Tuesday, April 29, 2014

रॉबर्ट वाड्रा अचानक सबसे बड़े इशू

भारतीय लोकतंत्र के मौजूदा महापर्व के दौरान एकाएक सभी मुद्दे गौण हो गए हैं और रॉबर्ट वाड्रा अचानक सबसे बड़े इशू बनते दिख रहे हैं। गांधी परिवार के दामाद और प्रियंका के पति रॉबर्ट पर जमीन घोटाले का आरोप लगाकर बीजेपी बेहद आक्रामक हो गई है। कांग्रेस निजी मामलों में दखल बताकर बीजेपी पर उल्टा प्रहार कर रही है, लेकिन विवादों के केंद्र में रहने वाले रॉबर्ट अप्रत्याशित रूप से खामोश और सीन से गायब हैं। वह मौजूदा भारतीय राजनीति में 'मिस्ट्री मैन' बनकर सामने आए है।
जब प्रियंका गांधी ने नरेंद्र मोदी पर तीखा हमला किया, तो उम्मीद थी कि बीजेपी पलटवार करेगी, लेकिन जिस तीखे अंदाज में 'दामादश्री' विडियो से बीजेपी ने उनके पति रॉबर्ट वाड्रा पर ताजा हमला किया, उससे सभी हैरान हो गए। दरअसल, पिछले हफ्ते ही वॉल स्ट्रीट जर्नल में छपी खबर के मुताबिक, वाड्रा ने 2007 में एक लाख रुपये के साथ अपने बिजनस की शुरुआत की, लेकिन 2012 में 72 करोड़ रुपये की प्रॉपर्टी बेचने के बाद उनके पास अभी भी 250 करोड़ की संपत्ति बची है। मतलब पांच सालों में उन्होंने 1 लाख रुपये से 322 करोड़ बनाए। तब भी बीजेपी ने ठंडी प्रतिक्रिया ही दी, लेकिन प्रियंका के चुनावी सीन में आने से पार्टी ने स्टैंड बदला। जब पिछले साल लगभग यही मामला अरविंद केजरीवाल ने उठाया था, जब भी बीजेपी ने वाड्रा के प्रति नरम रुख ही अपनाया था। संसद में इस मुद्दे पर कोई खास हंगामा भी नहीं हुआ था।

Friday, April 25, 2014

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ चिंता में

ऑपिनियन पोल्स के चलते राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ चिंता में पड़ गया है। उसकी चिंता यह है कि इन चुनाव सर्वेक्षणों में बीजेपी की शानदार जीत का जो अनुमान लगाया जा रहा है, उसके चलते पार्टी के समर्थक कुछ ज्यादा ही राहत महसूस कर सकते हैं और इससे मतदान के आगामी चरणों में दिक्कत हो सकती है। लिहाजा आरएसएस ने आने वाले दिनों में डोर टु डोर कैंपेन चलाने का फैसला किया है ताकि वोटर्स को उत्साहित किया जा सके। संघ पूर्वी और मध्य यूपी पर ज्यादा ध्यान देगा।
संघ को 2004 की याद आ रही है, जब अति उत्साहित होकर शाइनिंग इंडिया कैंपेन चलाने वाली बीजेपी आम चुनाव में हार गई थी। इसे देखते हुए संघ ने ज्यादा से ज्यादा वोटर्स तक पहुंचने का प्लान बनाया है। आरएसएस के एक सीनियर पदाधिकारी ने पहचान जाहिर न करने की शर्त पर बताया, 'बेंगलुरु में कम वोटिंग को देखते हुए इस कदम की जरूरत महसूस की गई। वहां उम्मीद थी कि लोग मोदी के फेवर में उमड़ पड़ेंगे।' बेंगलुरु में 50 पर्सेंट वोट ही पड़े, जबकि कर्नाटक के शेष हिस्सों में औसतन 67 पर्सेंट मतदान हुआ। संघ डर जता रहा है कि इंटरनेट पर दिखने वाला समर्थन वोटिंग में नहीं बदल सका।
आरएसएस के एक सूत्र ने कहा, 'ऐसा ही दिल्ली विधानसभा चुनाव में हुआ था, जब आम आदमी पार्टी ने डोर टु डोर कैंपेन में हमें पीट दिया था।' इसी साल बेंगलुरु में हुई अपनी प्रतिनिधि सभा में संघ ने बीजेपी प्रेजिडेंट राजनाथ सिंह और बीजेपी के संगठन मंत्री राम लाल की मौजूदगी में इस बात पर चर्चा की थी कि वोटर्स के संतुष्ट होकर घर में बैठे रहने और टेक्नॉलजी पर जरूरत से ज्यादा भरोसा करने के क्या खतरे हो सकते हैं।
सूत्र ने बताया, 'यह बात बिल्कुल साफ की गई थी कि हमें टेक्नॉलजी पर ज्यादा भरोसा नहीं करना है।' सेंट्रल और ईस्टर्न यूपी में संघ के स्वयंसेवक डोर टु डोर कैंपेन करेंगे। फैजाबाद में जिला बीजेपी के पदाधिकारी दिवाकर सिंह इससे जुड़ी योजना बना रहे हैं। उन्होंने कहा, 'हर बूथ पर संघ के कम से कम दो लोग होंगे।' उन्होंने कहा कि हर जिले के लिए स्वयंसेवकों को जिम्मेदारी पहले ही दे दी गई है।

संघ के प्रवक्ता राम माधव से ईटी ने संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने जवाब नहीं दिया। संघ के सीनियर लीडर्स की ओर से तय प्लान के अनुसार, हर लोकसभा क्षेत्र को समुदाय, लिंग और उम्र के हिसाब से बांटा गया है और इसका जिम्मा स्वयंसेवकों को दिया गया है। संघ के सूत्र ने बताया, 'हर स्वंयसेवक विभाग प्रचारक को रिपोर्ट देगा, जो इसके संघ के सह-कार्यवाह और नॉर्थ जोन के इंचार्ज कृष्ण गोपाल के पास भेजेंगे।' उन्होंने कहा, '2009 के चुनाव में ईस्टर्न यूपी की 27 सीटों में से 4 ही बीजेपी को मिली थीं। इसे देखते हुए इस बार ज्यादा ताकत झोंकी जाएगी।'

