पहले बीजेपी ने इसे पूर्ण राज्य का दर्जा देने का वादा किया था। लोकसभा चुनावों के दौरान भी बीजेपी ने इस वादे को दोहराया। हालांकि, 2015 के दिल्ली विधानसभा चुनाव के घोषणा पत्र में पार्टी ने इस मसले पर चुप्पी साध ली। दरअसल, दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा देने के वादे की शुरुआत बीजेपी ने ही सबसे पहले 1998 में की थी। उस वक्त पार्टी दिल्ली और केंद्र दोनों जगहों पर सत्ता में थी।
होम मिनिस्ट्री के एक टॉप अधिकारी ने बताया, 'जब बीजेपी राजधानी और केंद्र दोनों जगहों पर सत्ता में थी, उस वक्त भी दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा नहीं दिया गया। दुनिया के किसी भी मुल्क की राजधानी को पूर्ण राज्य का दर्जा हासिल नहीं है।' मिनिस्ट्री ने पिछले महीने संसद में दिए जवाब में भी कहा था कि दिल्ली को पूर्ण राज्य को दर्जा देने का कोई प्रस्ताव नहीं है।
केजरीवाल ने अपने घोषणा पत्र में दिल्ली को पूर्ण राज्य दिए जाने का मुद्दा प्रमुखता से उठाया था और फरवरी में अपार बहुमत के साथ जीत हासिल करने बाद उन्होंने इस मुद्दे को तुरंत राजनाथ सिंह के सामने उठाया था।
ऊपर कोट किए गए होम मिनिस्ट्री के अधिकारी ने बताया, 'हां, केजरीवाल ने इस मामले को होम मिनिस्टर के साथ उठाया था। हालांकि, ऐसा नहीं होने वाला है।' मंत्रालय को केजरीवाल की उस मांग में भी दम नजर नहीं आ रहा है, जिसमें राजधानी को दो भागों में बांटकर केंद्र को लैंड, पावर और एनडीएमसी इलाकों में पब्लिक ऑर्डर का अधिकार दिए जाने और राजधानी के बाकी क्षेत्र को चीफ मिनिस्टर के सीधा कंट्रोल में देने की बात है।
मामले से वाकिफ एक और अधिकारी ने कहा, 'इससे पूरी तरह से भ्रम की स्थिति पैदा हो जाएगी।' अपने 100 दिन पूरे करने पर केजरीवाल सरकार पहले ही दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिए जाने के मामले में केंद्र सरकार पर यू-टर्न का आरोप लगा चुकी है।
होम मिनिस्ट्री को पूरी उम्मीद है कि फाइनैंस मिनिस्ट्री इस साल के अंत तक पुलिस आधुनिकीकरण, सीसीटीएनएस और सुरक्षा से जुड़े इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए सप्लीमेंट्री बजट जारी कर देगा। 14वें फाइनैंस कमिशन की सिफारिशों में इन विषयों को राज्यों के बजट में ट्रांसफर कर दिया गया है। होम मिनिस्ट्री के एक अधिकारी ने बताया कि इस सिलसिले में फाइनैंस मिनिस्ट्री का रिस्पॉन्स पॉजिटिव रहा है

दुल्हन सदमें में है

कानपुर देहात जिले के डेरापुर एरिया में मंगलवार को उस वक्त हलचल मच गई, जब उन्हें पता चला कि 2 दिन पहले आई दुल्हन मां बन गई है।  दुल्हन ने एक बेटी को जन्म दिया है।
 
खबर दूर तक पहुंची तो हंगामा खड़ा हो गया, तुरंत लड़की के परिवार वालों को बुलाया गया। घंटों चली पंचायत के बाद तय किया गया कि शादी खत्म कर दी जाए और सारा सामान वापस कर दिया जाए।
बुधवार सुबह ऐसा ही किया गया गया, डेरापुर एसओ के अनुसार, थाने में कोई शिकायत नहीं की गई है। जानकारी के मुताबिक, डेरापुर के सब्दलपुर गांव के युवक की बरात 31 मई को झींझक के खमैला गांव गई थी।
पूरे जोर-शोर के साथ शादी की सारी रस्में निभाई गईं और सोमवार सुबह लड़की विदा होकर घर आई। मंगलवार शाम लड़के के घर पर संगीत का प्रोग्राम था। इस बीच अचानक 20 साल की बहू को पेट में दर्द उठा, गांव की कुछ महिलाओं में कानाफूसी भी शुरू हो गई।
नई बहू को हॉस्पिटल ले जाने की तैयारियां चल रही थीं कि उसने घर में ही एक बेटी को जन्म दे दिया। यह बात आसपास के गांवों में आग की तरह फैल गई। नई बहू का पति भी बेहोश हो गया।
देर रात ही झींझक से लड़की के परिवार वालों को बुलाया गया। तड़के तक चली पंचायत के बाद शादी खत्म होने, सारा सामान लौटाने और नई बहू के अपनी बेटी के साथ लौटने की बात तय हुई।