गुजरात में47
साल का एक मुस्लिम कसाई और उसका परिवार सांप्रदायिक सौहार्द्र की
मिसाल देते हुए अपने घर में गणेश उत्सव मना रहा है। इस परिवार का कहना है कि गणपति
ने उन्हें खुशहाली और समृद्धि दी है।
गुजरात के गोधरा से करीब 60 किलोमीटर दूर पंचमहल जिले में अपने शिवराजपुर गांव में अनीश कुरैशी, उनकी पत्नी और तीन बच्चे पिछले पांच साल से गणेश उत्सव मना रहे हैं। इस बार भी उन्होंने अपने घर में भगवान गणेश की मूर्ति स्थापित की है।
अनीश ने बताया, 'मैंने अपने घर में भगवान गणेश की मूर्ति स्थापित की है। गणेश चतुर्थी से शुरू होने वाले 10 दिन के उत्सव के दौरान हम आरती और पूजा करते हैं।' उन्होंने बताया कि पूरे परिवार की भगवान गणेश में बहुत श्रद्धा है और पिछले कई साल से वे उनकी पूजा कर रहे हैं।
उन्होंने बताया कि पांच साल पहले उन्होंने भगवान गणेश की मूर्ति अपने घर लाने का फैसला किया था। इसने उनके परिवार में खुशहाली और समृद्धि लाई और भगवान में उनकी आस्था मजबूत की। अनीश की 15 साल की बेटी रूखसाना ने बताया, 'भगवान गणेश की पूजा शुरू करने के बाद हमारा खुद का घर हो गया। इससे पहले हम किराएदार के तौर पर रहते थे।'
शिवराजपुर गांव के सरपंच कानूभाई सोनी ने बताया, 'अनीश ने भाईचारे और सांप्रदायिक सौहार्द्र का एक अनोखा उदाहरण पेश किया है। गांव के हिंदू लोग आरती और पूजा के वक्त दर्शन के लिए कुरैशी के घर जाते हैं।' उन्होंने बताया कि मूर्ति विसर्जन में कुरैशी के साथ 5 हजार की आबादी वाला लगभग समूचा गांव भाग लेता है।
गुजरात के गोधरा से करीब 60 किलोमीटर दूर पंचमहल जिले में अपने शिवराजपुर गांव में अनीश कुरैशी, उनकी पत्नी और तीन बच्चे पिछले पांच साल से गणेश उत्सव मना रहे हैं। इस बार भी उन्होंने अपने घर में भगवान गणेश की मूर्ति स्थापित की है।
अनीश ने बताया, 'मैंने अपने घर में भगवान गणेश की मूर्ति स्थापित की है। गणेश चतुर्थी से शुरू होने वाले 10 दिन के उत्सव के दौरान हम आरती और पूजा करते हैं।' उन्होंने बताया कि पूरे परिवार की भगवान गणेश में बहुत श्रद्धा है और पिछले कई साल से वे उनकी पूजा कर रहे हैं।
उन्होंने बताया कि पांच साल पहले उन्होंने भगवान गणेश की मूर्ति अपने घर लाने का फैसला किया था। इसने उनके परिवार में खुशहाली और समृद्धि लाई और भगवान में उनकी आस्था मजबूत की। अनीश की 15 साल की बेटी रूखसाना ने बताया, 'भगवान गणेश की पूजा शुरू करने के बाद हमारा खुद का घर हो गया। इससे पहले हम किराएदार के तौर पर रहते थे।'
शिवराजपुर गांव के सरपंच कानूभाई सोनी ने बताया, 'अनीश ने भाईचारे और सांप्रदायिक सौहार्द्र का एक अनोखा उदाहरण पेश किया है। गांव के हिंदू लोग आरती और पूजा के वक्त दर्शन के लिए कुरैशी के घर जाते हैं।' उन्होंने बताया कि मूर्ति विसर्जन में कुरैशी के साथ 5 हजार की आबादी वाला लगभग समूचा गांव भाग लेता है।
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