Wednesday, April 23, 2014

शाजिया इल्मी के कॉमेंट बहुत बचकाने

मुसलमानों को सांप्रदायिकता का पाठ पढ़ाने वाले विडियो पर आम आदमी पार्टी (आप) की नेता शाजिया इल्मी चौतरफा घिर गई हैं। आम आदमी पार्टी भी शाजिया के बयान से नाराज बताई जा रही है और उसने इससे पल्ला झाड़ लिया है। वहीं कांग्रेस और बीजेपी ने शाजिया पर तीखे हमले किए हैं। कांग्रेस ने तो शाजिया को दूसरा तोगड़िया करार दिया है।
बीजेपी करेगी चुनाव आयोग से शिकायतः उधर, बीजेपी ने शाजिया के खिलाफ चुनाव आयोग से शिकायत की तैयारी कर ली है। बीजेपी ने शाजिया के बयान को देश को तोड़ने वाला करार दिया है। बीजेपी नेता नलिन कोहली ने कहा है कि शाजिया के इस बयान से आम आदमी पार्टी की सोच स्पष्ट रूप से सामने आ गई है।
कांग्रेस ने इल्मी को बताया तोगड़िया जैसाः कांग्रेस ने शाजिया इल्मी की तुलना विश्व हिंदू परिषद के नेता प्रवीण तोगड़िया से की है, जिन्हें एक विडियो में मुसलमानों के खिलाफ बयान देते दिखाया गया था। कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, 'शाजिया इल्मी ने पहले भी गृह मंत्री जैसे वरिष्ठ व्यक्ति का मजाक उड़ाया है। केजरीवाल की पार्टी 'आप' का संविधान, कानून, राजनीतिक प्रक्रिया और राजनीति के प्रति बहुत कम सम्मान है। इसलिए हम उनसे यह उम्मीद करते हैं कि मीडिया में रहने के लिए वे ऐसे ही सनसनी फैलाने वाली चीजें कहेंगे।'
कांग्रेस प्रवक्ता मीम अफजल ने कहा, 'शाजिया इल्मी के कॉमेंट बहुत बचकाने हैं। मैं आश्चर्यचकित हूं कि एक सेक्युलर फैमिली से संबंध रखने वाला कोई इंसान ऐसा कैसे कह सकता है।' मुस्लिम धर्मगुरु मौलाना खालिद रशीद ने भी शाजिया के बयान की आलोचना की है। उन्होंने कहा कि मुस्लिमों ने हमेशा सेकुलर नेता का चुनाव किया है।
भाई भी शाजिया से नाराजः कांग्रेस और बीजेपी के अलावा शाजिया के भाई और उनके राजनीतिक विरोधी एजाज इल्मी ने भी उन पर हमले किए। उन्होंने कहा कि हम सेक्युलर देश हैं और हमेशा रहेंगे। उन्होंने शाजिया के कम्यूनल तरीके से वोट करने की अपील की भर्त्सना की।
पार्टी ने बयान से किया किनाराः आम आदमी पार्टी ने भी शाजिया के बयान की आलोचना की है। पार्टी के वरिष्ठ नेता मनीष सिसोदिया ने कहा कि वह शाजिया के बयान का समर्थन नहीं करते हैं। उन्होंने कहा कि शाजिया का यह बयान गलत है। उन्‍हें ऐसा बयान नहीं देना चाहिए। 'आप' ने शाजिया के बयान से किनारा करते हुए कहा है कि शाजिया सही शब्दों का इस्तेमाल करें।
खुद को चौतरफा घिरते देख कर शाजिया ने अपने बयान पर सफाई दी। उन्होंने कहा कि उनका मतलब सांप्रदायिकता से नहीं था, बल्कि उन्होंने कहा था कि किसी का सियासी गुलाम बनने की जरूरत नहीं। शाजिया ने कहा, 'मेरा कहना था कि मुसलमान कब तक डर कर रहेंगे कि आरएसएस आ जाएगा, मोदी आ जाएंगे। आप खुलकर वोट करें।' उन्होंने कहा कि मुस्लिमों के वोट बंट जाते हैं क्योंकि वे बहुत अधिक धर्मनिरपेक्ष बन जाते हैं। उन्हें साम्प्रदायिक बनना चाहिए और अपना हित ध्यान में रखते हुए मतदान करना चाहिए।
गौरतलब है कि मंगलवार को आप नेता शाजिया इल्मी का एक विडियो सामने आया था, जिसमें वह मुस्लिम नेताओं से कह रही हैं कि मुस्लिमों को इतना सेक्युलर नहीं होना चाहिए। गाजियाबाद से आप कैंडिडेट शाजिया ने मुसलमानों को सलाह दे डाली कि मुस्लिम ज्यादा सेकुलर न बनें।

