Friday, April 4, 2014

कांग्रेस धारणा के स्तर पर लड़ाई हार गई

केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश ने माना है कि कांग्रेस धारणा के स्तर पर लड़ाई हार गई है क्योंकि शीर्ष नेतृत्व ने लोगों से संवाद कायम नहीं किया। उन्होंने स्वीकार किया कि सत्ता में 10 साल रहने के बाद कांग्रेस सत्ता विरोधी लहर का सामना कर रही है। रमेश ने कहा कि यह चुनावी मुहिम चुनौतीपूर्ण है लेकिन पार्टी तीन अंकों की सम्मानजनक संख्या में मत हासिल करेगी।
रमेश ने कहा, 'अतिसक्रिय न्यायपालिका, कैग जैसे बेहद सक्रिय संवैधानिक अधिकारी, आक्रामक मीडिया और गैर जिम्मेदार सिविल सोसायटी मिल गए हैं। हमारी प्रतिक्रिया भी धीमी थी। हमने अपनी बात प्रभावशाली तरीके से नहीं पहुंचाई। हमारे शीर्ष नेतृत्व ने संवाद कायम नहीं किया। राजनीति संवाद पर आधारित है। इसलिए हम धारणा के स्तर पर लड़ाई हार गए और हमने उन्हें पर्याप्त रूप से गंभीरता से नहीं लिया।'
रमेश से पूछा गया था कि यूपीए सरकार के पिछले दो वर्षों में ऐसा क्या गलत हुआ जिसने भ्रष्टाचार में लिप्त और अनिर्णायक सरकार की धारणा पैदा की।
उन्होंने कहा कि बीजेपी की मुहिम व्यक्ति पर केंद्रित है। केंद्रीय मंत्री ने कहा, 'मीडिया में व्यक्ति केंद्रित मुहिम अधिक समाचार बनाती है। इसलिए मोदी जो कुछ भी करते हैं, वह जो कुछ भी कहते हैं, मीडिया उसके पीछे जाता है। एक कुत्ते का आदमी को काटना कोई खबर नहीं है। आदमी का कुत्ते को काटना मुख्य समाचार बन जाता है।'
हालांकि जयराम रमेश ने चुनाव पूर्व सर्वेक्षण के अनुमानों को नरेंद्र मोदी के सुनहरे सपने करार दिया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस चुनाव सर्वेक्षणों को लेकर बेफिक्र है, जिन्होंने हमेशा बीजेपी के प्रदर्शन को वास्तविकता से अधिक आंका है, भले ही वह 2004 के चुनाव हों या 2009 के।
रमेश ने कहा कि योगेंद्र यादव जो कि बहुत गहन और गंभीर चुनाव विश्लेषण करते हैं, उन्होंने एक बार कहा था कि चुनाव पूर्व सर्वेक्षण सही नहीं रहे हैं और उन्होंने हमेशा बीजेपी को वास्तविकता से अधिक आंका है।
कांग्रेस को एक कछुआ बताते हुए जयराम रमेश ने कहा कि पार्टी विपक्ष में बैठने के लिए नहीं बल्कि जीतने के चुनाव लड़ रही है। रमेश ने कहा, 'कांग्रेस खरगोश और कछुए की कहानी के कछुए की तरह है। अंतत: जीत कछुए की होती है।'

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