Tuesday, October 8, 2013

सीमांध्र में बिजली कर्मियों ने हड़ताल के तहत थर्मल प्लांट बंद

 आंध्र प्रदेश के विभाजन के खिलाफ सीमांध्र और रायलसीमा में चल रहे आंदोलन की तपिश में अब देश के दूसरे राज्य भी झुलसने लगे हैं। सीमांध्र में बिजली कर्मियों ने हड़ताल के तहत थर्मल प्लांट बंद कर दिए गए हैं, इससे दक्षिणी पावर ग्रिड से बिजली की सप्लाई चरमरा गई। आंध्र प्रदेश के अलावा तमिलनाडु और कर्नाटक के कई हिस्से अंधेरे में डूब गए हैं। इससे ट्रेनों के आवागमन और कारखानों के कामकाज बुरी तरह से प्रभावित हुए हैं। सीमांध्र में प्रदर्शनकारियों ने हाईवे बंद कर दिया है। इसकी वजह से ओडिशा, कर्नाटक, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल में पूर्वी-दक्षिणी कॉरिडोर के जरिए होने वाली समानों की ढुलाई प्रभावित हुई है।
राज्य के प्रस्तावित विभाजन के खिलाफ वाईएसआर कांग्रेस अध्यक्ष वाईएस जगनमोहन रेड्डी का अनिश्चितकालीन अनशन आज चौथे दिन में प्रवेश कर गया। तटीय आंध्र और रायलसीमा क्षेत्रों में चल रहे धरने, विरोध-प्रदर्शन की एक कड़ी सोमवार को देश की राजधानी तक आ पहुंची। बंटवारे के विरोध में तेलुगुदेशम पार्टी के अध्यक्ष चंद्रबाबू नायडू ने यहां अनिश्चितकालीन अनशन शुरू किया। आंध्र में राष्ट्रपति शासन लगाए जाने की संभावनाओं पर कांग्रेस प्रवक्ता भक्त चरण दास ने कहा कि समय आने पर इस पर विचार किया जा सकता है।
नायडू ने आंध्र के हालात बयां करने के लिए इतालवी शब्द 'इमोबिलिज्मो' का इस्तेमाल किया, जिसका अर्थ है गतिरोध। उनका कहना था कि दिल्ली की सरकार और कांग्रेस केवल इसी भाषा को समझेंगे। हालांकि, तेलंगाना का समर्थन या विरोध करने के सवाल पर उन्होंने कहा कि उनके लिए सभी तीनों क्षेत्र बराबर हैं। नायडू के अनशन शुरू करने के कुछ देर बाद कांग्रेस महासचिव और आंध्र प्रदेश के प्रभारी दिग्विजय सिंह ने कहा कि तेलंगाना पर सर्वदलीय बैठक में सीपीएम के अलावा सभी दलों ने आंध्र के विभाजन का समर्थन किया था। उनके पास तेलंगाना के समर्थन में नायडू का लिखा पत्र भी है।

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