Monday, April 21, 2014

अधिक से अधिक हिन्दू वोटरों को बूथों तक पहुंचाने की मुहिम तेज कर दी

आम चुनाव के लिए करीब-करीब आधी वोटिंग होने के साथ ही वोटों के ध्रुवीकरण की कोशिश तेज हो गई है। शुरुआती पांच चरणों में बीजेपी के खिलाफ अल्पसंख्यकों मतदाताओं के ध्रुवीकरण की रिपोर्ट के बाद राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने भी अधिक से अधिक हिन्दू वोटरों को बूथों तक पहुंचाने की मुहिम तेज कर दी है।
इसके लिए संघ प्रत्यक्ष रूप से सामने न आकर अपने स्वयंसेवकों के जरिए अभियान चला रहा है। बीजेपी शासित मध्य प्रदेश में पैम्फ्लेट बांटे जा रहे हैं, जिसमें बहुसंख्यकों से समझदारी से 100% मतदान करने की अपील की गई है। हालांकि, इसमें यह नहीं लिखा गया है कि किस पार्टी को वोट दें। मोदी विरोधियों के पाकिस्तान परस्त होने के गिरिराज सिंह के बयान को भी इसी रणनीति से जोड़कर देखा जा रहा है।
मतदाता जागरण मंच, भोपाल की ओर से मध्य प्रदेश में 'भारत विजय अभियान, सक्षम नेतृत्व के लिए मतदान' के नाम से बांटे जा रहे पर्चे में कहा गया है, 'हमें तय करना है कि इतिहास बनाना है या इतिहास बनना है। इसकी पूरी संभावना है कि अगर हम भारत के बहुसंख्य लोग समझदारी से 100 प्रतिशत मतदान नहीं करेंगे तो जल्द ही इतिहास बन जाएंगे

Thursday, April 17, 2014

दोषी हूं तो चौराहे पर फांसी दो, पर माफी नहीं मांगूंगा: मोदी

बीजेपी के पीएम कैंडिडेट नरेंद्र मोदी ने कहा है कि 2014 आम चुनाव का नतीजा 2002 के गुजरात दंगों पर लोगों का फैसला होगा। एएनआई को दिए गए इंटरव्यू में मोदी ने कहा कि यह आरोप गलत है कि वह दंगों पर बोलने से बचते रहे। मोदी ने कहा कि कुछ लोगों ने उन्हें इस मामले से जोड़ने की साजिश रची है।
मोदी ने कहा, 'मैं चुप नहीं था। मैंने 2002-2007 के दौरान देश के बड़े पत्रकारों के सवालों के जवाब दिए। हालांकि, मैंने पाया कि किसी ने भी सच को समझने की कोशिश नहीं की।' गुजरात में 2002 में हुए दंगों के वक्त मोदी राज्य के मुख्यमंत्री थे। इस मामले पर लगातार उन्हें घेरा जाता रहा है। मोदी ने कहा, 'मुझे जो कहना था वह मैंने कह दिया। अब मैं जनता की अदालत में हूं और उनके फैसले का इंतजार कर रहा हूं।' 2002 के दंगों के बारे में और पूछे जाने पर मोदी ने यह बात कही।

मोदी के करीबी बीजेपी नेताओं का मानना है कि अगर उन्हें प्रधानमंत्री बनने का जनादेश मिलता है, तो गुजरात दंगों का मामला दब जाएगा। इससे अंतरराष्ट्रीय फोरम पर भी उनकी स्वीकार्यता बढ़ जाएगी। मिसाल के तौर पर दंगों की वजह से अमेरिका ने उन्हें वीजा देने से मना कर रखा है।
इस इंटरव्यू में मोदी ने कहा कि वह लोकतंत्र के प्रति प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने मीडिया के बारे में कहा, 'अगर मीडिया ने मोदी की छवि खराब करने के लिए काम नहीं किया होता, तो आज मोदी के बारे में कौन जानता?' अरविंद केजरीवाल की इस टिप्पणी के बारे में पूछे जाने पर कि अगर मोदी अगले प्रधानमंत्री बन गए, तो अखबारों के संपादक देश छोड़कर भाग जाएंगे, गुजरात के मुख्यमंत्री ने कहा, 'पिछले 14 साल से हम गुजरात में सरकार चला रहे हैं। मैं आपसे पूछता हूं, क्या किसी संपादक या रिपोर्टर ने ऐसा किया है।'
सुप्रीम कोर्ट की तरफ से बनाई गई एसआईटी ने मोदी को 2002 दंगों से जुड़े 9 मामलों से बरी कर दिया था। मोदी ने कहा कि कांग्रेस की अगुआई वाले यूपीए गठबंधन को इस बार सबसे बुरी हार का सामना करना पड़ेगा, जबकि बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए को रेकॉर्ड सीटें हासिल होंगी। 

Wednesday, April 9, 2014

जिला निर्वाचन अधिकारी के सामने अपना नामांकन दाखिल किया- नरेंद्र मोदी

बीजेपी के पीएम कैंडिडेट नरेंद्र मोदी के वडोदरा लोकसभा सीट से पर्चा भरने के मौके पर शहर भगवामय हो गया। कीर्ति स्तंभ से रोड शो के साथ मोदी क्लेक्ट्रेट पहुंचे और करीब 11.30 बजे जिला निर्वाचन अधिकारी के सामने अपना नामांकन दाखिल किया। बड़ौदा के पूर्व राजघराने की राजमाता शुभांगिनी गायकवाड़, नीलाबेन देसाई, भूपेंद्र पटेल और किरण मीहड़ा (चायवाला) ने प्रस्तावक के रूप में मोदी के नामांकन पत्र पर साइन किया।
पर्चा दाखिल करने के बाद मोदी ने भव्य स्वागत के लिए वडोदरा के लोगों का धन्यवाद ज्ञापन किया। उन्होंने कहा कि वडोदरा मेरी कर्मभूमि रही है, मेरा सौभाग्य है कि मेरी पार्टी ने मुझे फिर यहां के लिए चुना है।
इससे पहले चाक-चौबंद सुरक्षा और समर्थकों के हुजूम के बीच खुली जीप में सवार होकर मोदी का रोड शो कीर्ति स्तंभ से निकलने के बाद यह खांडेराव मार्केट, न्याय मंदिर, टावर रोड और रावपुरा होते हुए क्लेक्ट्रेट पहुंचा। इस दौरान कई जगहों पर उनका नगरवासियों और बीजेपी के कार्यकर्ताओं ने उनका स्वागत किया।
मोदी का रोड शो जिन रास्तों से गुजर रहा उन रास्तों पर पार्टी कार्यकर्ताओं और समर्थकों की जबर्दस्त भीड़ दिखी। मोदी के पर्चा भरने को लेकर जहां बीजेपी कार्यकर्ताओं में जमकर उत्साह है, काफी संख्या में मुस्लिम समुदाय के भी लोग मोदी को समर्थन देने वडोदरा पहुंचे हैं।
शहर को भी सुरक्षा के लिहाज से किले के रूप में तब्दील किया गया था। वह कलेक्टर के ऑफिस में करीब आधे घंटे रुके। इस दौरान पूरे इलाके को नो एंट्री जोन घोषित कर दिया गया था। 1600 पुलिसवाले ड्यूटी पर लगाए गए थे। इनमें छह डीसीपी, 12 डीएसपी, 40 इंस्पेक्टर, 100 सब-इंस्पेक्टर और करीब 1200 कॉन्स्टेबल व 150 एसआरपी के जवान हैं। जिस-जिस जगह से मोदी का काफिला गुजरा उन इलाकों में पड़ने वाली दुकानों और मकानों का सर्वे पुलिस ने पहले ही कर लिया था।

