आईसीसी ने रविवार को इस बात की पुष्टि की है कि उसे ललित मोदी का वह गोपनीय
ई-मेल मिला था जिसमें तीन इंटरैनशनल खिलाड़ियों के बेटिंग में शामिल होने का आरोप
लगाया गया था। आईसीसी ने इसे बीसीसीआई की ऐंटी-करप्शन यूनिट के साथ भी साझा किया
था। साथ ही इसे आईसीसी की ऐंटी-करप्शन और सिक्यॉरिटी यूनिट (एसीएसयू) को भी उपलब्ध
कराया गया था।
आईपीएल के पूर्व प्रमुख रहे ललिल मोदी ने शनिवार को आरोप लगाया था कि भारतीय क्रिकेटर सुरेश रैना, रवींद्र जडेजा और वेस्ट इंडीज के ड्वेन ब्रावो ने एक बुकी से रिश्वत ली थी जोकि एक बिल्डर भी था। ये तीनों खिलाड़ी आईपीएल फ्रेंचाइजी चेन्नै सुपरकिंग्स के खिलाड़ी हैं। मोदी ने शनिवार को कई ट्वीट्स करते हुए आरोप लगाया था कि एचडीआईएल डॉट को के रियल एस्टेट टायकून बाबा दीवान ने खिलाड़ियों को पैसे के अलावा अपार्टमेंट्स दिए थे।
मोदी ने कहा कि जब वह आईपीएल चीफ थे तो उन्होंने बाबा को आईपीएल टीम के लिए बोली लगाने से बैन कर दिया था। मोदी ने दावा किया कि बाबा दीवान गुरुनाथ मयप्पन और राज कुंद्रा का अच्छा दोस्त था। राज और मयप्पन पर 2013 में आईपीएल बेटिंग और मैच फिक्सिंग में शामिल होने की बात सामने आई थी। मोदी ने साथ ही एक लेटर भी पोस्ट किया और दावा किया कि उन्होंने यह लेटर जून 2013 में आईसीसी के सीईओ डेव रिचर्डसन को पूरी जानकारी के साथ भेजा था और इसके खिलाफ कार्रवाई करने की सिफारिश की थी।
मोदी द्वारा जिन तीन खिलाड़ियों का नाम लिया गया है उनसे अब तक न तो आईसीसी और न ही बीसीसीआई ने इस मामले बातचीत या जांच नहीं की है। आईसीसी ने अपने बयान में कहा है, 'आईसीसी इस बात की पुष्टि करती है कि हाल ही में ट्विटर पर प्रकाशित मिस्टर मोदी का गोपनीय ई-मेल, जून 2013 में उसे मिला था, जिसे उसी समय ऐंटी-करप्शन और सिक्यॉरिटी यूनिट को दे दिया गया था। उस जानकारी पर एसीएसयू ने इसके मानक संचालन प्रक्रियाओं के अनुसार काम किया था, जिसमें इसे बीसीसीआई की ऐंटी-करप्शन यूनिट के साथ साझा किया जाना शामिल था।' आईसीसी ने कहा है कि वह इस मामले में और कोई टिप्पणी नहीं करेगी।
इससे पहले रविवार को क्रिकेट असोसिएशन ऑफ बिहार (सीएबी) के सेक्रेटरी आदित्य वर्मा ने आईसीसी को पत्र लिखकर तीन इंटरनैशनल खिलाड़ियों के गैरकानूनी गतिविधियों में शामिल होने के आरोपों पर स्पष्टीकरण मांगा था। वर्मा ने रिचर्डसन को संबोधित करते हुए पत्र में आईसीसी की विश्वसनीयता और अखंडता को बचाने की अपील की थी।
आईपीएल के पूर्व प्रमुख रहे ललिल मोदी ने शनिवार को आरोप लगाया था कि भारतीय क्रिकेटर सुरेश रैना, रवींद्र जडेजा और वेस्ट इंडीज के ड्वेन ब्रावो ने एक बुकी से रिश्वत ली थी जोकि एक बिल्डर भी था। ये तीनों खिलाड़ी आईपीएल फ्रेंचाइजी चेन्नै सुपरकिंग्स के खिलाड़ी हैं। मोदी ने शनिवार को कई ट्वीट्स करते हुए आरोप लगाया था कि एचडीआईएल डॉट को के रियल एस्टेट टायकून बाबा दीवान ने खिलाड़ियों को पैसे के अलावा अपार्टमेंट्स दिए थे।
मोदी ने कहा कि जब वह आईपीएल चीफ थे तो उन्होंने बाबा को आईपीएल टीम के लिए बोली लगाने से बैन कर दिया था। मोदी ने दावा किया कि बाबा दीवान गुरुनाथ मयप्पन और राज कुंद्रा का अच्छा दोस्त था। राज और मयप्पन पर 2013 में आईपीएल बेटिंग और मैच फिक्सिंग में शामिल होने की बात सामने आई थी। मोदी ने साथ ही एक लेटर भी पोस्ट किया और दावा किया कि उन्होंने यह लेटर जून 2013 में आईसीसी के सीईओ डेव रिचर्डसन को पूरी जानकारी के साथ भेजा था और इसके खिलाफ कार्रवाई करने की सिफारिश की थी।
मोदी द्वारा जिन तीन खिलाड़ियों का नाम लिया गया है उनसे अब तक न तो आईसीसी और न ही बीसीसीआई ने इस मामले बातचीत या जांच नहीं की है। आईसीसी ने अपने बयान में कहा है, 'आईसीसी इस बात की पुष्टि करती है कि हाल ही में ट्विटर पर प्रकाशित मिस्टर मोदी का गोपनीय ई-मेल, जून 2013 में उसे मिला था, जिसे उसी समय ऐंटी-करप्शन और सिक्यॉरिटी यूनिट को दे दिया गया था। उस जानकारी पर एसीएसयू ने इसके मानक संचालन प्रक्रियाओं के अनुसार काम किया था, जिसमें इसे बीसीसीआई की ऐंटी-करप्शन यूनिट के साथ साझा किया जाना शामिल था।' आईसीसी ने कहा है कि वह इस मामले में और कोई टिप्पणी नहीं करेगी।
इससे पहले रविवार को क्रिकेट असोसिएशन ऑफ बिहार (सीएबी) के सेक्रेटरी आदित्य वर्मा ने आईसीसी को पत्र लिखकर तीन इंटरनैशनल खिलाड़ियों के गैरकानूनी गतिविधियों में शामिल होने के आरोपों पर स्पष्टीकरण मांगा था। वर्मा ने रिचर्डसन को संबोधित करते हुए पत्र में आईसीसी की विश्वसनीयता और अखंडता को बचाने की अपील की थी।