विश्व हिंदू परिषद (वीचएपी) के गुजराती में छपे
पर्चे में यह बात कही गई है। इस पर्चे को गुजरात में बांटा जा रहा है, जिसमें मुस्लिम युवकों द्वारा हिंदू
लड़कियों को लुभाए जाने को लेकर चेतावनी दी गई है। नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में
यह दक्षिणपंथी संस्था गुजरात में सुस्त हो गई थी, जो अब फिर
से सक्रिय होकर अपना अजेंडा आगे बढ़ा रही है।
इस पर्चे में आरोप लगाया गया है कि मुस्लिम युवक अमीर और गरीब हिंदू लड़कियों को अपने बाइक दिखाकर लुभाते हैं और उन्हें अपनी दूसरी और तीसरी पत्नी बनाकर उन्हें वेश्वावृत्ति में धकेल देते हैं। इसमें कहा गया है, 'हिंदू लड़कियों को आकर्षित करने के लिए मुस्लिम गुंडों को करोड़ों रुपए उपलब्ध कराए जाते हैं।'
मुस्लिमों की धार्मिक संस्था जमात-ए-इस्लामी हिंद का कहना है कि इस तरह के घृणा फैलाने वाले अभियान पर सत्ताधारी पार्टी बीजेपी की चुप्पी चिंताजनक है। जमात-ए-इस्लामी की गुजरात इकाई के प्रेजिडेंट शकील अहमद ने बताया, 'यह आश्चर्यजनक है कि इस के पर्चे मीडिया तक पहुंचते हैं, लेकिन पुलिस को नहीं मिलते। मेरा सीधा सवाल है: सुरक्षा बल क्या कर रहे हैं और इस पर पुलिस ने खुद से कार्रवाई क्यों नहीं की?'
गुजरात के फाइनैंस मिनिस्टर और राज्य सरकार के प्रवक्ता नितिन पटेल और बीजेपी महासचिव विजय रूपानी ने वीएचपी के इस पर्चे के बारे में अनिभिज्ञता जाहिर की। पटेल ने बताया, 'मैंने न तो ऐसा कुछ सुना है और न ही देखा है।' गुजरात बीजेपी के अध्यक्ष आर. सी. फालदू ने इस मामले पर कुछ भी कहने से मना कर दिया। उनका कहना था कि चूंकि विश्व हिंदू परिषद ने यह पर्चा छपवाया है, लिहाजा इस पर वही टिप्पणी कर सकती है।
गुजरात विश्व हिंदू परिषद के प्रेजिडेंट दिलीप त्रिवेदी ने बताया कि संस्थान इस सिलसिले में लोगों को इसलिए जागरूक किया जा रहा है, क्योंकि ऐसे मामले संगठित तरीके से बढ़ रहे हैं। उन्होंने इकनॉमिक टाइम्स को बताया, 'अगर धर्मों से इतर विवाह की इक्का-दुक्का घटनाएं होतीं, तो इस पर प्रतिक्रिया नहीं दी जाती। पर्चे के अलावा हम बैठक कर लोगों को इस बारे में बता रहे हैं।'
विश्व हिंदू परिषद के पर्चे में आरोप लगाया गया है कि मुसलमान पुरुष हिंदू महिलाओं को लुभाने या रेप करने और उन्हें अपनी दूसरी, तीसरी और चौथी पत्नी बनाने को अपनी धार्मिक जिम्मेदारी समझते हैं। पर्चे में यह भी कहा गया है कि 1047 से अब तक मुस्लिम आबादी 10 गुना बढ़ गई है। हालांकि, वीएचपी के एक सीनियर प्रतिनिधि ने माना कि पर्चे में इस्तेमाल की भाषा जरूरत से ज्यादा आक्रामक है। उन्होंने नाम जाहिर नहीं किए जाने की शर्त पर बताया, 'ऐसा नहीं होना चाहिए था। यही बात कम आक्रामक लहजे में भी कही जा सकती है।'
इस पर्चे में आरोप लगाया गया है कि मुस्लिम युवक अमीर और गरीब हिंदू लड़कियों को अपने बाइक दिखाकर लुभाते हैं और उन्हें अपनी दूसरी और तीसरी पत्नी बनाकर उन्हें वेश्वावृत्ति में धकेल देते हैं। इसमें कहा गया है, 'हिंदू लड़कियों को आकर्षित करने के लिए मुस्लिम गुंडों को करोड़ों रुपए उपलब्ध कराए जाते हैं।'
मुस्लिमों की धार्मिक संस्था जमात-ए-इस्लामी हिंद का कहना है कि इस तरह के घृणा फैलाने वाले अभियान पर सत्ताधारी पार्टी बीजेपी की चुप्पी चिंताजनक है। जमात-ए-इस्लामी की गुजरात इकाई के प्रेजिडेंट शकील अहमद ने बताया, 'यह आश्चर्यजनक है कि इस के पर्चे मीडिया तक पहुंचते हैं, लेकिन पुलिस को नहीं मिलते। मेरा सीधा सवाल है: सुरक्षा बल क्या कर रहे हैं और इस पर पुलिस ने खुद से कार्रवाई क्यों नहीं की?'
गुजरात के फाइनैंस मिनिस्टर और राज्य सरकार के प्रवक्ता नितिन पटेल और बीजेपी महासचिव विजय रूपानी ने वीएचपी के इस पर्चे के बारे में अनिभिज्ञता जाहिर की। पटेल ने बताया, 'मैंने न तो ऐसा कुछ सुना है और न ही देखा है।' गुजरात बीजेपी के अध्यक्ष आर. सी. फालदू ने इस मामले पर कुछ भी कहने से मना कर दिया। उनका कहना था कि चूंकि विश्व हिंदू परिषद ने यह पर्चा छपवाया है, लिहाजा इस पर वही टिप्पणी कर सकती है।
गुजरात विश्व हिंदू परिषद के प्रेजिडेंट दिलीप त्रिवेदी ने बताया कि संस्थान इस सिलसिले में लोगों को इसलिए जागरूक किया जा रहा है, क्योंकि ऐसे मामले संगठित तरीके से बढ़ रहे हैं। उन्होंने इकनॉमिक टाइम्स को बताया, 'अगर धर्मों से इतर विवाह की इक्का-दुक्का घटनाएं होतीं, तो इस पर प्रतिक्रिया नहीं दी जाती। पर्चे के अलावा हम बैठक कर लोगों को इस बारे में बता रहे हैं।'
विश्व हिंदू परिषद के पर्चे में आरोप लगाया गया है कि मुसलमान पुरुष हिंदू महिलाओं को लुभाने या रेप करने और उन्हें अपनी दूसरी, तीसरी और चौथी पत्नी बनाने को अपनी धार्मिक जिम्मेदारी समझते हैं। पर्चे में यह भी कहा गया है कि 1047 से अब तक मुस्लिम आबादी 10 गुना बढ़ गई है। हालांकि, वीएचपी के एक सीनियर प्रतिनिधि ने माना कि पर्चे में इस्तेमाल की भाषा जरूरत से ज्यादा आक्रामक है। उन्होंने नाम जाहिर नहीं किए जाने की शर्त पर बताया, 'ऐसा नहीं होना चाहिए था। यही बात कम आक्रामक लहजे में भी कही जा सकती है।'
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