Monday, April 7, 2014

ऐसा घोषणापत्र बनाया है, जिससे देश जंप ले सके

बीजेपी ने आखिरकार अपना चुनावी घोषणापत्र जारी कर ही दिया। दिलचस्प यह है कि जब पहले चरण का मतदान जारी है तब बीजेपी का घोषणापत्र आया। इस मौके पर बीजेपी के सारे सीनियर नेता मौजूद थे। कई बार पार्टी के फैसलों पर अपनी नाराजगी जता चुकीं सुषमा स्वराज भी मौजूद रहीं। घोषणापत्र कमिटी के अध्यक्ष बीजेपी के सीनियर नेता मुरली मनोहर जोशी ने कहा कि हमने देश को जहां छोड़ा था, उससे बहुत नीचे आ चुका है। इसलिए हमने ऐसा घोषणापत्र बनाया है, जिससे देश जंप ले सके।
बीजेपी ने अपने घोषणापत्र में राम मंदिर के साथ धारा 370 और समान नागरिक संहिता को भी शामिल किया है। पार्टी ने कहा है कि रोजगार के अवसर वाले सभी क्षेत्रों में एफडीआई का स्वागत किया जाएगा लेकिन रीटेल में एफडीआई की अनुमति नहीं दी जाएगी। भ्रष्टाचार रोकने के लिए ई-गवर्नेंस पर जोर दिया गया है। मैनिफेस्टो में पार्टी ने 100 नए शहर और हर राज्य में एम्स बनाने के साथ-साथ कश्मीरी पंडितों को हक दिलाने का वादा भी किया है।
जोशी ने कहा कि घोषणापत्र तैयार करने के दौरान देश दुनिया में एक लाख लोगों से सुझाव लिए गए। बीजेपी ने घोषणापत्र में महंगाई, रोजगार, भ्रष्टाचार, और नीतिगत फैसलों पर ज्यादा जोर दिया है। पार्टी ने अपने घोषणापत्र में में 'एक भारत श्रेष्ठ भारत का नारा' दिया है। इस मौके पर मुरली मनोहर जोशी ने कहा एक भारत श्रेष्ठ भारत का सपना पूरा करने के लिए बीजेपी नरेंद्र मोदी को आगे करती है। पार्टी की सबसे महत्वाकांक्षी योजना पूरे देश को बुलेट ट्रेन से जो़ड़ने की है। बीजेपी महंगाई रोकने के लिए खास फंड की व्यवस्था करेगी। चुनाव सुधार और न्यायिक सुधार में भी कदम उठाने की बात कही गई है।
बीजेपी ने कहा कि भारत शिक्षा के मामले में लगातार पीछे छूट रहा है। बीजेपी रिसर्च और वोकेशनल पढ़ाई पर खास जोर देगी। उच्च शिक्षा में व्यापक सुधार करेगी। देश की यूनिवर्सिटी में टीचर्स की व्यापक कमी को पार्टी सत्ता में आने के बाद दूर करेगी। सेकेंडरी स्कूल एजुकेशन को बीजेपी समीक्षा करेगी। यूजीसी को बीजेपी ने उच्च शिक्षा कमिशन में तब्दील करने की बात कही है। घोषणापत्र में नैशनल ई-लाइब्रेरी बनाने की बात कही गई है। ऑन लाइन कोर्सेज शुरू करने की भी योजना है। पढ़ाई को पूरी तरह से रोजगार के जोड़ने के लिए पार्टी खास रणनीति पर काम करेगी। स्किल डिवेलपमेंट पर भी कई योजनाओं को जमीन पर उतारने की बात कही गई है।
बीजेपी ने कहा नागरिकों की सेहत की सुरक्षा उसका मौलिक अधिकार है। पार्टी ने कहा कि सभी सरकारी हॉस्पिटल को दुरुस्त किया जाएगा। बीजेपी ने हर प्रदेश में एक एम्स बनाने का वादा किया। योग और आयुर्वेद को बढ़ावा देने के लिए बीजेपी कई मोर्चों पर काम करेगी। आयुर्वेद उत्पादों को भी बढ़ावा देने की बात कही गई है। बीजेपी जड़ी-बूटियों की मार्केटिंग पर खास जोर देगी। पार्टी हर घर में शौचालय बनाएगी। देश में हर व्यक्ति को पक्का घर देने का भी वादा किया गया है।
इकॉनमी को सुधारने के लिए इन्वेस्टमेंट पर खासा जोर देने की बात कही गई है। बीजेपी टैक्स सिस्टम में कई तरह के बदलाव करेगी। पार्टी ने देश को ब्रैंड इंडिया बनाने की बात कही। छोटे इंडस्ट्री को बढ़ाने के लिए पार्टी ने खास रणनीति पर काम किया है। मल्टि ब्रैंड रीटेल में एफडीआई पर बीजेपी ने आपत्ति जताई है। बैंकों में बढ़ रहे एनपीए पर भी बीजेपी ने खास पहल करने की बात कही है। मुरली मनोहर जोशी ने कहा कि रीटेल में एफडीआई पर राज्यों को फैसले लेने की आजादी होगी। श्रम, पूंजी और टेक्नॉलजी को मिलकर काम करने की बात कही गई है। इंडस्ट्री को हर हाल में चलाने की बात कही गई है। किसी भी विवाद की स्थिति में श्रमिकों को पहले भुगतान करने की बात कही गई है। कृषि में सिंचाई के नए साधनों को विकसित करने की बात है। ब्लैक मार्केटिंग रोकने के लिए पार्टी स्पेशल कोर्ट बनाएगी। बीजेपी ने पूरे देश को बुलेट ट्रेन से जोड़ने की बात कही है।
बीजेपी ने गांव-गांव तक इंटरनेट पहुंचाने की बात कही। देश भर में गैस ग्रिड की स्थापना की जाएगी। बीजेपी पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए नए ठिकानों की तलाश करेगी और पुराने ठिकानों को और लोकप्रिय बनाने की योजना है। गांव में पाइप लाइन के माध्यम से पेय जल पहुंचाने का वादा किया गया है। हर गांव में ऑप्टिकल फाइबर स्थापित करने का भी दावा किया गया है। लो कॉस्ट हाउसिंग प्रोग्राम के जरिए 2022 तक हर परिवार को पक्का मकान उपलब्ध कराने का वादा किया गया है। जनजातियों के विकास के लिए वन बंधु कल्याण योजना शुरू की जाएगी। जनजातियों के इलाकों में बिजली और पक्की सड़क पहुंचाने का वादा करने के साथ ही बीजेपी ने अपने घोषणापत्र में नैशनल सेंटर फॉर ट्राइूब्ल रिसर्च ऐंड कल्चर खोलने का वादा किया है।
स्वच्छ गंगा देश के आध्यात्मिक जीवन और स्वस्थ भारत के लिए जरूरी है। गंगा की शुद्धता, पवित्रता और निर्वाध प्रवाह सुनिश्चित की जाएगी। गाय और उसकी संतति की रक्षा के लिए कानूनी ढांचा बनाया जाएगा और राष्ट्रीय मवेशी विकास बोर्ड बनाया जाएगा। ज्ञान अधारित समाज बनाने के क्रम में भारतीय भाषाओं को बढ़ावा दिया जाएगा।
बीजेपी मदरसों का आधुनिकीकरण करने का प्रस्ताव रखेगी। जोशी ने कहा कि अल्पसंख्यकों को हर मोर्चे पर आगे बढ़ाया जाएगा। बीजेपी के घोषणापत्र में कहा गया है कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि अल्पसंख्यकों खासकर मुस्लिमों की बड़ी आबादी आज भी गरीबी में जीवन गुजार रही है। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि खासकर अल्पसंख्यकों की बच्चियों को शिक्षा और नौकरी में बिना किसी भेदभाव के अवसर उपलब्ध कराए जाएंगे। मदरसों के आधुनिकीकरण के लिए राष्ट्रीय मदरसा आधुनिकीकरण कार्यक्रम चलाया जाएगा। उर्दू को बढ़ावा दिया जाएगा।
इस मौके पर बीजेपी के प्रधानमंत्री कैंडिडेट नरेंद्र मोदी ने कहा कि घोषणापत्र महज कागजी दस्तावेज नहीं है बल्कि एक प्रतिबद्धता है। उन्होंने कहा कि सरकार वैसी होनी चाहिए जो वंचितों का साथ दे। वंचितों के लिए सरकार ही एकमात्र सहारा होती है, ऐसे में सरकार का आमजन से सरोकार होना चाहिए। दिल्ली में मजबूत सरकार हो ताकि दुनिया का कोई भी देश आंख नहीं दिखा सके। मोदी ने कहा कि दुनिया हमसे आंख मिलाने के लिए बेताब रहेगी न कि आंखे दिखाने के लिए। मोदी ने कहा कि हमारा मार्ग है, एक भारत, श्रेष्ठ भारत। मोदी ने कहा कि देश की जनता मुझे दायित्व देती है तो उनकी उम्मीदें बिखरने नहीं दूंगा। उन्होंने कहा कि मैं देश को भरोसा देता हूं, और उम्मीद है कि देश की जनता भी बीजेपी पर भरोसा जताएगी।
आडवाणी ने कहा कि 1952 के चुनाव से लेकर 2014 तक के चुनाव को देख रहा हूं। चुनाव और घोषणापत्र की तैयारी जबर्दस्त है। जनता हमें देश का संचालन करने की जिम्मेदारी देती है तो हम पांच साल में तस्वीर बदलने की कोशिश करेंगे। हम ऐसा काम करेंगे कि इस शताब्दी को भारत की शताब्दी बना सकें। आडवाणी ने कहा नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में जो चुनाव हो रहा है, उससे आनंद का अनुभव हो रहा है। आडवाणी ने मुरली मनोहर जोशी के नेतृत्व बने घोषणापत्र को अभूतपूर्व बताया।


