Friday, September 5, 2014

चीनी राष्ट्रपति ने भी सुरक्षा कारणों से पाकिस्तान दौरा रद्द करने का फैसला किया।

चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग अब पाकिस्तान नहीं जाएंगे। श्रीलंका के राष्ट्रपति महिंद्रा राजपक्षे के बाद चीनी राष्ट्रपति ने भी सुरक्षा कारणों से पाकिस्तान दौरा रद्द करने का फैसला किया। वह सितंबर के मध्य में पाक दौरे पर जानेवाले थे। इस फैसले से चीन ने सदाबहार साथी रहे पाकिस्तान को सीधा संदेश दिया है कि बड़े आयोजनों से पहले वह ऐसे राजनीतिक उठापटक से निबट ले।
यह भारत के लिए बेहद अच्छी खबर है। भारत ने चीनी राष्ट्रपति या प्रधानमंत्री दोनों देशों का दौरा एक साथ किए जाने का लगातार विरोध किया है। यह बात किसी से छिपी नहीं है कि चीन और पाकिस्तान के बीच परमाणु संधि और पाक अधिकृत कश्मीर में चीन द्वारा बुनियादी संरचनाओं से जुड़ी परियोजनाओं को बढ़ावा देने का भारत जबर्दस्त विरोध करता रहा है। दोनों देशों (चीन-पाकिस्तान) के बीच सामरिक साझेदारी भी भारत की दुखती रग बनी रही है।

शी का यह पाकिस्तान दौरा इस लिहाज से काफी महत्वपूर्ण था कि इस दौरान दोनों देशों के बीच आर्थिक और सामरिक क्षेत्र से जुड़े कई समझौते होने के अनुमान लगाए जा रहे थे। चीनी राष्ट्रपति को लाहौर-कराची मोटर वे सेक्शन का शिलान्यास करने और बिजली परियोजनाओं की शुरुआत करने के साथ पाक-चीन के बीच प्रस्तावित रेल लिंक को भी अंतिम रूप देना था। दोनों देश चीनी कम्पनियों द्वारा चीन के शिनजियांग और पाकिस्तान के ग्वादर बंदरगाह के बीच आर्थिक गलियारा बनाए जाने की योजना को भी अंतिम रूप देने में लगे हैं।
चीन ने अगले सात सालों में आधारभूत संरचनाओं के निर्माण और बिजली से जुड़ी कई पाकिस्तानी परियोजनाओं में 32 अरब डॉलर के निवेश किए जाने की घोषणा थी। सितंबर में शी का भारत दौरे के बाद पाकिस्तान और फिर श्रीलंका जाने की योजना थी। 14 से 17 सितम्बर के बीच राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी के वियतनाम दौरे को देखते हुए शी के कार्यक्रम में बदलाव किया गया था, जिसके मुताबिक वो पहले पाकिस्तान जाते। फिर श्रीलंका का दौरा करने के बाद उनका भारत आगमन का कार्यक्रम था। राष्ट्रपति बनने के बाद शी भारतीय उप महाद्वीप की पहली यात्रा पर आएंगे। 17 से 19 सितम्बर के बीच भारत दौरे पर वह देश की आधारभूत संरचनाओं में भारी मदद की घोषणा कर सकते हैं।
पूर्व उच्चायुक्त जी पार्थसारथी ने कहा, 'पाकिस्तान दौरे को रद्द करने के पीछे चीनी राष्ट्रपति की सुरक्षा की चिंता मुख्य वजह होगी। इस फैसले ने पाकिस्तान को काफी कड़ा संदेश दिया है कि वह सुरक्षा संबंधी मुश्किलों से निबटने के लिए अपनी संरचनाओं को मजबूत करने के साथ-साथ उग्रवादी ताकतों को भी नियंत्रित करे।'
विरोध प्रदर्शनों को देखते हुए शी की सुरक्षा टीम बुधवार को इस्लामाबाद में थी, जो वहां के मौजूदा हालातों के बीच किए गए सुरक्षा इंतजामों से संतुष्ट नहीं थी। शी को इस्लामाबाद के बदले लाहौर आने की सलाह दी गई, लेकिन उनके सुरक्षा दल ने इसकी भी अनुमति नहीं दी।
पिछले महीने श्रीलंका के राष्ट्रपति महिंद्र राजपक्षे ने भी पाकिस्तान के राजनीतिक हालात को देखते हुए वहां का दौरा रद्द कर दिया था। इसे पाकिस्तानी सरकार के लिए बड़ी चिंता के सबब के रूप में देखा गया।

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