उत्तर प्रदेश में अखिलेश
यादव सरकार का तीसरा मंत्रिमंडल विस्तार शुक्रवार हुआ। राजभवन में हुए इस
मंत्रिमंडल विस्तार में यूपी की सियासत में दबंग नेता माने जाने वाले रघुराज
प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया की एक बार फिर अखिलेश सरकार में वापसी हो गई है। राजा
भैया की मंत्रिमंडल में वापसी के पीछे आगामी लोकसभा चुनाव को माना जा रहा है। यूपी
के सियासी पंडितों का कहना है कि यूपी में राजपूत वोट हासिल करने के मकसद से राजा
भैया को अखिलेश सरकार में फिर से जगह दी गई है।
15 मार्च, 2012 को सरकार बनने के बाद यह पहला मंत्रिमंडल विस्तार 9 फरवरी को हुआ था। इसमें 10 मंत्रियों को जगह दी गई थी। इसके बाद बीती 18 जुलाई को भी मंत्रिमंडल विस्तार हुआ। इसमें 3 मंत्री बनाए गए। एक को प्रमोशन भी दिया गया। अब यह चौथा मंत्रिमंडल विस्तार हुआ है। इस विस्तार में रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया की अखिलेश सरकार में वापसी हुई है।
पिछले मंत्रिमंडल विस्तार की तरह इस विस्तार का आधार भी लोकसभा चुनाव ही रहा है। लगातार उपेक्षा की वजह से यह चर्चा शुरू हो गई थी कि रघुराज प्रताप सिंह बीजेपी के करीब जा सकते हैं। इसी डर की वजह से मंत्रिमंडल में उनकी वापसी हुई है। साथ ही कहा जा रहा है कि यूपी में आज की तारीख में राजपूत नेताओं में सबसे बड़ा चेहरा राजा भैया का ही है। अगले लोकसभा चुनावों में राजपूत वोटों को हासिल करने के लिए भी राजा भैया की मंत्रिमंडल में वापसी तय थी।
15 मार्च, 2012 को सरकार बनने के बाद यह पहला मंत्रिमंडल विस्तार 9 फरवरी को हुआ था। इसमें 10 मंत्रियों को जगह दी गई थी। इसके बाद बीती 18 जुलाई को भी मंत्रिमंडल विस्तार हुआ। इसमें 3 मंत्री बनाए गए। एक को प्रमोशन भी दिया गया। अब यह चौथा मंत्रिमंडल विस्तार हुआ है। इस विस्तार में रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया की अखिलेश सरकार में वापसी हुई है।
पिछले मंत्रिमंडल विस्तार की तरह इस विस्तार का आधार भी लोकसभा चुनाव ही रहा है। लगातार उपेक्षा की वजह से यह चर्चा शुरू हो गई थी कि रघुराज प्रताप सिंह बीजेपी के करीब जा सकते हैं। इसी डर की वजह से मंत्रिमंडल में उनकी वापसी हुई है। साथ ही कहा जा रहा है कि यूपी में आज की तारीख में राजपूत नेताओं में सबसे बड़ा चेहरा राजा भैया का ही है। अगले लोकसभा चुनावों में राजपूत वोटों को हासिल करने के लिए भी राजा भैया की मंत्रिमंडल में वापसी तय थी।
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