बीजेपी के यूपी के चुनाव प्रभारी अमित शाह पर भी हमला

मुजफ्फरनगर में 'बदला' लेने के कथित बयान पर बीजेपी नेता नरेंद्र मोदी के करीबी अमित शाह की मुश्किलें बढ़ गई हैं। रविवार को उनके खिलाफ बिजनौर में एफआईआर दर्ज की गई। उधर, शाह के बयान पर दिल्ली स्थित मुख्य निर्वाचन आयोग सोमवार को विचार कर सकता है। यूपी के चुनाव अधिकारी मुजफ्फरनगर में शाह के कथित बयान की सीडी और जिला निर्वाचन अधिकारी की रिपोर्ट आयोग को पहले ही भेज चुका है। 
मुख्य चुनाव अधिकारी उमेश सिन्हा ने लखनऊ में बताया कि यूपी बीजेपी के इंचार्ज शाह के भाषण में कुछ आपत्तिजनक बातें होने की वजह से जिलाधिकारी की तरफ से मामला दर्ज कराया गया है। यह केस आईपीसी की धारा 153 (लोगों को भड़काना) और जनप्रतिनिधित्व कानून की धारा 125 (अलग-अलग वर्गों में दुश्मनी पैदा करने) के तहत दर्ज किया गया है। बीजेपी ने बिजनौर जिला प्रशासन की कार्रवाई की निंदा की है। पार्टी ने कहा कि एफआईआर दुर्भावनापूर्ण है और यूपी के चुनावी माहौल के सांप्रदायिक ध्रुवीकरण के लिए ऐसा किया जा रहा है। 

बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने रविवार को यहां हापुड़ रोड पर आयोजित रैली को संबोधित करते हुए अपना पूरा फोकस मुसलमानों पर रखा। मोदी का डर दिखाते हुए मुसलमानों को एकजुट होकर बीएसपी को वोट देने का आह्वान किया। मायावती ने बिन नाम लिए बीजेपी के यूपी के चुनाव प्रभारी अमित शाह पर भी हमला किया। केंद्र सरकार को मुस्लिम विरोधी बताते हुए कहा कि सिर्फ बीएसपी की सरकार सर्व समाज को साथ लेकर चलती है। एसपी सरकार को मायावती ने दबंगों और गुंडों की सरकार बताया। तय समय से करीब तीन घंटे देर से पहुंची मायावती ने कहा कि इस लोकसभा सीट पर तीन मुख्य उम्मीदवार मुस्लिम हैं। उन्होने कहा कि अगर वोट बंटे तो बीजेपी को फायदा हो जाएगा। उन्होंने कहा कि मेरे दलित भाई-बहन दूसरी पार्टी के मेनिफेस्टों में किए लुभावने झांसे में न आएं। उनकी पार्टी वादे कहने में नहीं काम करने में विश्वास करती है। मायावती ने लोगों से फिल्मी कलाकारों के आकर्षण से भी बचने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि फिल्मी कलाकार जीतने के बाद मुंबई चले जाते हैं। इसलिए आप सभी सोच समझकर ही अपना कीमती वोट दें

Friday, April 4, 2014

कांग्रेस धारणा के स्तर पर लड़ाई हार गई

केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश ने माना है कि कांग्रेस धारणा के स्तर पर लड़ाई हार गई है क्योंकि शीर्ष नेतृत्व ने लोगों से संवाद कायम नहीं किया। उन्होंने स्वीकार किया कि सत्ता में 10 साल रहने के बाद कांग्रेस सत्ता विरोधी लहर का सामना कर रही है। रमेश ने कहा कि यह चुनावी मुहिम चुनौतीपूर्ण है लेकिन पार्टी तीन अंकों की सम्मानजनक संख्या में मत हासिल करेगी।
रमेश ने कहा, 'अतिसक्रिय न्यायपालिका, कैग जैसे बेहद सक्रिय संवैधानिक अधिकारी, आक्रामक मीडिया और गैर जिम्मेदार सिविल सोसायटी मिल गए हैं। हमारी प्रतिक्रिया भी धीमी थी। हमने अपनी बात प्रभावशाली तरीके से नहीं पहुंचाई। हमारे शीर्ष नेतृत्व ने संवाद कायम नहीं किया। राजनीति संवाद पर आधारित है। इसलिए हम धारणा के स्तर पर लड़ाई हार गए और हमने उन्हें पर्याप्त रूप से गंभीरता से नहीं लिया।'
रमेश से पूछा गया था कि यूपीए सरकार के पिछले दो वर्षों में ऐसा क्या गलत हुआ जिसने भ्रष्टाचार में लिप्त और अनिर्णायक सरकार की धारणा पैदा की।
उन्होंने कहा कि बीजेपी की मुहिम व्यक्ति पर केंद्रित है। केंद्रीय मंत्री ने कहा, 'मीडिया में व्यक्ति केंद्रित मुहिम अधिक समाचार बनाती है। इसलिए मोदी जो कुछ भी करते हैं, वह जो कुछ भी कहते हैं, मीडिया उसके पीछे जाता है। एक कुत्ते का आदमी को काटना कोई खबर नहीं है। आदमी का कुत्ते को काटना मुख्य समाचार बन जाता है।'
हालांकि जयराम रमेश ने चुनाव पूर्व सर्वेक्षण के अनुमानों को नरेंद्र मोदी के सुनहरे सपने करार दिया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस चुनाव सर्वेक्षणों को लेकर बेफिक्र है, जिन्होंने हमेशा बीजेपी के प्रदर्शन को वास्तविकता से अधिक आंका है, भले ही वह 2004 के चुनाव हों या 2009 के।
रमेश ने कहा कि योगेंद्र यादव जो कि बहुत गहन और गंभीर चुनाव विश्लेषण करते हैं, उन्होंने एक बार कहा था कि चुनाव पूर्व सर्वेक्षण सही नहीं रहे हैं और उन्होंने हमेशा बीजेपी को वास्तविकता से अधिक आंका है।
कांग्रेस को एक कछुआ बताते हुए जयराम रमेश ने कहा कि पार्टी विपक्ष में बैठने के लिए नहीं बल्कि जीतने के चुनाव लड़ रही है। रमेश ने कहा, 'कांग्रेस खरगोश और कछुए की कहानी के कछुए की तरह है। अंतत: जीत कछुए की होती है।'

