कहते हैं,
प्रेम की कोई सीमा और बंधन नहीं होता है। इस पर जब प्रेम एकतरफा हो,
तो वह हवा की तरह किस ओर अपना रुख मोड़ ले, कोई
नहीं बता सकता। एक ऐसी ही प्रेम कहानी है एक शादीशुदा जज की। इस प्रेमी ने कॉलेज
में साथ पढ़ने वाली युवती को लगभग छह महीने के भीतर 20 हजार
कॉल किए और साढ़े 4 हजार एसएमएस भेजे। कोई रिस्पॉंस नहीं
मिला तो एक दिन युवती के घर तक पहुंच गये। सूरत के उमरा पुलिस स्टेशन में केस दर्ज
किया गया है।
वडोदरा में फर्स्ट क्लास जुडिशल मैजिस्ट्रेट नीलेश चौहाण और अनीता (नाम परिवर्तित) कॉलेज में साथ पढ़ते थे। नीलेश कॉलेज के दिनों से ही अनीता को चाहते थे, लेकिन बात आगे नहीं बढ़ पाई। पढ़ाई पूरी होने के बाद दोनों अलग हो गए। लेकिन नीलेश अपनी चाहत दबा नहीं पाए। इस बीच उनकी शादी भी हो गई। एक दिन नीलेश को पता चला कि अनीता सूरत में है। उन्होंने किसी तरह उसका सेलफोन नंबर पता कर लिया। उसके बाद रोजाना फोन करना शुरू किया। रात-दिन जब मौका मिलता फोन करते, कभी एसएमएस भेजते। नीलेश के इस व्यवहार से उनके परिवार वाले भी परेशान थे। पति की हरकत का पता चलने पर पत्नी ने आत्महत्या करने की भी कोशिश की। इसके बाद भी वह अपनी हरकत से बाज नहीं आए।
20 नवंबर को अनीता अपने घर के बाहर थी। उसे देखकर आरोपी उसके घर तक पहुंच गया और वह अनीता को साथ ले जाने पर अड़ गया। किसी तरह आसपास के लोगों ने समझाया। इस घटना से परेशान युवती काफी घबरा गई। उसने उमरा पुलिस स्टेशन में केस दर्ज करा दिया। आरोपी ने सूरत कोर्ट में एफिडेविट जमा कर माफी मांग ली और अग्रिम जमानत ले ली। पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए, जमानत कैंसल करने के लिए गुजरात हाई कोर्ट में अर्जी लगाई। हाई कोर्ट ने सूरत कोर्ट के आदेश को कायम रखने का ऑर्डर जारी किया।
मामले की जांच करने वाले उमरा थाने के पीआई एस. जी. राणा ने बताया कि आरोपी औसतन 50 से 60 कॉल करता था। रात को भी कॉल कर परेशान करता था। शिकायत करने वाली युवती के फोन की जांच करने पर आरोपी के इतने कॉल्स और एसएमएस भेजे जाने का पता चला।
वडोदरा में फर्स्ट क्लास जुडिशल मैजिस्ट्रेट नीलेश चौहाण और अनीता (नाम परिवर्तित) कॉलेज में साथ पढ़ते थे। नीलेश कॉलेज के दिनों से ही अनीता को चाहते थे, लेकिन बात आगे नहीं बढ़ पाई। पढ़ाई पूरी होने के बाद दोनों अलग हो गए। लेकिन नीलेश अपनी चाहत दबा नहीं पाए। इस बीच उनकी शादी भी हो गई। एक दिन नीलेश को पता चला कि अनीता सूरत में है। उन्होंने किसी तरह उसका सेलफोन नंबर पता कर लिया। उसके बाद रोजाना फोन करना शुरू किया। रात-दिन जब मौका मिलता फोन करते, कभी एसएमएस भेजते। नीलेश के इस व्यवहार से उनके परिवार वाले भी परेशान थे। पति की हरकत का पता चलने पर पत्नी ने आत्महत्या करने की भी कोशिश की। इसके बाद भी वह अपनी हरकत से बाज नहीं आए।
20 नवंबर को अनीता अपने घर के बाहर थी। उसे देखकर आरोपी उसके घर तक पहुंच गया और वह अनीता को साथ ले जाने पर अड़ गया। किसी तरह आसपास के लोगों ने समझाया। इस घटना से परेशान युवती काफी घबरा गई। उसने उमरा पुलिस स्टेशन में केस दर्ज करा दिया। आरोपी ने सूरत कोर्ट में एफिडेविट जमा कर माफी मांग ली और अग्रिम जमानत ले ली। पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए, जमानत कैंसल करने के लिए गुजरात हाई कोर्ट में अर्जी लगाई। हाई कोर्ट ने सूरत कोर्ट के आदेश को कायम रखने का ऑर्डर जारी किया।
मामले की जांच करने वाले उमरा थाने के पीआई एस. जी. राणा ने बताया कि आरोपी औसतन 50 से 60 कॉल करता था। रात को भी कॉल कर परेशान करता था। शिकायत करने वाली युवती के फोन की जांच करने पर आरोपी के इतने कॉल्स और एसएमएस भेजे जाने का पता चला।
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