केजरीवाल पर दिल्ली में चुनाव प्रचार के दौरान एक शख्स ने थप्पड़

अरविंद केजरीवाल पर दिल्ली में चुनाव प्रचार के दौरान एक शख्स ने थप्पड़ जड़ दिया। 
जानकारी के मुताबिक केजरीवाल दिल्ली के दक्षिणपुरी इलाके में रोड शो कर रहे थे, तभी उन पर यह हमला हुआ। हमारे सहयोगी चैनल टाइम्स नाउ के मुताबिक हमलावर शख्स ने केजरीवाल को थप्पड़ मारा और दो घूंसे भी जड़े जो उनकी गर्दन पर लगे।
 
इस घटना के बाद केजरीवाल पर हमला करने वाले शख्स को आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने जमकर धुन दिया। इसके बाद उसे पुलिस के हवाले कर दिया गया। युवक की पहचान अभी नहीं हो पाई है। पुलिस उससे पूछताछ कर रही है। पुलिस के मुताबिक आम आदमी पार्टी की तरफ से अभी तक कोई शिकायत दर्ज नहीं करवाई गई है।
 
गौरतलब है कि भिवानी में भी केजरीवाल पर हमला किया गया था। हरियाणा के चरखी दादरी में एक अज्ञात शख्स ने केजरीवाल पर हमला करने की कोशिश की थी।

Wednesday, April 2, 2014

कांग्रेस के लिए साउथ इंडिया से कुछ राहत की खबर

चुनावी सर्वे के नतीजों से परेशान रहने वाली कांग्रेस के लिए साउथ इंडिया से कुछ राहत की खबर है। कर्नाटक में बीजेपी पर कांग्रेस भारी पड़ने वाली है। कांग्रेस विधानसभा चुनाव में मिली बढ़त को लोकसभा चुनाव में कायम रख सकती है। सीएनएन-आईबीएन-सीएसडीएस-लोकनीति-द वीक इलेक्शन ट्रैकर और चेन्नै मैथमेटिकल इंस्टिट्यूट के डायरेक्टर राजीव करंधिकर के सीट प्रोजेक्शन के मुताबिक लोकसभा चुनाव में कांग्रेस यहां 12 से 18 सीटों पर जीत हासिल कर सकती है। बीजेपी को 7-12 सीटें और जेडीएस को 1-4 सीटों पर कामयाबी मिल सकती है। इस सर्वे में एक दिलचस्प बात यह सामने आई है कि 28 लोकसभा सीटों वाले कर्नाटक में आम आदमी पार्टी खाता भी नहीं खोल पाएगी।
फरवरी के मुकाबले कर्नाटक में 4 पर्सेंट वोटों की बढ़त के साथ कांग्रेस को 46 पर्सेंट वोट मिलने का अनुमान है। फरवरी के मुकाबले बीजेपी को भी 4 पर्संट वोटों की बढ़त मिल रही है लेकिन उसे 36 पर्सेंट वोट पर ही संतोष करना पड़ सकता है। वहीं जेडीएस 6 पर्सेंट वोटों के नुकसान के साथ 12 पर्सेंट पर सिमट सकता है। आम आदमी पार्टी और अन्य पार्टियों 1 से 5 पर्सेंट वोट में सिमट सकती हैं।
मुख्यमंत्री सिद्धरमैया के चुनावी अभियान से दलितों, अल्पसंख्यकों और ओबीसी में कांग्रेस की लोकप्रियता बढ़ रही है। कांग्रेस को प्रदेश में इन्हीं समुदायों से भारी समर्थन मिल सकता है। वहीं बीजेपी को यहां अपर कास्ट और वर्चस्व वाली जातियों में समर्थन मिलता दिख रहा है। अपर कास्ट में 63 पर्सेंट लोगों ने बीजेपी को समर्थन देने की बात कही तो मात्र 28 पर्सेंट ही कांग्रेस के पक्ष में दिखे। लिंगायत समुदाय के 59 पर्सेंट लोगों ने बीजेपी पर भरोसा जताया। इस समुदाय से 28 पर्सेंट लोगों ने कांग्रेस को वोट देने की बात कही और महज 13 पर्सेंट लोगों ने जेडीएस पर भरोसा जताया।
ओबीसी में 53 पर्सेंट कांग्रेस के साथ, 30 पर्सेंट बीजेपी और 13 पर्सेंट जेडीएस के साथ जाने की बात कही। दलितों का बंपर भरोसा कांग्रेस के साथ बना हुआ है। 55 पर्सेंट दलितों ने कांग्रेस पर भरोसा जताया तो सिर्फ 19 पर्सेंट दलितों को ही बीजेपी से उम्मीद है। जेडीएस के साथ 9 पर्सेंट दलित जा सकते हैं। मुस्लिमों के बीच तो कांग्रेस का ही परचम लहराने की उम्मीद है। 87 पर्सेंट मुस्लिमों ने कांग्रेस पर खुलकर भरोसा जताया। 10 पर्सेंट मुस्लिम बीजेपी और 3 पर्सेंट जेडीएस के साथ जा सकते हैं। आदिवासियों ने भी कांग्रेस पर ही भरोसा जताया। 52 पर्सेंट आदिवासी कांग्रेस के पक्ष में जा सकते हैं जबिक बीजेपी के साथ भी 44 पर्सेंट आदिवासी आ सकते हैं।
कर्नाटक में वोटर्स लिंग के आधार पर भी बंटे हुए हैं। महिलाओं के बीच कांग्रेस बेहद लोकप्रिय है। 51 पर्सेंट महिलाओं ने कांग्रेस को पसंद बताया तो 33 पर्सेंट महिलाओं को बीजेपी ज्यादा ठीक लग रही है। वहीं पुरुषों के बीच भी कांग्रेस पहली पसंद है। 41 पर्सेंट पुरुषों ने कांग्रेस पर भरोसा जताया तो बीजेपी के साथ 39 पर्सेंट पुरुषों का भरोसा है।
सर्वे के मुताबिक 35 पर्सेंट वोटर येदयुरप्पा की BJP में वापसी के समर्थन में दिखे जबकि 54 पर्सेंट वोटर इसके खिलाफ नजर आए। यही सवाल जब BJP वोटरों से किया गया तो 50 पर्सेंट BJP वोटर ने इसका समर्थन किया जबकि 45 पर्सेंट BJP वोटरों इससे सहमत नहीं दिखे। बीएसआर कांग्रेस का BJP में विलय पर कुल 31 पर्सेंट वोटरों ने समर्थन किया जबकि 52 पर्सेंट वोटरों ने इसका विरोध किया।
कर्नाटक में 32 पर्सेंट लोगों की पसंद नरेंद्र मोदी, 27 पर्सेंट लोगों की पसंद राहुल गांधी, 8 पर्सेंट लोगों की पसंद सोनिया गांधी और 7 पर्सेंट लोगों की पसंद एचडी देवेगौड़ा हैं। तेलंगाना में राहुल गांधी और नरेंद्र मोदी पीएम पद के लिए बराबर की पसंद हैं। मोदी और राहुल तेलंगाना में 21 पर्सेंट लोगों की पसंद हैं। हालांकि, सीमांध्र में नरेंद्र मोदी राहुल गांधी से बहुत आगे हैं। सीमांध्र में 30 पर्सेंट लोगों ने मोदी को पसंद बताया तो राहुल गांधी पर 3 पर्सेंट लोगों ने ही भरोसा जताया। सर्वे के मुताबिक केरल में राहुल गांधी पीएम पद के लिए पहली पसंद हैं। यहां 24 पर्सेंट लोगों ने राहुल गांधी को पीएम के लिए पहली पसंद बताया जबकि मोदी को 12 पर्सेंट लोगों ने ही पसंद किया। सबसे ज्यादा 55 पर्सेंट लोगों ने कहा कि इस मुद्दे पर फिलहाल उनकी कोई राय नहीं है। तमिलनाडु में 24 पर्सेंट लोग नरेंद्र मोदी को पीएम बनाने के पक्ष में दिखे। जबकि 17 पर्सेंट लोग जयललिता को और 9 पर्सेंट लोग राहुल गांधी को पीएम बनाने के पक्ष में थे।
इस बार आंध्र प्रदेश की राजनीति में कांग्रेस बुरी तरह से लाचार दिख रही है। ऐसे में कांग्रेस को 42 सीटों वाले प्रदेश में महज 4 से 8 सीटों पर संतोष करना पड़ सकता है। चंद्रबाबु नायडू की टीडीपी इस बार आंध्र प्रदेश में लीड कर सकती है। टीडीपी को 13-19 सीटें मिलने का अनुमान है। वहीं 9-15 सीटों के साथ जगन मोहन रेड्डी की वाईएसआर कांग्रेस दूसरे नंबर पर रह सकती है। टीआरएस को भी 4-8 सीटें मिल सकती हैं। अविभाजित आंध्र में टीडीपी 29 पर्सेंट वोट, वाईएसआर कांग्रेस को 21, कांग्रेस को 18, टीआरएस को 13, बीजेपी को 8 आप को 1 और अन्य को 10 पर्सेंट वोट मिलने का अनुमान है।
तंलगाना में कांग्रेस को 35 पर्सेंट वोट और टीआरएस को 34 पर्सेंट वोट मिल सकता है। वहीं बीजेपी को 10 पर्सेंट, टीडीपी को 13 और अन्य को 10 पर्सेंट वोट मिलने की उम्मीद है। अलग तेलंगाना राज्य बनाने का क्रेडिट लोग टीआरएस को दे रहे हैं। 37 पर्सेंट लोगों ने के. चंद्रेशखर राव और टीआरएस को तेलंगाना का क्रेडिट दिया। वहीं 21 पर्सेंट लोगों ने कांग्रेस केंद्रीय नेतृत्व को।
कांग्रेस के नेतृत्व वाला यूनाइडेट डेमोक्रेडिट फ्रंट(यूडीएफ) केरल में मजबूत स्थिति में रहेगा। यूडीएफ को 11-17 सीटों पर जीत मिल सकती है वही मुख्य विपक्षी सीपीएम के नेतृत्व वाला लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट(एलडीएफ) को 4-8 सीटों पर ही संतोष करना पड़ सकता है। बीजेपी और आम आदमी पार्टी यहां खाता खोलने में भी नाकाम रह सकती हैं। बीजेपी केरल में पिछले 20 सालों से खाता खोलने के जुगत में लगी है लेकिन हर बार नाकाम रहती है। यूडीएफ और एलडीएफ दोनों को 5 पर्सेंट वोटों का नुकसान उठाना पड़ सकता है। यूडीएफ को 45 पर्सेंट वोट मिलने का अनुमान है तो एलडीएफ 36 पर्सेंट वोट पाकर दूसरे नंबर पर रह सकता है। बीजेपी को 11 पर्सेंट और आम आदमी पार्टी को 3 पर्सेंट वोट मिल सकता है।
तमिलनाडु में सबसे ज्यादा 32 पर्सेंट वोट एआईएडीएमके को मिलने का अनुमान है। इसके बाद 23पर्सेंट वोट डीएमके+ को, 22 पर्सेंट वोट बीजेपी+ को, 12 पर्सेंट वोट कांग्रेस को और 2 पर्सेंट वोट आप को मिलने के आसार हैं। 39 लोकसभा सीटों वाले तमिलनाडु में सत्ताधारी एआईएडीएमके को सबसे ज्यादा 15 से 21 सीटें मिलने का अनुमान है। डीएमके को 10 से 16 सीटें मिल सकती हैं। वहीं, BJP और उसके सहयोगी दलों को 6 से 10 सीटें मिलने का अनुमान है।